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संत पेत्रुस महागिरजाघर का प्रांगण संत पेत्रुस महागिरजाघर का प्रांगण   (ANSA)

संत पापा द्वारा पूर्वी कलीसियाओं के दंड कानून में संशोधन

मोतु प्रोप्रियो द्वारा जारी एक नए प्रेरितिक पत्र में संत पापा फ्राँसिस पूर्वी कलीसियाओं के कैनन कोड में बदलाव का परिचय देते हैं। पूर्वी कैनन लॉ की विशिष्ट विशेषताओं को संरक्षित करते हुए 2021 में लैटिन कोड ऑफ कैनन लॉ में किए गए परिवर्तन समान हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 5 अप्रैल 2023 (वाटिकन न्यूज) : मोतु प्रोप्रियो द्वारा जारी एक नए प्रेरितिक पत्र में, संत पापा फ्राँसिस ने पूर्वी कलीसियाओं के दंडात्मक कानून को संशोधित किया है, पूर्वी कानून की विशिष्ट विशेषताओं को संरक्षित करते हुए लैटिन कलीसिया के साथ पूर्वी अनुशासन के कुछ पहलुओं का सामंजस्य स्थापित किया है। इस वर्ष पर लैटिन में पूर्ण पाठ, 20 मार्च को संत जोसेफ के पर्व के अवसर पर हस्ताक्षर किए गए थे और  बुधवार 5 अप्रैल को प्रकाशित हुआ। नया कानून संत पेत्रुस और संत पौलुस के पर्व 29 जून 2023 को लागू होगा।

संत पापा फ्राँसिस ने 2021 में लैटिन कलीसिया में दंडात्मक प्रतिबंधों से संबंधित कैनन लॉ संहिता की पुस्तक VI में ‘प्रेरितिक संविधान पाससाइट ग्रेगेम देई’ के साथ पहले ही संशोधन कर दिया था। यह संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें के तहत शुरू हुआ संशोधन का काम था।

उस समय, संत पापा फ्राँसिस ने समझाया कि यह स्पष्ट था कि 1983 के कैनन लॉ कोड में संत पापा जॉन पॉल द्वितीय द्वारा घोषित दंड अनुशासन को संशोधित करने की आवश्यकता थी, "ताकि कलीसिया के धर्माध्यक्ष इसे सुधार के अधिक लचीले साधन के रूप में नियोजित कर सकें और अधिक गंभीर बुराइयों से बचने और मानवीय कमजोरी के कारण लगी चोटों को ठीक करने के लिए तेजी से और प्रेरितिक दया के साथ लागू करने में सक्षम है। लैटिन कोड की नई पुस्तक VI, 8 दिसंबर 2021 को लागू हुई।

संत पापा ने कहा कि यह "दया की एक ठोस और आवश्यक आवश्यकता है, न केवल कलीसिया, ख्रीस्तीय समुदाय और संभावित घायल पक्षों के प्रति, बल्कि उन लोगों के प्रति भी जो अपराध करते हैं और जिन्हें स्वयं कलीसिया की दया और सुधार की आवश्यकता है।" उन्होंने कहा कि "अतीत में, दया और सहारा के अभ्यास के बीच कलीसिया में मौजूद घनिष्ठ संबंध की सराहना करने में विफलता से बहुत नुकसान हुआ था, जहां अनुशासनात्मक प्रतिबंधों के लिए न्याय और परिस्थितियों की आवश्यकता होती है।"

आज के प्रेरितिक पत्र में, संत पापा स्पष्ट रूप से कहते हैं कि दंड का उद्देश्य न्याय की बहाली, अपराधी का सुधार और अपराध और क्षति की क्षतिपूर्ति है। धर्माध्यक्ष इसलिए, जब गलत करने वाले ख्रीस्तीय विश्वासियों के व्यवहार को सही करने का प्रयास करते हैं, तो वे अपनी चिंता प्रकट करते हैं।"

नए मानदंड अधिक स्पष्ट रूप से निर्धारित करते हैं कि कब कलीसियाई अधिकारी को अपराधों के मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए," विधायी ग्रंथों के लिए गठित परमधर्मपीठीय विभाग के सचिव मोनसिन्योर जुआन इग्नासियो अरिएटा बताते हैं। "वे अधिक सटीक हैं और लगाए जाने वाले दंड भी स्पष्ट, बेहतर निर्धारित हैं। इसके अलावा, पूर्वी अनुशासन को भी कई पहलुओं में लैटिन अनुशासन के साथ मिला दिया गया है, जैसे कि नाबालिगों के साथ दुर्व्यवहार और संस्कारों की सुरक्षा।

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05 April 2023, 16:15