खोज

स्वर्ग की रानी प्रार्थना : हम सुसमाचार के प्रसन्नचित्त प्रचारक बनें

पास्का सोमवार को संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया और याद दिलाई कि कैसे सुसमाचार की महिलाएँ पुनर्जीवित प्रभु की खबर देने के लिए दौड़ती हैं। वे हमें सिखलाती हैं कि हम येसु का साक्ष्य देकर उनसे मुलाकात कर सकते हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 10 अप्रैल 2023 (रेई): वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में पास्का पर्व के दूसरे दिन सोमवार को, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया। स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व उन्होंने बतलाया कि सुसमाचार में महिलाएँ किस तरह पुनर्जीवित प्रभु का समाचार देने के लिए दौड़ती हैं और हमें सिखलाती हैं कि येसु का साक्ष्य देकर हम उनसे मुलाकात कर सकते हैं।

साहस और प्यार

आज, सुसमाचार पाठ हमें पास्का सुबह महिलाओं के पुनर्जीवित येसु से मुलाकात को फिर एक बार अनुभव करने का अवसर देता है। इस प्रकार यह याद दिलाता है कि महिला शिष्याएँ ही थीं जिन्होंने उन्हें सबसे पहले देखा और उनसे मुलाकात की।  

हम अपने आप से पूछ सकते हैं : पर क्यों वे ही? संत पापा ने कहा कि इसका कारण बहुत सरल है: क्योंकि वे ही सबसे पहले कब्र गईं। सभी शिष्यों की तरह, वे भी इस बात से पीड़ित थीं कि कैसे येसु की कहानी समाप्त हो गई; लेकिन, दूसरों की तरह, वे उदासी और भय से लकवाग्रस्त घर पर नहीं रहीं: बल्कि सुबह-सुबह, सूर्योदय के समय, सुगंधित मलहम लेकर येसु के शरीर का सम्मान करने पहुँचीं। कब्र बंद थी और उन्हें चिंता थी कि पत्थर कौन हटा देगा। (मार. 16,1-3) लेकिन प्रेम प्रकट करने की उनकी चाह सब कुछ से बढ़कर थी। वे निराश नहीं हुईं, बल्कि अपने भय एवं चिंता से बाहर निकलीं। संत पापा ने कहा कि पुनर्जीवित ख्रीस्त को पाने का यही रास्ता है। अपने डर और अपनी पीड़ा से बाहर निकलना।

प्रभु हमारे बीच

उन्होंने कहा, “आइये, हम सुसमाचार में बतलाये गये दृश्य की पुनः कल्पना करें : महिलाएँ पहुँचती हैं, खाली कब्र को देखतीं हैं और डर एवं अत्यन्त खुशी से शिष्यों को बतलाने के लिए दौड़ती हैं।”(मती.28,8)

अब, ज्यों ही वे इस घोषणा के लिए गईं, येसु उनसे मिलने आ गये। संत पापा ने कहा कि हम इस बात पर गौर करें कि जब वे घोषणा करने जाती हैं तो येसु उनसे मिलने आ जाते हैं। यह कितना सुन्दर है : जब हम प्रभु की घोषणा करते हैं, प्रभु हमारे पास आते हैं। कभी-कभी हम सोचते हैं कि ईश्वर के निकट रहने का तरीका है उन्हें अपने करीब रखना; क्योंकि यदि हम अपने आपको खोलेंगे और बात करने लगेंगे तो लोग न्याय करेंगे, आलोचनाएँ होंगी, शायद हम कुछ सवालों या उत्तेजना का जवाब देना नहीं जानेंगे, और इसलिए बेहतर है कि हम इसके बारे में बात ही न करें। जबकि प्रभु तब आते हैं जब हम उनकी घोषणा करते हैं। महिलाएँ हमें यही सिखाती हैं कि येसु तभी मुलाकात करते हैं जब हम उनका साक्ष्य देते हैं। हम हमेशा उद्घोषणा के रास्ते में प्रभु को पा सकते हैं। संत पापा ने कहा, “प्रभु की घोषणा करें और आप उन्हें पायेंगे। प्रभु की खोज करें और आप उनसे मुलाकात करेंगे। महिलाएँ हमें यही सीख देती हैं। येसु का साक्ष्य देते हुए हम उनसे मिल सकते हैं। हम इस बात को याद रखें, येसु से मुलाकात उनका साक्ष्य देते हुए की जा सकती है।”

सुसमाचार हममें जीवित

एक उदाहरण, कभी-कभी हम कोई खास खबर पाते हैं, जैसे कि एक नवजात शिशु का जन्म। इस खुशी को हम मित्रों के बीच बांटते हैं। और इसे बतलाते हुए हम इसे अपने लिए दुहराते हैं और कभी-कभी अपने आपमें इसे सजीव बना देते हैं। संत पापा ने कहा कि यदि एक अच्छी खबर के लिए ऐसा होता है, तो येसु के लिए तो यह और अधिक है, जो न केवल अच्छी खबर हैं, या जीवन के सबसे उत्तम समाचार हैं, बल्कि स्वयं "पुनरुत्थान और जीवन" हैं। (यो 11:25) जब कभी हम इसकी घोषणा करते हैं, प्रचार या धर्मांतरण के द्वारा नहीं, क्योंकि घोषणा करना एक चीज है और धर्मांतरण दूसरी चीज। एक ख्रीस्तीय घोषणा करता है। जिनका मकसद कुछ और होता है वे धर्मांतरण करते हैं एवं यह अच्छा नहीं है। जब कभी हम उनकी घोषणा करते हैं वे हमसे मिलने आते हैं। सम्मान और प्रेम से, एक खूबसूरत उपहार के रूप में, वे हममें और अधिक निवास करने आते हैं।  

हम सुसमाचार की नारियों को फिर याद करें : कब्र पत्थर से सील किया हुआ था फिर भी वे वहाँ जाती हैं; पूरे शहर ने येसु को क्रूस पर देखा था, फिर भी वे शहर में उनके जीवित होने की घोषणा करने जाती हैं। संत पापा ने कहा, क्योंकि “जब हम येसु से मुलाकात करते हैं, तो कोई भी बाधा हमें उनकी घोषणा करने से नहीं रोक सकता, दूसरी ओर, यदि हम उस आनन्द को अपने लिए रखते हैं तो हो सकता है कि हमने उनसे सच्ची मुलाकात नहीं की होगी।”

चिंतन

संत पापा ने चिंतन हेतु प्रेरित करते हुए कहा, “भाइयो एवं बहनो, महिलाओं के अनुभवों पर चिंतन करते हुए हम अपने आपसे पूछें: मैंने पिछली बार कब येसु का साक्ष्य दिया? आज, मैं ऐसा क्या करूँ कि जिन लोगों से मैं मिलूँ वे उसकी घोषणा की खुशी पाएँ? और फिर: क्या कोई मेरे बारे में सोच कर कह सकता है: कि यह व्यक्ति शांत है, खुश है, क्योंकि इसने येसु से मुलाकात की है? आइये, हम माता मरियम से प्रार्थना करें, कि वे हमें सुसमाचार के प्रसन्नचित संदेशवाहक बनने में मदद दें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

खुश पास्का पर्व की शुभकामनाएँ एवं आभार

स्वर्ग की रानी प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने रोम तथा विश्व के विभिन्न हिस्सों से आये तीर्थयात्रियों को पास्का पर्व की शुभकामनाएँ अर्पित की। उन्होंने कहा, “मैं आप सभी को खुश पास्का पर्व की शुभकामनाएँ देता हूँ। ख्रीस्त जी उठे हैं वे सचमुच जी उठे हैं।”

उन्होंने शुभकामनाएँ भेजनेवालों के प्रति अपना आभार प्रकट करते हुए कहा, “मैं उन सभी को धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने इन दिनों मुझे शुभकामनाएँ भेजे हैं। मैं विशेष रूप से प्रार्थनाओं के लिए आभारी हूँ। कुँवारी मरियम की मध्यस्थता से प्रार्थना करता हूँ कि ईश्वर हरेक को अपने उपहारों से पुरस्कृत करें!”

पीड़ित यूक्रेन के लिए प्रार्थना

तब संत पापा ने पुनः यूक्रेन में शांति के लिए अपनी अपील दुहरायी। "आइए हम पूरी दुनिया के लिए, विशेष रूप से प्रिय और पीड़ित यूक्रेन में शांति के उपहार का आह्वान करें।"

अंत में, उन्होंने सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया एवं उन्हें पास्का सोमवार की शुभकामनाएँ अर्पित की।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

10 April 2023, 15:42