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स्पेन की सूरिया खान में  तीन श्रमिकों को बचाने पहुँचा दमकल समूह,  09.03.2023 (प्रतीकात्मक तस्वीर) स्पेन की सूरिया खान में तीन श्रमिकों को बचाने पहुँचा दमकल समूह, 09.03.2023 (प्रतीकात्मक तस्वीर) 

"फेंकने की संस्कृति" का करें बहिष्कार, श्रमिकों की करें रक्षा

इटली में श्रम सम्बन्धी दुर्घटनाओं के विरुद्ध राष्ट्रीय बीमा संस्थान (ईनैल) के निदेशकों और कर्मचारियों से गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने आग्रह किया कि वे "फेंकने की संस्कृति" का बहिष्कार करें जो श्रमिकों को सुरक्षा प्रदान नहीं करती है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 10 मार्च 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): इटली में श्रम सम्बन्धी दुर्घटनाओं के विरुद्ध राष्ट्रीय बीमा संस्थान (ईनैल) के निदेशकों और कर्मचारियों से गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने आग्रह किया कि वे "फेंकने की संस्कृति" का बहिष्कार करें जो श्रमिकों को सुरक्षा प्रदान नहीं करती है। उन्होंने उस मानसिकता की निन्दा की जिसकी अभिव्यक्ति "यदि आप उत्पादन करते हैं तो आप लायक हैं" वाक्यांश में होती है।

समाज "कचरे की संस्कृति का गुलाम"

सन्त पापा ने कहा, श्रमिकों की गरिमा की सदैव रक्षा नहीं की जाती है और प्रायः, दुर्घटना की स्थिति में, बोझ "परिवारों के कंधों पर डाल दिया जाता है।" उन्होंने कहा कि ऐसा समाज जो बिना सुरक्षा के होता है, वह हमेशा "कचरे की संस्कृति का अधिक गुलाम" होता है।

सन्त पापा ने उस मानसिकता की निन्दा की जो पूर्वाग्रहों के कारण महिलाओं का परित्याग कर देता है, सम्भवतः इस डर से कि वे गर्भवती हो सकती हैं, या फिर सिर्फ इसलिये उसका वज़न बढ़ना शुरू हो जाता है और उन्हें दरकिनार करना ज़रूरी हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घिनौनी मानसिकता के खिलाफ हमें लड़ना होगा।

पूर्ण सुरक्षा बहुत दूर 

विश्व तथा इटली में श्रम सम्बन्धी दुर्घटनाओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए सन्त पापा ने कहा कि प्रायः दुर्घटनाओं की स्थिति में श्रमिक किसी भी प्रकार की सुरक्षा से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने कहा, अभी तक कार्यक्षेत्रों एवं कार्यस्थलों पर श्रमिकों की पूर्ण सुरक्षा का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका है, विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा का।

सन्त पापा ने कहा कि दुर्घटनाओं को रोकने के लिये ईनैल का काम अनमोल है, तथापि, घायलों का साथ देना और उनके परिवारों के लिए सहायता की गारंटी देना भी आवश्यक है ताकि कोई भी स्वतः को "खुद पर छोड़ दिया गया  महसूस नहीं करे।"

सन्त पापा ने कहा, "सुरक्षा उपायों के बिना, समाज अधिकाधिक "फेंकने वाली संस्कृति" का दास बन जाता है। यह व्यक्ति की गरिमा को पहचानने के बजाय उसकी ओर उपयोगितावादी दृष्टि से देखता है। "यदि आप उत्पादन करते हैं तो आप लायक हैं, मूल्यवान हैं, यदि आप उत्पादन नहीं करते हैं तो आप कुछ भी नहीं हैं" ऐसे तर्क भयावह हैं।"

जीवन और स्वास्थ्य अनमोल

सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि जीवन और स्वास्थ्य अमूल्य हैं, जिनका "धन या किसी के व्यक्तिगत हित के लिए" आदान-प्रदान नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा, "फेंकने की संस्कृति पीड़ितों को दोष देने की प्रवृत्ति की ओर ले जाती तथा इसे न्यायोचित ठहराने की कोशिश करती है।" उन्होंने कहा कि यह "मानवीय गरीबी का संकेत है जिसमें हम रिश्तों को खो देने का जोखिम उठाते तथा मूल्यों के सही पदानुक्रम को खो देते हैं, जिसमें मानव व्यक्ति की गरिमा सर्वोपरि है"।

ईनैल के निर्देशकों एवं अधिकारियों को सन्त पापा ने आमंत्रित किया कि यदि वे व्यक्ति की केंद्रीयता को बढ़ावा देना चाहते हैं;  तो श्रम के मूल्य से अधिक व्यक्ति के मूल्य को पहचानें; "श्रम के अर्थ पर", और श्रम की गुणवत्ता, स्थानों और परिवहन के लिए, मूलभूत पहलुओं की देखभाल के महत्व पर अपना ध्यान केन्द्रित करें, इसलिये कि जब श्रम के यथार्थ भाव का ह्रास होता है, तो लोकतंत्र कमज़ोर होता है और सामाजिक बंधन ढीले पड़ जाते हैं।

सन्त पापा ने कहा कि यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सुरक्षा नियमों का पालन किया जाए: उन्हें कभी भी अनावश्यक बोझ के रूप में नहीं देखा जाये, जैसा कि हमेशा होता है, दुर्भाग्यवश, स्वास्थ्य के मूल्य का एहसास हमें तभी होता है जब वह खो जाता है।

सभी प्रकार की विकलांगताओं का सामना करने के लिए सन्त पापा ने ईनैल के निर्देशकों को प्रोत्साहित किया और कहा कि केवल भौतिक ही नहीं अपितु मनोवैज्ञानिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विकलांगता का सामना करने में श्रमिकों की मदद की जाये ताकि वे स्वतः को समाज के बहिष्कृत न समझें।

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10 March 2023, 11:16