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सन्त पापा फ्राँसिस आम दर्शन  समारोह के अवसर पर, तस्वीरः 15.03.2023 सन्त पापा फ्राँसिस आम दर्शन समारोह के अवसर पर, तस्वीरः 15.03.2023  

सन्त जोसफ को समर्पित धर्मसंघ के सदस्यों को सम्बोधन

इटली के ट्यूरिन शहर में सन् 1873 ई. में स्थापित सन्त जोसफ को समर्पित धर्मसंघ की 150 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में धर्मसंघ के आध्यात्मिक मार्गदर्शकों पुरोहितों तथा धर्मबहनों ने शुक्रवार को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 17 मार्च 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): इटली के ट्यूरिन शहर में  सन् 1873 ई. में स्थापित सन्त जोसफ को समर्पित धर्मसंघ की 150 वीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में धर्मसंघ के आध्यात्मिक मार्गदर्शकों पुरोहितों तथा धर्मबहनों ने शुक्रवार को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना। धर्म संघ की स्थापना, विशेष रूप से युवा श्रमिकों की देखभाल और प्रशिक्षण के लिए, 1873 ई. में सन्त लेओनार्दो मुरिआल्दो द्वारा की गई थी।  

हार्दिक शुभकामनाएं

धर्मसंघ के सदस्यों को सम्बोधित शब्दों में सन्त पापा फ्राँसिस ने तत्कालीन ट्यूरिन शहर की कठिनाइयों का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि सन्त लेओनार्दों नैतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक ग़रीबी से चिह्नित ट्यूरिन के कठोर संदर्भ के प्रति उदासीन नहीं रहे: उन्होंने चुनौती का सामना किया तथा युवा श्रमिकों के लिये काम करने हेतु तैयार हो गए।

सन्त पापा ने कहा कि इस प्रकार एक ऐसी वास्तविकता का जन्म हुआ जिसने विगत 150 वर्षों के अन्तराल में लोगों को कार्यों, विभिन्न सांस्कृतिक अनुभवों और सबसे बढ़कर ढेर सारे प्यार से समृद्ध किया। धर्मसंघ में लगभग पांच सौ धर्मसमाजी और इनके अलावा सन्त जोसफ की मूरियालदीने नामक धर्मसंघ की धर्मबहनें भी शामिल हैं, जिन सबके प्रति मैं हार्दिक शुभकामनाएं अर्पित करता तथा सन्त लेओनार्दो द्वारा आरोपित बीज के विकसित होने पर ईश्वर के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।   

समय की ज़रूरतों को समझें

धर्मसंघ की 150 वीं वर्षगाँठ के समारोहों के उदघाटन के अवसर पर प्रेषित किये गये अपने सन्देश का स्मरण दिलाकार सन्त पापा ने कहा कि विगत वर्ष उन्होंने धर्मसंघ के सदस्यों से आग्रह किया था कि वे "समय की जरूरतों को समझने की कला सीखें तथा पवित्र आत्मा की रचनात्मकता के साथ उन्हें प्रदत्त मिशन में आगे बढ़ते रहें।" सन्त पापा ने कहा कि आज पहले से कहीं अधिक विश्वसनीय गवाहों की आवश्यकता है, जो समय के चन्हों को समझते हुए युवाओं का विशेष ध्यान रखें। सभी से उन्होंने आग्रह किया कि वे अपने संस्थापक लेओनार्दों मुरियाल्दो के पद चिन्हों पर चलकर पितृत्व की भावना में अपने से छोटों की रक्षा पर ध्यान केन्द्रित करें।

सन्त पापा ने कहा कि विगत वर्ष किये गये इस आग्रह को वे पुनः दुहराना चाहते हैं और सन्त जोसफ को समर्पित धर्मसंघ के सभी सदस्यों से अनुरोध करते हैं कि वे अपने जीवन एवं प्रेरिताई के महत्वपूर्ण घटकों पर ध्यान दें, जो हैं, ईश्वर की दया और प्रेम का प्रसार, बदलते विश्व पर ध्यान तथा भाईचारे एवं  उदारता की पितृत्व मिठास।  

सन्त लेओनार्दोः आदर्श  

सन्त पापा ने कहा कि जिस प्रकार सन्त लेओनार्दों ईश्वरीय प्रेम के अनुभव को साझा करते हैं उसी प्रकार हम भी हमें मिले वरदानों को अन्यों में साझा कर विश्व में ईश्वर के प्रेम एवं करुणा के विश्वसनीय साक्षी बनें।

सन्त पापा ने कहा, सन्त लेओनार्दो मुरियाल्दो, निश्चित रूप से, एक गहन रहस्यवादी, तीव्र पर्यवेक्षक और एक साहसी भविष्यवक्ता थे और इसीलिये वे अपने समय के पुरुषों और महिलाओं की जरूरतों के प्रति अति चौकस और संवेदनशील रहे। उन्होंने कहा कि नई, गंभीर और अक्सर छिपी हुई कठिनाइयों के अस्तित्व पर ध्यान देने में वे  सक्षम थे, और इसीलिये ज़रूरतमन्दों की सहायता और देखभाल में उन्होंने कोई संकोच नहीं किया।

सन्त पापा ने कहा कि सन्त लेओनार्दो एक बुद्धिमान और उदारमना ईश पुरुष थे। उन्हीं का आदर्श गहण पर आप भी सन्त जोसफ को समर्पित धर्मसंघ के धर्मसमाजी,  धर्मसंघी एवं लोकधर्मी विश्वासी सभी को मैं आमंत्रित करता हूँ कि आप भी उनके समान जुनून और साहस को विकसित करें तथा प्रार्थना, विवेक और कार्य के साझा पथ पर, न्याय और सहभागिता के कारीगर बनें। सन्तता के पथ पर आप सभी आगे बढ़ें क्योंकि संत की दृष्टि दूरदर्शी होती है, यह पथ जीवन को अधिक मानवीय बनाता है, लोगों में आशा और विश्वास का संचार करता और अपने इस अनुभव को साझा करना जानता है कि ईश्वर प्रेम हैं।

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17 March 2023, 12:09