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पोलिकोरो परियोजना के युवाओं से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस पोलिकोरो परियोजना के युवाओं से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस  (ANSA)

इटली के युवाओं से पोप : विश्व को एक “अच्छी राजनीति” की जरूरत है जो शांति बढ़ाये

संत पापा फ्राँसिस ने इताली काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के तत्वधान में आयोजित पोलिकोरो परियोजना के 150 युवाओं प्रतिनिधियों से शनिवार को वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में मुलाकात की। संत पापा फ्राँसिस ने हमारे युद्धग्रस्त समय में "बेहतर राजनीति" की अत्याधिक आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 18 मार्च 2023 (रेई) :  संत पापा फ्राँसिस ने इताली काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के तत्वधान में आयोजित पोलिकोरो परियोजना के 150 युवाओं प्रतिनिधियों से शनिवार को वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में मुलाकात की। संत पापा फ्राँसिस ने हमारे युद्धग्रस्त समय में "बेहतर राजनीति" की अत्याधिक आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

पोलिकोरो परियोजना इताली कलीसिया की एक ऐसी परियोजना है जो इटली में बेरोजगारी की समस्या का ठोस समाधान करने का प्रयास करती है। परियोजना का उद्देश्य, कलीसिया के सामाजिक सिद्धांत के अनुसार युवाओं की बेरोजगारी की समस्या का समाधान करना है।

युद्ध में राजनीति की विफलता

इसकी विषयवस्तु शांति पर धय्न देते हुए संत पापा ने कहा, “युद्ध राजनीति की विफलता है।” हमारे युद्धग्रस्त समय में एक अच्छी राजनीति की जरूरत है जो लोगों को सुनती और शांति को बढ़ावा देती है।

"यदि एक वर्ष के लिए हथियार नहीं बनाए गए, तो दुनिया में भुखमरी को समाप्त किया जा सकती है।"

संत पापा ने इस बात को स्वीकार किया कि आज राजनीति की पहचान अच्छी नहीं रह गई है, विशेषकर, युवाओं के बीच। उन्होंने कहा, इसके कई कारण हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के बारे सोचे बिना नहीं रह सकते? क्योंकि इसके लिए एक अधिक अच्छी राजनीति की जरूरत है।

बाईबिल में इस्राएल के राजा अहाब और उसकी पत्नी ईसाबेल का उदाहरण देते हुए संत पापा ने कहा कि बुरी राजनीति अपने आपको संतुष्ट करने के लिए किसी भी साधन का प्रयोग करती है। उन्होंने संत अम्ब्रोस के शब्दों को याद किया, जो कहते हैं कि राजनीति जो सत्ता का प्रयोग सेवा के लिए नहीं बल्कि शासन के लिए करती है वह देखभाल नहीं करती लेकिन गरीबों को कुचलती, पृथ्वी का शोषण करती और तनाव का जवाब युद्ध से देती है।  

 दूसरी ओर, एक सकारात्मक उदाहरण याकूब के बेटे जोसेफ से लिया जा सकता है। जोसेफ जिसने व्यक्तिगत रूप से अन्याय सहा, उसने अपने फायदे की खोज नहीं की लेकिन लोगों की भलाई खोजी, शांति निर्माता बन गये, समाज को नया करने में सक्षम रिश्तों को जोड़ा।”

सियासी की कोमलता एवं फलदायी होना

संत पापा ने कहा कि बाईबिल के ये दो उदाहरण हमें उस आध्यात्मिकता को अधिक अच्छी तरह समझने में मदद करते हैं जो राजनीतिक गतिविधियों को सहारा देते हैं। उन्होंने दो आयामों पर ध्यान केंद्रित किया : कोमलता और फलदायक

उन्होंने कहा, “कोमलता प्रेम है जो निम्न, कमजोर, गरीब लोगों के निकट आता जबकि फलदायक बांटने, दूरदर्षिता, वार्ता, भरोसा, समझदारी और सुनने के द्वारा बनते हैं। इसका अर्थ है भविष्य को देखना और भावी पीढ़ी के लिए निवेश करना, जगह पर कब्जा करने के बदले प्रक्रिया शुरू करना।”

राजनीतिज्ञ समुदाय की सेवा में

संत पापा ने इस बात पर गौर करते हुए कि राजनीतिक कार्य एक सेवा है, पोलिकोरो परियोजना के प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे निजी लाभ या राजनीतिक लाभ पर ध्यान केंद्रित न करें बल्कि लेकिन उद्यमिता को बढ़ावा देने, लोगों की भागीदारी को बढ़ावा देने के द्वारा सपनों को फलने-फूलने दें जो "लोकतंत्र के घावों का मरहम है।"

"आपकी चिंता चुनावी समर्थन या व्यक्तिगत सफलता नहीं होनी चाहिए, बल्कि लोगों को शामिल करना, उद्यमशीलता पैदा करना, सपनों को फलना-फूलना, लोगों को एक समुदाय से संबंधित होने की सुंदरता का एहसास कराना है। राजनेता सेवक है; जब राजनीतिज्ञ सेवक नहीं होता, तो वह बुरा राजनीतिज्ञ होता है।”

अंत में, संत पापा ने उन्हें समुदाय की "हमेशा सेवा करने के उद्देश्य से" अपना काम जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।

 

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18 March 2023, 15:53