खोज

पोप : अपनी आँखें खोलें और ईश्वर के वरदान के लिए आश्चर्य करें

संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में देवदूत प्रार्थना के दौरान रविवार को संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि अंधे व्यक्ति की तरह जिसने येसु से दृष्टिदान प्राप्त की, हम भी अपनी नजर खोलें और हमारे जीवन में ईश्वर के वरदानों के लिए विस्मित हों जो हम दूसरों की भलाई करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 18 मार्च 2023 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 19 मार्च को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज का सुसमाचार पाठ दिखलाता है कि येसु एक जन्म से अंधे व्यक्ति को दृष्टिदान प्रदान करते हैं (यो. 9,1-41) लेकिन इस चमत्कार को कई लोग और समूह बुरे रूप में लेते हैं। आइये, हम इसको विस्तार से देखें।

अंधे व्यक्ति पर विस्मय

सबसे पहले येसु के शिष्य, जन्म से अंधे व्यक्ति के सामने विस्मय करते हैं और कहते हैं कि इस व्यक्ति ने पाप किया है अथवा इसके माता-पिता ने। वे एक अपराधी को खोज कर रहे थे। संत पापा ने कहा कि हम अपने आप से पूछ सकते हैं, इस व्यक्ति की उपस्थिति का हमारे लिए क्या मायने रखता है? हमसे क्या मांग करता है? चंगाई के बाद, प्रतिक्रिया शुरू होती है। सबसे पहले पड़ोसियों की ओर से प्रतिक्रिया आती है, “यह व्यक्ति हमेशा अंधा रहा है: यह संभव नहीं है कि वह अब देख सके, ऐसा नहीं हो सकता।”

उसके बाद फरीसियों एवं शास्त्रियों की प्रतिक्रिया आती है जो विरोध करते हैं : यह व्यक्ति विश्राम के दिन चंगा हुआ, जो संहिता के खिलाफ है। उनके लिए यह अस्वीकार्य है। उनके लिए सब कुछ पहले जैसा छोड़ दिया जाता तो अच्छा था।  

अंततः चंगा किये गये व्यक्ति के माता-पिता आते हैं। वे भयभीत हैं और धर्मगुरूओं से डरते हैं, इसलिए वे इसकी घोषणा नहीं करते। इन सभी प्रतिक्रियाओं के बीच येसु के क्रूस के चिन्ह के सामने हृदय बंद हो जाता है, कई कारणों से: क्योंकि वे अपराधी को खोज रहे हैं, वे विस्मित होना नहीं जानते क्योंकि वे डर से बंद हो चुके हैं।

मैं पहले अंधा था अब देखता हूँ

सिर्फ एक ही व्यक्ति अच्छी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है : खुशी से देखते हुए वह अत्यन्त सरल भाव से साक्ष्य देता है : मैं पहले अंधा था अब देखता हूँ। (25) पहले वह भीख मांगने और लोगों के पूर्वाग्रह को सहने के लिए मजबूर था : "वह जन्म से ही गरीब और अंधा था, उसे दुःख झेलना था, अपने पापों के लिए अथवा अपने पूर्वजों के पापों के लिए।" अब शरीर एवं आत्मा से मुक्त होकर येसु का साक्ष्य देता है। वह न कुछ कल्पना करता और न छिपाता। वह नहीं डरता है कि लोग क्या कहेंगे। उसने पहले ही अपने पूरे जीवन में हाशिये पर जीवन जीने की कड़वाहट का अनुभव कर चुका है। उसने राह चलनेवालों की उदासीनता एवं तिरस्कार को पहले ही अनुभव कर लिया है जो उसे समाज के कचरे के रूप में देखते हैं, सिर्फ कुछ भिक्षादान पर निर्भर रहना है। अब वह चंगा हो चुका है तिरस्कार पूर्ण व्यवहार करनेवालों से उसे किसी प्रकार का डर नहीं है। क्योंकि येसु ने उसे विश्राम के दिन सबों के सामने पूर्ण सम्मान प्रदान किया है। उन्होंने उसे मुक्त किया है और बिना कुछ मांगे उसे दृष्टिदान दिया है जिसका वह साक्ष्य देता है।  

आपकी प्रतिक्रिया क्या होती

संत पापा ने कहा, “प्यारे भाइयो एवं बहनो, इन पात्रों के साथ-साथ सुसमाचार आज हमें भी इस दृष्य के बीच में रखता है, ताकि हम अपने आपसे पूछें: हम कौन सा स्थान लेते हैं? हम क्या बोले होते? और सबसे बढ़कर आज हम क्या कर रहे हैं? अंधे व्यक्ति की तरह क्या हम अच्छाई को देख पाते हैं और प्राप्त उपहारों के लिए कृतज्ञ हो पाते हैं? क्या हम येसु का साक्ष्य देते हैं अथवा क्या हम शिकायत करते एवं संदेह फैलाते हैं? क्या हम पूर्वाग्रह से मुक्त हैं या क्या हम उन लोगों का साथ देते हैं जो नकारात्मकता और शिकायत फैलाते हैं? क्या हम खुशी से कह सकते हैं कि येसु हमें प्यार करते और बचाते हैं। उस जन्म से अंधे व्यक्ति के माता-पिता की तरह क्या हम उस भय के घेरे में रहते हैं कि लोग क्या कहेंगे? और क्या हम दूसरों की कठिनाईयों एवं पीड़ा को समझते हैं? क्या उसे अभिशाप के रूप में देखते हैं अथवा क्या उसे प्रेम से उनके निकट आने के अवसर के रूप में देखते हैं?

संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा, “आइये, हम हर दिन ईश्वर की कृपा पर विस्मय करने के वरदान की याचना करें तथा जीवन की हर परिस्थिति, चाहे वह कितना ही कठिन क्यों न हो उसे भला काम करने के अवसर के रूप में ले सकें। जैसा कि येसु ने उस अंधे व्यक्ति के साथ किया। माता मरियम, निष्ठावान और धर्मी संत जोसेफ के साथ, इसके लिए हमारी सहायता करें।”

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

19 March 2023, 13:35