खोज

2023.03.27 पूर्व प्रेरितिक राजदूत जर्मन कार्डिनल कार्ल-जोसेफ राउबर 2023.03.27 पूर्व प्रेरितिक राजदूत जर्मन कार्डिनल कार्ल-जोसेफ राउबर 

संत पापा ने जर्मन कार्डिनल राउबर के निधन पर शोक व्यक्त किया

मेंज़, जर्मनी के धर्माध्यक्ष पीटर कोलग्राफ को एक संदेश भेजकर संत पापा फ्राँसिस ने पूर्व प्रेरितिक राजदूत जर्मन कार्डिनल कार्ल-जोसेफ राउबर को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका रविवार शाम को 88 वर्ष की आयु में परमधर्मपीठ के लिए राजनयिक सेवा के बाद निधन हो गया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 29 मार्च 2023 (वाटिकन न्यूज) : जर्मनी, मेंज के धर्माध्यक्ष पीटर कोलग्राफ को भेजे गए एक टेलीग्राम में, संत पापा फ्राँसिस ने पूर्व प्रेरितिक राजदूत कार्डिनल कार्ल-जोसेफ राउबर के जीवन और सेवा के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की, जिनका रविवार, 26 मार्च को निधन हो गया।

संत पापा ने वाटिकन में और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में "ईश्वर के लोगों की एकता के लिए कार्डिनल कार्ल-जोसेफ राउबर के समर्पण" को याद किया, जिसमें उन्होंने प्रेरितिक राजदूत के रूप में सेवा की। उन्होंने कहा कि "कलीसिया के सच्चे चरवाहे" के रूप में, कार्डिनल राउबर ने ख्रीस्त के प्रेम को दिखाया, इसे सभी के साथ "अनारक्षित और आनंदपूर्वक" साझा किया।

कार्डिनल कार्ल-जोसेफ राउबर का जन्म 11 अप्रैल 1934 को जर्मनी के बामबर्ग धर्मप्रांत में 1950 में हुआ था। उन्होंने मेटेन में बेनेडिक्टिन ऑर्डर के संत माइकेल-जिमनासियम से डिप्लोमा प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने मेंज विश्वविद्यालय में धर्मशास्त्र और दर्शनशास्त्र का अध्ययन किया।

28 फरवरी 1959 को मेन्ज़ के महागिरजाघर में उनका पुरोहिताभिषेक किया गया।

1962 में, उनका तबादला रोम हो गया, जहाँ उन्होंने परमधर्मपीठीय ग्रेगोरियन विश्वविद्यालय से कैनन लॉ में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की, और उन्होंने परमधर्मपीठीय कलीसियाई अकादमी में प्रवेश लिया।

कूटनीति में लंबी सेवा

1 अक्टूबर 1966 को, उन्होंने परमधर्मपीठ की राजनयिक सेवा में प्रवेश किया और 1977 तक राज्य सचिवालय में काम किया और अंततः जर्मन अनुभाग के अध्यक्ष बन गए। बाद में उन्होंने बेल्जियम, लक्समबर्ग और ग्रीस में प्रेरितिक राजदूत के रूप में अपनी सेवा दी।

18 दिसंबर 1982 को, उन्हें युगांडा में प्रेरितिक उप-राजदूत नियुक्त किया गया था और इउबाल्टियाना का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने 6 जनवरी 1983 को धर्माध्यक्षीय अभिषेक प्राप्त किया। युगांडा में अपने मिशन के बाद, जनवरी 1990 में उन्हें परमधर्मपीठीय कलीसियाई अकादमी का अध्यक्ष नामित किया गया।

16 मार्च 2003 को, उन्हें स्विट्जरलैंड और लिकटेंस्टीन में प्रेरितिक राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया था।

25 अप्रैल 1997 को, उन्होंने हंगरी और मोल्दोवा में प्रेरितिक राजदूत की भूमिका ग्रहण की।

22 फरवरी 2003 को, उन्हें बेल्जियम और लक्ज़मबर्ग में प्रेरितिक राजदूत की के रूप में नियुक्त किया गया, जून-जुलाई 2009 में उनका जनादेश समाप्त हुआ।

14 फरवरी 2015 की धर्मसभा में संत पापा फ्राँसिस ने सिरकोन्वलज़िओन अप्पिया में पादुआ के संत अंतोनी के उपयाजक के रूप में कार्डिनल बनाया।

उनके निधन के साथ, कार्डिनल मंडल में 222 कार्डिनल हैं, जिनमें से 123 निर्वाचक हैं और 99 गैर-निर्वाचक हैं।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

29 March 2023, 15:47