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देवदूत प्रार्थना में पोप : चलने सीखनेवाले बच्चे की तरह ईश्वर को हाथ पकड़कर ले जाने दें

रविवार को देवदूत प्रार्थना के दौरान संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों का आह्वान किया कि एक चलने सीखनेवाले बच्चे की तरह ईश्वर को अपना हाथ पकड़कर ले चलाने दें एवं ऐसे रास्ते पर भी उन्हें मार्गदर्शन करने दें जहाँ वे गिरते अथवा निराश महसूस करते हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार, 26 मार्च 23 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 26 मार्च को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज चालीसा का पाँचवाँ रविवार, सुसमाचार पाठ लाजरूस के जी उठने को प्रस्तुत करता है। (यो.11,1-45) संत पापा ने कहा, “यह येसु का अंतिम चमत्कार है जो पास्का के पहले घटित हुआ।” अतः कह सकते हैं कि हम उनके चमत्कार की पराकाष्ठा में हैं। लाजरूस येसु का एक अच्छा दोस्त था, येसु जानते हैं कि वह मरनेवाला है। वह उसके पास जाने के लिए निकलता है लेकिन उसके घर उसकी दफन के चार दिन बाद पहुँचता है, जब पूरी आशा समाप्त हो चुकी थी। फिर भी उसकी उपस्थिति से मार्था और मरियम के हृदय में थोड़ा विश्वास जगाता है और दर्द में भी वे इस प्रकाश से जुड़े होते हैं। येसु उन्हें विश्वास करने के लिए आमंत्रित करते हैं और कब्र को खोलने के लिए कहते हैं। उसके बाद वे पिता से प्रार्थना करते हैं और लाजरूस को पुकार कर कहते हैं: “बाहर आओ।“ (43) तब उसमें जान आ जाता है और वह बाहर निकलता है।

येसु हमें उस समय भी जीवन देते हैं जब उम्मीद समाप्त होने के समान लगता है

संत पापा ने कहा, “संदेश स्पष्ट है : येसु अपना जीवन उस समय भी देते हैं जब लगता है कि उम्मीद बिलकुल नहीं है। कभी-कभी निराशा महसूस होती है या ऐसे लोगों से मुलाकात होती है जिन्होंने आशा खो दी है :  एक दर्दनाक नुकसान, एक बीमारी, एक निराशा, एक गलत या धोखे की पीड़ा, एक गंभीर गलती के कारण। कई बार हम लोगों को यह कहते हुए सुनते हैं : कुछ भी करना बाकी नहीं रह गया है। ऐसे समय में जीवन एक बंद कब्र के समान लगता है। सब कुछ अंधकार, सिर्फ पीड़ा और निराशा दिखाई देता है। येसु आज हमसे कहते हैं कि ऐसा नहीं है, उस समय भी हम अकेले नहीं होते हैं, बल्कि वे हमारे और नजदीक आते हैं कि हमें फिर से जीवन प्रदान करें। वे हमारे साथ रोते हैं, जैसा कि उन्होंने लाजरूस के लिए रोया। सुसमाचार दो बार कहता है कि वे व्याकुल हो उठे और रो पड़े।

देवदूत प्रार्थना में भाग लेते विश्वासी
देवदूत प्रार्थना में भाग लेते विश्वासी

नकारात्मक भावना से न कुचले जाएँ

साथ ही येसु हमें भी निमंत्रण देते हैं कि हम विश्वास करना एवं आशा बनाये रखना न छोड़ें। अपने आप पर नकारात्मक भावना को प्रबल न होने दें। वे हमारी कब्र के पास आते हैं और कहते हैं, पत्थर हटा दो।" (पद. 39)

संत पापा ने कहा, येसु हमसे कहते हैं, “पत्थर हटा दो। दर्द, गलती, यहाँ तक कि असफलता को भी, हम अपने अंदर एक अंधेरे और एकाकी कमरे में छिपाकर न रखें। पत्थर हटायें, अंदर जो भी है उसे बाहर निकालें, भरोसे के साथ, बिना डर के उसे मेरे लिए दें क्योंकि मैं तुम्हारे साथ हूँ, मैं तुम्हें प्यार करता हूँ और चाहता हूँ कि तुम में पुनः जीवन आ जाए।”

निराशा को स्थान न दें वह उदास कर देता है

लाजरूस के समान, येसु हम प्रत्येक से कहते है : बाहर निकलो, उठो, अपनी यात्रा फिर शुरू करो, पुनः साहस करो, मैं तुम्हारा हाथ पकड़कर ले जाऊँगा, जिसतरह तुमने एक बच्चे के रूप में अपना पहला कदम लेना सीखा। उस पट्टी को हटा दो जो तुम्हें बांधे रखते हैं। निराशा को स्थान न दें जो उदास कर देता है, उस भय को जो अकेला कर देता है, बुरे अनुभव को जो निरूत्साहित करता, क्योंकि डर लकवाग्रस्त कर देता है। येसु कहते हैं मैं तुम्हें मुक्त और जीवित कर देता हूँ। मैं तुम्हें नहीं छोड़ता और तुम्हारे साथ हूँ। दर्द के पिंजरे में अपने आपको बंद न करें, आशा को मरने न दें, पुनः जीवन प्राप्त करें।

देवदूत प्रार्थना में भाग लेते विश्वासी
देवदूत प्रार्थना में भाग लेते विश्वासी

अपने आपको उन्हें समर्पित करें

संत पापा ने कहा कि यह सुसमाचार पाठ हमारे लिए बहुत अच्छा है, यह जीवन का संगीत है और हम इसे तब पढ़ रहे हैं जब पास्का निकट है। अगर इस समय यदि हम अपने हृदय में कुछ भार या पीड़ा लेकर चल रहे हैं जो हमें कुचले देने के समान लगता है। तो अभी ही वक्त है कि हम पत्थर हटायें और येसु से मुलाकात करने के लिए बाहर निकलें, जो हमारे निकट हैं। क्या हम अपना हृदय उनके लिए खोलें और अपनी चिंताओं को उन्हीं के लिए सौंप दें। समस्या की कब्र को खोलें और सीमा से परे, उनकी ज्योति की ओर देखें। और दूसरी ओर ईश्वर के प्रेम के दर्पण के रूप में क्या हम जहाँ जीते हैं उसे क्या रोशनी प्रदान करते हैं? क्या हम आशा और येसु के आनन्द का साक्ष्य देते हैं?

कुँवारी मरियम आशा की माता, हममें अकेला न महसूस करने की खुशी को नवीनीकृत करे और हमारे चारों ओर के अंधेरे को प्रकाश में लाने का आह्वान करें।

देवदूत प्रार्थना में भाग लेते विश्वासी
देवदूत प्रार्थना में भाग लेते विश्वासी

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26 March 2023, 13:22