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कार्डिनल कार्ल जोसेफ रौबर पोप फ्रांसिस से मुलाकात करते हुए  कार्डिनल कार्ल जोसेफ रौबर पोप फ्रांसिस से मुलाकात करते हुए  

जर्मन कार्डिनल कार्ल जोसेफ रौबर का निधन

जर्मन कार्डिनल कार्ल जोसेफ रौबर का निधन रविवार को हुआ, वे 88 साल के थे। उन्होंने परमधर्मपीठ की ओर से लम्बे समय तक राजनयिक सेवाएँ प्रदान की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

पूर्व प्रेरितिक राजदूत कार्डिनल कार्ल जोसेफ रौबर का निधन रविवार शाम को हुआ।

कार्डिनल कार्ल जोसेफ रौबर का जन्म 11 अप्रैल 1934 ई. को जर्मनी के बम्बर्ग धर्मप्रांत में हुआ था। उनका पुरोहिताभिषेक 28 फरवरी 1959 को मेंज महागिरजाघर में हुआ। 1962 ई. में वे रोम आये जहाँ उन्होंने ग्रेगोरियन यूनिवर्सिटी से कैनन लॉ में डॉक्ट्रेट की उपाधि हासिल की और परमधर्मपीठीय कलीसियाई एकादमी में सेवा देना आरम्भ किया।

कूटनीति में लम्बी सेवा

1 अक्टूबर 1966 को उन्होंने परमधर्मपीठ की राजनायिक सेवा में प्रवेश किया तथा 1977 तक राज्य सचिवालय में कार्य किया, जहाँ वे जर्मन विभाग के लिए उत्तरदायी बने। बाद में वे बेल्जियम, लक्ष्मबर्ग और ग्रीस के प्रेरितिक राजदूतावास में सेवाएँ दीं।

18 दिसम्बर 1982 को वे यूगांडा के अपोस्टोलिक प्रो-नुनसियो नियुक्त हुए। 6 जनवरी 1983 को उनका धर्माध्यक्षीय अभिषेक हुआ। यूगांडा में अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए जनवरी 1990 को वे परमधर्मपीठीय कलीसियाई एकादमी के अध्यक्ष नियुक्त हुए थे।

16 मार्च 2003 को वे स्वीटजरलैंड एवं लिस्टेंस्टीन के प्रेरितिक राजदूत बने। उसके बाद 25 अप्रैल 1997 को वे हंगरी और मालदोवा के प्रेरितिक राजदूत का भार संभाला।

22 फरवरी 2003 को वे बेल्जियम और लक्ष्मबर्ग के प्रेरितिक राजदूत नियुक्त हुए।

संत पापा फ्राँसिस ने 14 फरवरी 2015 को उन्हें कार्डिनल घोषित किया।

कार्डिनल कार्ल जोसेफ रौबर के निधन के साथ ही कार्डिनलों की कुल संख्या 222 हो गई है जिनमें से 123 कार्डिनल पोप के चुनाव हेतु वोट दे सकते हैं जबकि 99 कार्डिनल पोप के चुनाव में भाग नहीं ले सकते।

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28 March 2023, 15:44