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पोप: शैतान से समझौता न करें, ईश वचन के द्वारा प्रलोभन से जीतें

चालीसा काल के पहले रविवार को संत पापा फ्राँसिस ने चालीसा काल के आध्यात्मिक संघर्ष पर चर्चा की तथा बतलाया कि येसु ने किस तरह निर्जन प्रदेश में शैतान पर विजय पायी, जो विभाजन लाता है। उन्होंने बतलाया कि किस तरह हम भी प्रलोभन पर ईश वचन के द्वारा विजय पा सकते हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार, 26 फरवरी 2023 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 26 फरवरी को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

चालीसा काल के इस पहले रविवार का सुसमाचार पाठ हमारे लिए येसु के निर्जन प्रदेश में, शैतान द्वारा परीक्षा लिए जाने को प्रस्तुत करता है। (मती.4:1-11) संत पापा ने कहा, “शैतान” का अर्थ है “बांटनेवाला”। उसका नाम बतलाता है कि वह क्या करता है अर्थात् वह बांटता है। येसु को प्रलोभन देने के द्वारा वह विभाजित करने की कोशिश करता है। तब संत पापा ने यह देखने के लिए विश्वासियों को आमंत्रित किया कि शैतान किससे विभाजित करने की कोशिश करता और कैसे करता है।

तीन प्रकार के “जहर” द्वारा चुनौती

शैतान येसु को किससे विभाजित करने की कोशिश करता है? प्रलोभन दिये जाने के कुछ ही समय पहले, यर्दन नदी में बपतिस्मा ग्रहण करते हुए पिता के द्वारा येसु पुकारे गये थे, “तू मेरा प्रिय पुत्र है”(मती. 3:17), और पवित्र आत्मा कपोत के रूप में उनके ऊपर उतरा था। (पद.16) इस तरह सुसमाचार हमारे लिए तीन ईश्वरीय व्यक्तियों को प्रस्तुत करता है जो प्रेम में एक दूसरे से संयुक्त हैं। इतना ही नहीं, येसु स्वयं कहेंगे कि वे इस दुनिया में आये हैं ताकि वे हमें खुद के साथ और पिता की एकता में सहभागी बनायें। (यो. 17:11)

शैतान इसके बदले, इसके ठीक विपरीत करता है। वह येसु को पिता से अलग करने और उन्हें हमारे लिए एकता के मिशन से भटकाने की कोशिश करता है।

आइये, हम देखने की कोशिश करें कि वह कैसे ऐसा करता है। शैतान येसु के मानवीय स्थिति का फायदा उठाता है। येसु चालीस दिन उपवास करने के कारण कमजोर और भूखे हैं।(मती. 4:2) तब शैतान उनमें तीन प्रभावकारी “जहर” देने की कोशिश करता है ताकि उन्हें उनके एकता के मिशन से लकवाग्रस्त कर दे। ये जहर हैं : आसक्ति, अविश्वास और सत्ता। पहला, भौतिक चीजों के प्रति आसक्ति का जहर है, जरूरतों के लिए; प्रेरक तर्कों के साथ शैतान येसु को समझाने की कोशिश करता है: आप भूखे हैं, आपको क्यों उपवास करना है? अपनी आवश्यकता पर ध्यान दें और इसके पूरा करें, आपके पास अधिकार और सामर्थ्य है, पत्थर को रोटी बना लीजिए, इत्यादि।” दूसरा जहर है अविश्वास। शैतान कहता है “क्या आपको यकीन है कि पिता आपके लिए अच्छे चीजों को चाहते हैं? उनकी जाँच कीजिए, उन्हें ब्लैकमेल कीजिए, और मंदिर के ऊपर से नीचे कूद जाइये और उनसे जो चाहते हैं करवाइये।” अंत में तीसरा है सत्ता। आपको पिता की आवश्यकता नहीं है! क्यों उनके वरदान की प्रतीक्षा करना है? दुनिया के अनुसार चलिये, सब कुछ अपने लिए लीजिए और आप शक्तिशाली हो जायेंगे। संत पापा ने कहा, “यह खतरनाक है। लेकिन हमारे लिए भी ऐसा ही होता है। भौतिक चीजों के प्रति आसक्ति, अविश्वास और सत्ता की प्यास, ये तीन बड़े और खतरनाक प्रलोभन हैं। जिनका प्रयोग शैतान हमें पिता से अलग करने और आपस में एक दूसरे के भाई-बहन नहीं होना महसूस कराने के लिए करता है। इस तरह वह हमें एकाकीपन एवं निराशा की ओर ले जाता है। उसने येसु के साथ ऐसा करना चाहा और वे हमारे साथ भी करना चाहते हैं।

प्रलोभन पर विजय पाना

किन्तु येसु प्रलोभन पर विजय पाते हैं। संत पापा ने कहा, “किस प्रकार? शैतान से विवाद करने से इंकार करने एवं ईश्वर के वचन से उत्तर देने के द्वारा।” येसु ने धर्मग्रंथ से तीन वाक्यों का हलावा दिया। जो चीज वस्तुओं की आसक्ति से मुक्त होने (विधि 8:3), विश्वास (विधि 6:16), और ईश्वर की सेवा (विधि 6:13) ये तीन वाक्य प्रलोभन का विरोध करते हैं। वे शैतान के साथ वार्तालाप नहीं करते। संत पापा ने कहा, “आप भी शैतान के साथ तर्क न करें। उसके साथ समझौता कर प्रलोभन से बचा नहीं जा सकता। इस तरह येसु ईश्वर के साथ हमारी एकता की रक्षा करना सिखाते हैं। और हमें अलग करनेवाले के आक्रमन से बचने के लिए एकता की आवश्यकता है।”

संत पापा ने विश्वासियों को चिंतन हेतु प्रेरित करते हुए कहा, “ईश वचन का मेरे जीवन में क्या स्थान है? क्या मैं इसे अपने आध्यात्मिक संघर्ष के रूप में परिणत करता हूँ? जब मुझे प्रलोभन आते हैं तो मैं ईश वचन से कोई वाक्य की मदद क्यों नहीं लेता हूँ? जब प्रलोभन आता है तो क्या मैं प्रार्थना करता, ईश वचन का पाठ करता, ख्रीस्त की कृपा पर भरोसा रखता हूँ? उन आवाजों के बीच जो हमारे भीतर हलचल मचाती हैं, ईश्वर के कल्याणकारी वचन की गूंज सुनाई देगी।

तब कुँवारी मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए सतं पापा ने कहा, "माता मरियम जिन्होंने ईश वचन का स्वागत किया और अपनी दीनता से अलग करने वाले के घमंड को हराया, चालीसा काल के आध्यात्मिक संघर्ष के दौरान हमारा साथ दे।"

 

 

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26 February 2023, 15:02