डीआर कोंगो के युवाओं से पोप : ‘एक अलग तरह का भविष्य आपके हाथों में है’
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
डीआर कोंगो, बृहस्पतिवार, २ फरवरी २०२३ (रेई) – संत पापा फ्राँसिस ने डीआर कोंगो में अपनी प्रेरितिक यात्रा के दौरान बृहस्पतिवार को वहाँ के युवाओं एवं प्रचारकों से किंशासा के शहीद स्टेडियम में मुलाकात की। उन्होंने उन्हें प्रोत्साहन दिया कि वे भ्रष्टाचार का विरोध करने से कभी न थकें।
संत पापा ने कहा, “प्यारे मित्रो, ईश्वर ने आपके हाथों में जीवन के वरदान, समाज के भविष्य और इस महान देश के भविष्य को रखा है। अपने हाथों को छोटा, कमजोर, खाली और अनुचित न होने दें। आप सभी के हाथ एक समान दिखाई पड़ते हैं किन्तु उनमें से कोई भी बिलकुल एक समान नहीं है। आपके हाथों के समान दूसरों के हाथ नहीं हैं जो एक चिन्ह है कि आप अनुठे हैं अपूरणीय और अतुलनीय खजाने हैं। इतिहास में कोई भी आपका स्थान नहीं ले सकता। इसलिए अपने आपसे पूछें, मेरे हाथ क्या करते हैं? क्या ये निर्माण करते अथवा तोड़ते हैं? देते या हथियाते हैं? प्रेम करने का या घृणा करने का काम करते हैं? क्या आप अपनी मुटठी बंद कर लेते या खोलते हैं ताकि ईश्वर और दूसरों को दान कर सकें? यह हमेशा एक मौलिक चुनाव है। जैसा कि काईन और हाबिल ने किया। हाबिल ने उदारता पूर्वक दान चढ़ाया जबकि काईन ने अपने भाई पर हाथ उठाया और उसे मार डाला। (उत्पति 4:8)
जीवित प्रार्थना
संत पापा ने हाथ की अंगुलियों का उदाहरण देते हुए कहा, हमारा अंगुठा हमारे हृदय के करीब है और इसलिए यह प्रार्थना का प्रतीक है जो हमारे जीवन को प्रेरक शक्ति प्रदान करता है। प्रार्थना हमारे भविष्य के लिए एक मौलिक चीज है। हमें ईश्वर की वाणी को सुनना है तथा आंतरिक रूप से बढ़ने के लिए हमें एक “जीवित प्रार्थना” की जरूरत है।
“येसु ने बुराई पर विजय पायी है। उन्होंने अपने क्रूस को पुनरूत्थान का सेतु बनाया है। अतः अपने हाथों को हर दिन उनकी ओर उठायें, उनकी स्तुति और महिमा करें।”
हमें येसु के साथ एक अच्छे मित्र की तरह बातें करनी चाहिए, अपने भय को उन्हें दे देना और उन्हें “अपने जीवन के गहरे रहस्य“ के बारे बताना चाहिए। "ईश्वर इस तरह की जीवित, ठोस और दिल की प्रार्थना पसंद करते हैं।" यह उन्हें हमारे दैनिक जीवन में विशेष तरीके से कार्य करने में मदद देता है, अपनी शांति की शक्ति के साथ हमारे बीच आने के लिए, जो पवित्र आत्मा की शक्ति है।
समुदाय का निर्माण
तब संत पापा ने तर्जनी की ओर ध्यान खींचा जो "समुदाय का प्रतीक" है। उन्होंने डीआर कोंगो के युवाओं से आग्रह किया कि वे अपने आपको एक-दूसरे से अलग न करें बल्कि अपने आसपास के लोगों को अपनायें जो अकेले हैं अथवा पीड़ित हैं।
संत पापा ने नशीली दवाओं या जादू टोने के प्रयोग का नकारात्मक उदाहरण दिया जो बुरी लत में पड़े व्यक्ति को शक्तिशाली महसूस कराता है, लेकिन वास्तव में वह उसे उसकी हर प्रिय चीज से वंचित कर देता है।
सोशल मीडिया भी लोगों को दिशाहीन बना सकता है जो बहुत अधिक समय मोबाईल में व्यतीत करते हैं। उन्होंने कहा, “एक साथ रहने से हमें जो ऊर्जा, हमारी आंखों को जो चमक और विचारों के आदान-प्रदान से जो खुशी मिलती है, उसका कोई विकल्प नहीं हो सकता!" कोंगो के युवाओं को समुदाय का निर्माण करना है, भाईचारा स्थापित करना है और एक अधिक एकजुट विश्व का सपना देखना है।
उन्होंने कहा, “मैं जानता हूँ कि आपने बार-बार दिखलाया है कि आप बड़ा त्याग कर, देश के हरेक व्यक्ति के मानव अधिकार एवं भविष्य की आशा के लिए खड़े हो सकते हैं।”
भ्रष्टाचार को रोकने के लिए निष्ठा
संत पापा ने कहा कि निष्ठा, बेहतर भविष्य के लिए तीसरी सामग्री प्रदान करता है तथा “भ्रष्टाचार के कैंसर” के लिए एक औषधि देता है। उन्होंने डीआर कोंगो के लोगों से जोरदार अपील की कि वे किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार का बहिष्कार करें तथा आग्रह किया कि वे भ्रष्टाचार को न कहें। बुराई को बुराई से नहीं बल्कि अच्छाई से जीतें।
संत पापा ने २६ वर्षीय युवक फ्लोरिबेर्त बौना कुई की याद की, जिनकी हत्या 15 साल पहले गोमा में, लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचानेवाले, खराब खाद्य पदार्थों के मार्ग को अवरुद्ध करने के लिए हुई थी। पोप ने कहा कि युवा ख्रीस्तीय ने मार्गदर्शन के लिए प्रार्थना की एवं "भ्रष्टाचार के मैल" को “नहीं” कहा।
“यदि आपको कोई रिश्वत देता है या आपका भला करने का वादा करता और बहुत सारा पैसा देना चाहता है तो उनके जाल में न फंसें, धोखे में न पड़ें, बुराई के दलदल में न फसें।”
अतीत को नहीं दुहराने के लिए क्षमा करें
तब संत पापा रिंग फिंगर की ओर बढ़े, उसे क्षमाशीलता का प्रतीक बतलाया और याद दिलाया कि हमारे जीवन की सबसे बड़ी सामग्रियाँ हैं, "कमजोरी, थकान और कठिनाई।" "क्षमाशीलता का अर्थ है, पुनः शुरू करना। क्षमा करने का अर्थ अतीत को भूलना नहीं है, बल्कि इसे दोहराने से इन्कार करना है।"
छोटेपन में सेवा
पोप फ्राँसिस ने कहा कि कनिष्ठ उंगली हमारी आखिरी और सबसे छोटी उंगली है, और हमारी "सेवा" का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा, दूसरों के लिए हमारे कार्य अक्सर समुद्र में एक बूंद की तरह लगते हैं, लेकिन "यह निश्चय ही छोटापन है, छोटा बनने का हमारा निर्णय, जो ईश्वर को आकर्षित करता है।"
अंत में, पोप ने कांगो के युवा काथलिकों से बेहतरी के लिए काम करने का आग्रह किया।
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