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मेक्सिको के स्वदेशी लोग सन्त पापा फ्राँसिस के साथ, फाईल तस्वीरः अगस्त 2022 मेक्सिको के स्वदेशी लोग सन्त पापा फ्राँसिस के साथ, फाईल तस्वीरः अगस्त 2022 

स्वदेशी जनजातियों के मंच की बैठक के प्रतिभागियों से सन्त पापा

रोम स्थित कृषि विकास हेतु अंतर्राष्ट्रीय कोष (ईफाद) के मुख्यालय में इन दिनों जारी स्वदेशी जनजातियों के मंच की छठवीं विश्व बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 10 फरवरी 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): रोम स्थित कृषि विकास हेतु अंतर्राष्ट्रीय कोष (ईफाद) के मुख्यालय में इन दिनों जारी स्वदेशी जनजातियों के मंच की छठवीं विश्व बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।  

स्वदेशी लोगों की भूमिका

बैठक के विषय, "जलवायु के मुद्दों पर स्वदेशी लोगों का नेतृत्व: समुत्थान शक्ति और जैव विविधता बढ़ाने के लिए समुदाय-आधारित समाधान" पर चिन्तन करते हुए सन्त पापा ने कहा कि यह विषय पर्यावरण की रक्षा में स्वदेशी लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानने का एक अवसर देता और दैनिक आधार पर जलवायु परिवर्तन से मानवता के लिए उत्पन्न अपार चुनौतियों का वैश्विक समाधान खोजने हेतु उनके विवेक को उजागर करता है।

सन्त पापा ने कहा, दुर्भाग्यवश, हम एक अभूतपूर्व सामाजिक और पर्यावरणीय संकट से गुज़र रहे हैं। यदि हम वास्तव में अपने सामान्य घर की देखभाल करना चाहते हैं और जिस ग्रह पर हम रहते हैं उसे बेहतर बनाना चाहते हैं, तो जीवन शैली, उत्पादन और उपभोग के तौर तरीकों में गहन परिवर्तन आवश्यक है।

उन्होंने कहा, हमें स्वदेशी जनजातियों की अधिक सुनना चाहिए और उनके जीवन के तौर-तरीकों को ठीक से समझना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमें समझना होगा कि हम लोभ-लालच से प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट करना जारी नहीं रख सकते। भूमि हमारे सिपुर्द की गई है ताकि वह हमारे लिए एक माँ बन सके, जो हर एक के जीने के लिए जरूरी संसाधन देने में सक्षम है।" अस्तु, उन्होंने कहा, "यह याद रखना होगा कि जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में मूल निवासियों का योगदान ज़रूरी है।"

बेहतर भविष्य हेतु अतीत की भूलों को याद करें

अतीत में की गई भूलों को याद करने का आग्रह कर सन्त पापा ने कहा कि भेदभाव, उपनिवेशवाद और बहिष्करण से जो नुकसान हुआ है उसे याद कर वर्तमान और भविष्य को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "धरती  की सुरक्षा में मूल समुदायों की उपेक्षा करना घोर अन्याय ही नहीं, यह एक गंभीर भूल है, क्योंकि उनकी सांस्कृतिक धरोहर को महत्व देकर ही हम पर्यावरण एवं उससे जुड़ी समस्याओं का बेहतर प्रबन्ध कर पायेंगे।"

यही कारण है, उन्होंने कहा कि मैं सरकारों से आग्रह करता हूँ कि वे सम्पूर्ण विश्व के स्वदेशी लोगों को उनकी संस्कृतियों, भाषाओं, परंपराओं और आध्यात्मिकता के साथ पहचान कर उनकी गरिमा और अधिकारों का सम्मान इस जागरूकता के साथ करें कि हमारे महान मानव परिवार की संपत्ति ठीक इसी विविधता में निहित है।

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10 February 2023, 11:38