पवित्र भूमि, बुरकिना फासो एवं भूमध्यसागर में हिंसा के अंत हेतु पोप की प्रार्थना
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
संत पापा ने रविवार को देवदूत प्रार्थना के लिए संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्रित विश्वासियों को संबोधित करते हुए, देवदूत प्रार्थना के पाठ के बाद, पवित्र भूमि से आनेवाली भयानक खबरों पर अपने विचार रखे।
हाल की त्रासदियों के आलोक में, पोप फ्राँसिस ने कहा कि बच्चों सहित कई लोग मारे जा रहे हैं और उन्होंने पूछा, "हम हिंसा की इस कुंडली को कैसे समाप्त कर सकते हैं?"
इसके बाद संत पापा ने एक बार फिर से अपनी अपील दोहराई कि "घृणा और प्रतिशोध को संवाद द्वारा जीता जा सकता है"।
"मैं फिलिस्तीनियों और इस्राइलियों के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की मदद से भाईचारे और शांति का मार्ग खोज सकें।"
बुर्किना फासो में हिंसा
पोप फ्रांसिस ने बुर्किना फासो की स्थिति के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की, जहाँ "आतंकवादी हमले होते रहते हैं।"
संत पापा फ्राँसिस ने देवदूत प्रार्थना के बाद एक बार फिर सभी लोगों को "उस प्यारे देश के लोगों के लिए प्रार्थना करने" हेतु आमंत्रित किया, इस उम्मीद से कि जिस हिंसा को वे लगातार सह रहे हैं, वह लोकतंत्र, न्याय और उनकी यात्रा में शांति की आशा खोने का कारण न बने।
पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र में हाल ही में, तथाकथित इस्लामिक स्टेट समूह ने देश के उत्तरी भाग में एक सैन्य काफिले पर घात लगाकर 70 से अधिक सैनिकों को मारने, दर्जनों को घायल करने और पांच लोगों को बंधक बनाने की जिम्मेदारी ली है।
भूमध्यसागर पर एक और त्रासदी
पोप फ्राँसिस ने भूमध्य सागर पर एक और जहाज के डूबने की हालिया खबर साझा की। उन्होंने बताया कि इटली में कैलाब्रिया के तट पर, उत्तरी अफ्रीका से आप्रवासियों को ले जा रही एक अन्य नाव पलट गई, और आज सुबह से अब तक कई बच्चों के शवों सहित 40 शव बरामद किए जा चुके हैं। "मैं उनके लिए प्रार्थना करता हूँ", संत पापा ने कहा, "उनके लिए जो खोए हुए हैं, और उनके लिए जो बच गए हैं।"
संत पापा ने उन सभी के प्रति भी आभार व्यक्त किया जो बचाव कार्यों में भाग लेते हैं, साथ ही उन सभी के प्रति जो शरण लेनेवालों का स्वागत करते हैं। उन्होंने प्रार्थना की कि कुँवारी मरियम उन्हें सहायता दें।
अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने उपस्थित लोगों से कहा कि वे रूसी आक्रमण की शुरुआत के एक साल बाद यूक्रेन को न भूलें। "और हमें भयानक भूकंपों के शिकार सीरियाई और तुर्की लोगों को नहीं भूलना चाहिए।"
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