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2023.02.20 संत पेत्रुस मंडली के सदस्यों के साथ संत पापा फ्राँसिस 2023.02.20 संत पेत्रुस मंडली के सदस्यों के साथ संत पापा फ्राँसिस   (Vatican Media)

संत पापा: उदासीनता व बर्बादी के विरोध में कोमलता की संस्कृति का पोषण करें

संत पापा फ्राँसिस ने संत पेत्रुस मंडली के सदस्यों से कहा कि वह उनमें भले समारी की छवि देखते हैं जो करुणा और कोमलता से प्रेरित थे।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 20 फरवरी  2023 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने रोम स्थित संत पेत्रुस मंडली (एक गैर-लाभकारी संघ) के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया, जो ठोस सहायता और करुणा के साथ रोम में गरीब लोगों तक पहुँचने का प्रयास करते हैं।

सोमवार को संत पेत्रुस मंडली के एक प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा, "मैं आपमें एक भले समारी की छवि को पहचानता हूँ।" संत पापा ने संघ के प्रतिभागियों से कार्यों में अपने प्रयास, समय, ऊर्जा, रचनात्मकता, धैर्य और दृढ़ता को बनाए रखने को कहा हैं, जो कई गतिविधियों के माध्यम से किया जाता है।

"मैं आप लोगों के बारे में सोचता हूँ जो हमारे भाई-बहनों से सूप किचन में, श्रवण केंद्रों में, आश्रयों में, उन घरों में मिलते हैं जहां बम्बिनो येसु बाल अस्पताल में इलाज करा रहे बच्चों के परिवार रहते हैं।"

कलीसिया की उदार सेवा गतिविधियों का समर्थन करने के लिए संत पेत्रुस मंडली की स्थापना 1869 में रोम के युवाओं के एक समूह की पहल के माध्यम से की गई। यह रोम के धर्मप्रांत द्वारा समर्थित है और संत पापा की ओर से अपनी कुछ गतिविधियों को कार्यन्वित करता है।

कोमलता की संस्कृति

संत लूकस के सुसमाचार के दृष्टांत को याद करते हुए, संत पापा ने कहा कि  भला समारी "सड़क के किनारे घायल व्यक्ति के पास जाता है, वह करुणा से प्रेरित होकर उसके पास जाता है। वह उसे नहीं जानता, वह एक अजनबी है, एक निश्चित अर्थ में एक 'दुश्मन' भी है, क्योंकि समारी लोगों को घृणा और तिरस्कार किया जाता था। ""वह निकट आता है क्योंकि उसका हृदय कोमल है, वह कठोर नहीं है, वह कोमलता के लिए सक्षम है।"

“पहली बात जो मैं आपको सलाह देना चाहता हूँ वह है कोमलता।”

संत पापा ने आगे समझाया कि "कोमलता" "भावुकता" नहीं है, यह "ईश्वर के प्रेम का एक गुण है जिसकी आज पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है।" उन्होंने कहा कि अक्सर उदासीनता और बर्बादी की संस्कृति से प्रदूषित समाजों में, "विश्वासियों के रूप में, हमें कोमलता की संस्कृति के साथ धारा के खिलाफ जाने के लिए कहा जाता है, अर्थात् दूसरों की देखभाल करने के लिए जैसा ईश्वर ने हम प्रतिएक की परवाह की है।

"हम इसे सुसमाचार में देखते हैं: कैसे येसु छोटों, वंचितों, परित्यक्त लोगों से संपर्क करते हैं। वे भले समारी हैं जिसने हमारे लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया, जिन्हें दया और क्षमा की आवश्यकता है।"

ख्रीस्तीय जीवन का रहस्य

दूसरी बात जिसे कभी नहीं भूलना चाहिए, वह यह है कि "हम वास्तव में दूसरों से उस हद तक प्यार करते हैं कि हम उनके द्वारा हमारे प्रभु और उद्धारकर्ता के प्यार को पाते हैं।"

“हम इस हद तक मदद करते हैं कि हमें लगता है कि हमें मदद मिली है; हम ऊपर उठते हैं यदि हम प्रतिदिन स्वयं को उसके द्वारा ऊपर उठाए जाने की अनुमति देते हैं।”

उन्होंने कहा कि हम इसे "मौन प्रार्थना" में अनुभव कर सकते हैं, जब "हम जैसे हैं वैसे ही उनके सामने खड़े होते हैं।" वहाँ प्रभु अपनी आत्मा को हमारे हृदय में रख सकते हैं, वे हमें अपनी करुणा और कोमलता देते हैं और इसलिए हम आगे बढ़ सकते हैं। जैसा  कि संत पॉल कहते हैं, “हम नहीं, लेकिन वह हमारे साथ! यह ख्रीस्तीय जीवन का रहस्य है और विशेष रूप से उदार सेवा का।'

संत पापा ने निकटता के शब्दों के साथ समाप्त करते हुए कहा, "मैं आपके साथ रोम की सड़कों पर शारीरिक रूप से नहीं जा सकता, लेकिन मैं अपने दिल और प्रार्थना में आपके साथ हूँ।"

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20 February 2023, 15:28