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दक्षिणी सूडान के ख्रीस्तयाग में पोप : येसु आपको जानते और प्यार करते हैं

जूबा में ख्रीस्तीय समुदाय के साथ ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने “येसु आपको जानते और प्यार करते हैं”, आश्वासन के साथ दक्षिणी सूडान के ख्रीस्तियों को आमंत्रित किया कि वे “पृथ्वी के नमक” और “संसार की ज्योति” बनें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

दक्षिणी सूडान, रविवार, 5 फ़रवरी 2023 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने रविवार को दक्षिणी सूडान की प्रेरितिक यात्रा के अंतिम दिन जूबा के जॉन गारांग कीs समाधि स्थल पर ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

उन्होंने अपने प्रवचन की शुरूआत संत पौलुस के शब्दों से करते हुए कहा, “भाइयो, जब मैं ईश्वर का संदेश सुनाने आप लोगों के यहाँ आया, तो मैंने शब्दाडम्बर अथवा पाण्डित्य का प्रदर्शन नहीं किया। मैंने निश्चय किया था कि मैं आप लोगों से ईसा मसीह और क्रूस पर उनके मरण के अतिरिक्त किसी और विषय पर बात नहीं करूँगा।” (1 कोर. 2:1-2)

संत पापा ने कहा, “पौलुस की चिंता मेरी भी चिंता है, जब मैं येसु ख्रीस्त के नाम पर यहाँ आपके साथ उपस्थित हूँ, जो प्रेम के ईश्वर हैं, जिन्होंने क्रूस के द्वारा शांति प्राप्त की है, येसु में ईश्वर हमारे लिए क्रूसित हुए हैं; येसु उन लोगों में क्रूसित हुए हैं जो दुःख सहते, आपलोगों में, देश के अनेक लोगों में और वे मृत्यु तथा बुराई पर विजय पाकर जी उठे हैं। मैं यहाँ उन्हीं की घोषणा करने आया हूँ और आप सभी को उनमें सुदृढ़ करने आया हूँ क्योंकि ख्रीस्त का संदेश आशा का संदेश है। येसु आपकी चिंता एवं उम्मीद को जानते हैं, वे आपके जीवन के आनन्द एवं संघर्ष, अंधकार एवं विश्वास को समझते हैं। येसु आपको जानते एवं प्यार करते हैं। यदि हम उनमें सुदृढ़ हैं तो हमें नहीं डरना चाहिए क्योंकि हमारे लिए भी हर क्रूस पुनरूत्थान में, हर उदासी आशा में और हर शोक नृत्य में बदल जायेगा।“

दक्षिणी सूडान में संत पापा का ख्रीस्तयाग
दक्षिणी सूडान में संत पापा का ख्रीस्तयाग

तुम पृथ्वी के नमक हो

संत मती रचित आज के सुसमाचार पाठ पर चिंतन करते हुए संत पापा ने कहा, “तुम पृथ्वी के नमक हो...तुम संसार की ज्योति हो,” येसु के शिष्यों के लिए ये तस्वीर क्या कहते हैं?

संत पापा ने कहा, नमक भोजन को स्वादिष्ट करता है और यह अदृश्य रूप से भोजन में उपस्थित होता जबकि इसके बिना सब कुछ फीका हो जाता है।

नमक की छवि के बारे बतलाने के तुरन्त बाद येसु ने अपने शिष्यों को धन्यताओं के बारे बतलाया है, इसकी याद करते हुए संत पापा ने कहा, "हम धन्यताओं को ख्रीस्तीय जीवन के नमक के रूप में देखते हैं क्योंकि वे स्वर्ग का प्रज्ञा पृथ्वी पर लाते हैं।"  

“आइये, हम इसे याद रखें : यदि हम धन्यताओं का पालन करेंगे, यदि हम येसु की प्रज्ञा को धारण करेंगे, तो हम न केवल अपने जीवन को स्वादिष्ट (सुन्दर) करेंगे बल्कि समाज और देश के जीवन को भी सुन्दर बनायेंगे जहाँ हम जीते हैं।”

उन्होंने इंगित किया कि नमक भोजन को सुरक्षित रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है ताकि यह बिगड़ न जाए। संत पापा ने कहा, “बाईबिल एक भोजन है जिसको सुरक्षित रखा जाना चाहिए, जो ईश्वर के साथ व्यवस्थान है।"

दक्षिणी सूडान में संत पापा का ख्रीस्तयाग
दक्षिणी सूडान में संत पापा का ख्रीस्तयाग

ईश्वर के साथ हमारे संबंध को सुरक्षित रखना

संत पापा ने कहा कि नमक हमें याद दिलाता है कि ईश्वर के साथ हमारे संबंध को बचाये रखना हमारी मौलिक आवश्यकता है क्योंकि वे हमारे प्रति निष्ठावान हैं और उनके साथ हमारा व्यवस्थान अदूषणीय, अनुल्लंघनीय और स्थायी है।

“पृथ्वी की नमक की तरह, हम भी आनन्द एवं कृतज्ञता के साथ ईश्वर से हमारे व्यवस्थान का साक्ष्य देने के लिए बुलाये गये हैं।”

संत पापा ने सुझाव दिया कि "अच्छा मानवीय संबंध स्थापित करने की कुँजी है भ्रष्टाचार की बुराई, विभाजन की बीमारी, कपटपूर्ण व्यापारिक लेन-देन की गंदगी और अन्याय की महामारी को रोकना।"

"आज मैं आप लोगों को धन्यवाद देता हूँ क्योंकि आप इस देश में पृथ्वी के नमक हैं। साथ ही उन्हें बढ़ती हिंसा, घृणा और अन्याय के कारण उत्पन्न दयनीय स्थित एवं गरीबी के समय, निम्न और शक्तिहीन महसूस नहीं करने की सलाह दी।"

दक्षिणी सूडान में संत पापा का ख्रीस्तयाग
दक्षिणी सूडान में संत पापा का ख्रीस्तयाग

आइये हम छोटी चीजों से शुरू करें

संत पापा ने कहा, "यद्यपि हम छोटे और कमजोर हैं, यहां तक ​​कि जब हमारी ताकत हमारी समस्याओं की भयावहता और हिंसा के अंधे क्रोध के सामने नगण्य लगती है, हम ख्रीस्तीय बदलते इतिहास में निर्णायक योगदान देने में सक्षम हैं।"

"येसु चाहते हैं कि हम नमक के समान बनें क्योंकि हमारे छोटे सहयोग के बिना, सब कुछ फीका हो जाता है।"  

आइये, हम छोटी चीजों से शुरूआत करें, आवश्यक चीजों से, जो इतिहास की किताब में भले दिखाई न दें किन्तु जो इतिहास बदल सकते हैं।"

येसु एवं उनकी धन्यताओं के नाम पर आइये हम घृणा एवं बदले की भावना के हथियारों को त्याग दें, ताकि प्रार्थना एवं परोपकार के शस्त्र धारण कर सकेंगे।

संत पापा ने उनसे उन नापसंदगी और द्वेष पर काबू पाने का आह्वान किया जो समय के साथ "पुरानी हो गई हैं" और "जनजातियों और जातीय समूहों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने का जोखिम उठाता है"।

"आइये हम हमारे घावों में क्षमाशीलता का नमक लगायें, नमक जलाता है किन्तु चंगा करता।" संत पापा ने जोर दिया कि वे बुराई का बदला बुराई से न चुकायें उस समय भी जब दिल से खून बह रहा हो।

[ Photo Embed: दक्षिणी सूडान में संत पापा का ख्रीस्तयाग] 

आप संसार की ज्योति हैं

तब संत पापा ने दूसरी छवि की ओर ध्यान आकृष्ट किया जिसका प्रयोग येसु ने सुसमाचार में किया है, "तुम संसार की ज्योति हो।"  

ईश्वर ने अपने पुत्र को संसार में भेजा, जो सच्चे प्रकाश हैं जो हरेक व्यक्ति एवं हर प्रकार के लोगों को प्रकाश प्रदान करते हैं जिन्होंने अपने शिष्यों से कहा कि वे भी संसार की ज्योति हैं।

“इसका अर्थ है कि जब हम ख्रीस्त की ज्योति को ग्रहण करते हैं ...तब हम आलोकित होते हैं, हम ईश्वर की ज्योति को प्रतिबिम्बित करते हैं।”

संत पापा ने याद किया कि येसु ने कहा था कि पहाड़ पर बसा नगर छिप नहीं सकता। लोग दीपक जलाकर पैमाने के नीचे नहीं बल्कि दीवट पर रखते हैं जहाँ से वह घर के सभी लोगों को प्रकाश देता है।

पहाड़ पर बसे नगर की तरह जगमग

जब येसु हमें संसार की ज्योति बनने के लिए कहते हैं इसका अर्थ है कि हमें जो उनके शिष्य हैं, उन शहर की तरह होना है जो पहाड़ पर बसा हो, एक दीपक की तरह जिसकी लौ कभी बुझनेवाली नहीं है।"

अंधकार से घेरे जाने की चिंता से पहले हम ज्योति को प्रतिबिम्बित करने के लिए बुलाये गये हैं, हमारे शहर, गाँव, घर, परिचितों एवं हमारे सभी दैनिक कार्यों को चमक देने के लिए बुलाये गये हैं।

संत पापा ने उन्हें प्रोत्साहन दिया कि प्रभु हमें शक्ति प्रदान करें, उनकी ज्योति बनने की शक्ति ताकि हमारे भले कार्यों को देखकर लोग, जैसा कि येसु हमें याद दिलाते हैं, ईश्वर में आनन्द मनायेंगे एवं उनकी महिमा कर सकेंगे।

दक्षिणी सूडान में संत पापा का ख्रीस्तयाग
दक्षिणी सूडान में संत पापा का ख्रीस्तयाग

अपने प्रकाश को कभी बुझने न दें

जब हम पृथ्वी पर बेटे और बेटियों के रूप में जीते हैं या भाई और बहन के रूप में रहते हैं तो लोग हमें देखकर जानेंगे कि स्वर्ग में हम सभी के एक ही पिता हैं।

“हम प्रेम से प्रज्वलित होने के लिए बुलाये गये हैं, अतः अपनी ज्योति को कभी बुझने न दें।... ”

यह देश अत्यन्त सुन्दर है फिर भी हिंसा के कारण तबाह हो गया है, इसे प्रकाश की जरूरत है जो हम प्रत्येक के पास है, अर्थात् आप सभी ज्योति हैं।

संत पापा ने इस प्रार्थना के साथ अपना उपदेश समाप्त किया कि वे नमक बन सकें जो फैलता, घुलता और दक्षिण सूडान को सुसमाचार के भाईचारे के स्वाद से भर सकता है।"

"आपका ख्रीस्तीय समुदाय चमके ताकि पहाड़ पर बसे नगर की तरह, यह सभी लोगों पर अच्छाई की ज्योति फैला सके एवं दिखा सके कि यह सुन्दर है और आशा प्राप्त करने के लिए उदारता एवं आत्म समर्पण के साथ जीना संभव है, जिससे कि एक साथ मेल-मिलाप के भविष्य का निर्माण किया जा सके।"

दक्षिणी सूडान में संत पापा का ख्रीस्तयाग
दक्षिणी सूडान में संत पापा का ख्रीस्तयाग

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05 February 2023, 15:05