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जूबा के प्रीडम हॉल में विस्थापितों के संग सन्त पापा फ्राँसिस, 04.02.2023 जूबा के प्रीडम हॉल में विस्थापितों के संग सन्त पापा फ्राँसिस, 04.02.2023  (Vatican Media)

दक्षिण सूडान में संत पापा के दूसरे दिन की मुख्य विशेषताएँ

दक्षिण सूडान में अपनी यात्रा के दूसरे दिन शनिवार को सन्त पापा फ्रांसिस ने देश में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के एक बड़े समूह से अपील करते हुए कहा, "मैं सभी संघर्षों को समाप्त करने और गंभीरतापूर्वक शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने हेतु अपनी सशक्त और हार्दिक अपील को नवीनीकृत करना चाहता हूं, ताकि हिंसा समाप्त हो सके और लोग गरिमापूर्ण जीवन यापन कर सकें।"

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

जूबा, रविवार, 5 फरवरी 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): दक्षिण सूडान की राजधानी जूबा में सन्त पापा फ्राँसिस ने शनिवार को काथलिक याजकवर्ग को उनके मिशन में प्रोत्साहित किया, विस्थापित लोगों के प्रति अपना सामीप्य प्रकट किया तथा एक विश्वव्यापी ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक प्रार्थना सभा की अध्यक्षता की।  

दक्षिण सूडान में अपनी यात्रा के दूसरे दिन शनिवार को सन्त पापा फ्रांसिस ने देश में आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों के एक बड़े समूह से अपील करते हुए कहा, "मैं सभी संघर्षों को समाप्त करने और गंभीरतापूर्वक शांति प्रक्रिया को फिर से शुरू करने हेतु अपनी सशक्त और हार्दिक अपील को नवीनीकृत करना चाहता हूं, ताकि हिंसा समाप्त हो सके और लोग गरिमापूर्ण जीवन यापन कर सकें।"

पोप फ्राँसिस रोड

दक्षिण सूडान की सरकार ने जूबा में देश की यात्रा करनेवाले प्रथम पोप के नाम पर एक मार्ग को समर्पित किया है, जिसे अब से "पोप फ्रांसिस रोड" कहा जाएगा।

एक सरकारी वकतव्य में कहा गया कि सन्त पापा फ्राँसिस को समर्पित नई, पक्की, डामरीकृत और जनता के लिए खुली नई सड़क शांति की विश्वव्यापी यात्रा के बाद संत पापा फ्राँसिस के प्रति दक्षिण सूडान की ओर से एक उपहार का प्रतिनिधित्व करती है। "पोप फ्रांसिस रोड" यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका के दूतावासों से गुजरते हुए कोलोलो जंक्शन स्क्वायर से परमधर्मपीठीय प्रेरितिक राजदूतावास (वाटिकन नूनसियेचर) के मुख्यालय तक जाता है।

सरकार के निर्णय पर प्रतिक्रिया दर्शाते हुए, दक्षिण सूडान स्थित तोमबूरा-यामबियो धर्मप्रान्त के एक स्थानीय काथलिक पुरोहित ने कहा कि  "सन्त पापा फ्रांसिस की उपस्थिति सदैव दक्षिण सूडान में विद्यमान रहेगी"।

विस्थापित बच्चों की गवाही

शनिवार को जूबा के फ्रीडम हॉल में संत पापा फ्राँसिस ने, एक अभूतपूर्व संयुक्त "शांति की तीर्थयात्रा" में उनके साथ जुड़े एंगलिकन कम्यूनियन के धर्मगुरु तथा कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष जस्टिन वेल्बी तथा चर्च ऑफ स्कॉटलैण्ड के समन्वयकर्त्ता इयान ग्रीनशाल्ड के साथ दक्षिण सूडान के संघर्ष से विस्थापित हुए बच्चों से मुलाकात कर शिविरों में उनकी कठिनाइयों के बयान सुनें। सन्त पापा ने विस्थापित लोगों से कहा कि जातीय घृणा को क्षमा में बदलकर ही वे दुनिया के सबसे नए देश दक्षिण सूडान के लिए एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकेंगे।

विश्व के ख्रीस्तीय नेताओं ने 14 वर्षीय जॉनसन जुमा एलेक्स सहित कई विस्थापित बच्चों की गवाही सुनी, जो युद्ध के कारण अपने घरों से पलायन के बाद 2014 से एक शिविर में रह रहे हैं। जॉनसन जुमा एलेक्स ने कहा, "शिविर में जीवन अच्छा नहीं है क्योंकि क्षेत्र छोटा और भीड़भाड़ वाला है। फुटबॉल खेलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। बहुत से बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं क्योंकि हमारे लिए पर्याप्त शिक्षक और स्कूल नहीं हैं।"

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, लगभग 1 करोड़ 16 लाख की कुल आबादी में से दक्षिण सूडान में 22 लाख लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हैं, जबकि अन्य 23 लाख देश से पलायन कर अन्यत्र शरणार्थी शिविरों में जीवन यापन कर रहे हैं। देश भर में अत्यधिक गरीबी और भुखमरी व्याप्त है, संघर्ष के साथ-साथ तीन साल की विनाशकारी बाढ़ के परिणामस्वरूप दो तिहाई आबादी को मानवतावादी लोकोपकारी सहायता की सख्त ज़रूरत है।

इतिहास को पुनः लिखें

फ्रीडम हॉल में एकत्र लगभग ढाई हज़ार लोगों के समक्ष, बच्चों के साक्ष्य सुनने के उपरान्त सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "भविष्य शरणार्थी शिविरों में व्यतीत नहीं किया जा सकता।" उन्होंने कहा कि दक्षिण सूडान के भविष्य की उम्मीद विभिन्न जातीय समूहों के बच्चों में है, जो पीड़ित होने के बावजूद बुराई का जवाब और बुराई से नहीं देना चाहते हैं।

दक्षिण सूडान के लोगों को प्रोत्साहन देते हुए उन्होंने कहा, "यद्यपि संघर्ष, हिंसा और घृणा ने इस देश के जीवन के मुख पृष्ठों पर सुखद यादों को दुख में बदल दिया है, तथापि, आपको इस देश के इतिहास को शांति के इतिहास के रूप में फिर से लिखना होगा!"

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05 February 2023, 11:44