सन्त पापा की यात्रा के दौरान सूडानी मुक्ति नायक गारंग पर ध्यान
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
जूबा, शनिवार, 4 फरवरी 2023 (रॉयटर्स): दक्षिण सूडान की राजधानी जूबा में शनिवार को सन्त पापा फ्रांसिस देश के मुक्ति नायक जॉन गारांगन की समाधि पर प्रार्थना करेंगे, जो सम्भवतः विश्व के सबसे युवा देश दक्षिण सूडान में एकता सुनिश्चित करने वाले नेता के महत्व को प्रकाशमान करती है।
गारांगन, जनमत संग्रह
स्वायत्त दक्षिणी सूडान क्षेत्र के राष्ट्रपति बनने के एक महीने से भी कम समय के बाद, जुलाई 2005 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में गारांगन की मौत हो गई थी। दक्षिण सूडान को स्वतंत्रता दिलवाने के लिये उन्होंने दो दशकों तक सूडान की केंद्र सरकार के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था।
ख्रीस्तीय एवं जीववादी बहुल दक्षिण सूडान ने मुस्लिम बहुल उत्तरी सूडान से अलग होने के लिये छः साल बाद एक जनमत संग्रह में मतदान किया था।
9 जुलाई, 2011 को दक्षिण सूडान स्वतंत्र हुआ था, तब हज़ारों की संख्या में लोग जश्न मनाने के लिए नई राजधानी जूबा में गारांगन के मकबरे पर इकट्ठा हुए थे, किन्तु बाद के वर्षों में जब देश में गृहयुद्ध में छिड़ा तब उनके करिश्मे और राजनीतिक कौशल की कमी महसूस की गई। गारांगन ने एकता में सूत्रबद्ध, एकीकृत और धर्मनिरपेक्ष सूडान की कामना की थी जिसमें दक्षिण सूडान को पर्याप्त स्वायत्तता मिल सके।
यात्रा का उद्देश्य
जूबा में मोटरसाइकिल टैक्सी चलाने वाले 33 वर्षीय जॉन मांजा ने कहा, "हमने आपस में लड़ने के लिए अलग होने के लिए वोट नहीं दिया। मुझे नहीं लगता कि गारांगन इसके लिये लड़ रहे थे।"
सैकड़ों हजारों लोग युद्ध में मारे गए, जो बड़े पैमाने पर जातीय आधार पर लड़ा गया था, और जिसका परिणाम 2013-2018 से भूख और बीमारी हुआ है।
सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा का उद्देश्य 2018 के शांति समझौते को बढ़ावा देना है, जिससे कुछ हद तक हिंसा कम हुई है, तथापि महत्वपूर्ण प्रावधानों में देरी या पूरी तरह से अनदेखी के चलते पूर्ण पैमाने पर युद्ध की वापसी की आशंका बनी हुई है।
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