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संत पापा बेनेडिक्ट १६वें का पार्थिव शरीर संत पापा बेनेडिक्ट १६वें का पार्थिव शरीर  (AFP or licensors)

ससम्मान सेवानिवृत पोप बेनेडिक्ट १६वें की आध्यात्मिक इच्छापत्र

परमधर्मपीठ ने ससम्मान सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट १६वें के आध्यात्मिक इच्छापत्र को जारी किया है, जिसकी तिथि २९ अगस्त २००६ है।

मेरी आध्यात्मिक इच्छापत्र

मेरे जीवन के इस अंतिम पड़ाव में, जब मैं मुड़कर उन दशकों को देखता हूँ जिनसे होकर मैं गुजरा, तब सबसे पहले मैं उन अनेक कारणों को देखता हूँ जिनके लिए मुझे धन्यवाद देना है। सबसे बढ़कर, मैं ईश्वर को धन्यवाद देता हूँ, जो सब अच्छी चीजों के दाता हैं, जिन्होंने जीवन दिया है और मुझे हर प्रकार के भ्रम में मेरा मार्गदर्शन किया है; जब कभी मैं फिसलने लगा तो उन्होंने ही मुझे उठाया, मुझे उन्होंने सदा अपने मुख की ज्योति प्रदान की। इस आत्म अवलोकन में, मैं देखता और समझता हूँ कि इस मार्ग के अंधेरे और कठिन भाग भी मेरे उद्धार के लिए थे और उन्होंने मुझे उन हिस्सों में अच्छी तरह से निर्देशित किया।

मैं अपने माता-पिता को धन्यवाद देता हूँ, जिन्होंने मुझे कठिन समय में जीवन दिया है और अपने स्नेह से मेरे लिए एक अनोखा घर बनाया, जो आज तक मेरे जीवन के हरेक दिन एक जगमगाती रोशनी की तरह चमकता है। मेरे पिता के स्पष्ट विश्वास ने हम सभी भाई -बहनों को विश्वास करना सिखाया एवं मेरे सभी वैज्ञानिक ज्ञान के बीच दृढ़ मार्गदर्शन दिया; मेरी माँ की गहरी धार्मिकता और महान दयालुता मेरे लिए एक विरासत है जिसके लिए मैं उन्हें पर्याप्त शुक्रिया अदा नहीं कर सकता। मेरी बहन ने मेरी निःस्वार्थ सेवा की है और दशकों तक मेरे प्रति पूर्ण दयालुता दिखलायी है;  मेरे भाई ने अपने स्पष्ट निर्णय, अपनी प्रभावशाली दृढ़ता और दिल की प्रसन्नचित्तता से हमेशा मेरा मार्ग प्रशस्त किया है, इनके बिना मैं आगे नहीम बढ़ पाता, सही रास्ता भी नहीं पा सकता।  

मैं ईश्वर को सारे दिल से धन्यवाद देता हूँ मेरे उन मित्रों, पुरूषों और महिलाओं के लिए जिनको उन्होंने हमेशा मेरी बगल में रखा; जो मेरे रास्ते के हर चरण में सहकर्मी की तरह चले; शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए जिन्हें उन्होंने मुझे दिया। मैं बड़ी कृतज्ञता के साथ उन सभी को उन्हीं की भलाई को सौंपता हूँ। मैं अल्पस की तलहटी पर बवारिया में अपने सुन्दर घर के लिए प्रभु को धन्यवाद देता हूँ, जहाँ मैं सृष्टिकर्ता के वैभव को देख सकता था, जो बार-बार चमकता रहता था। मैं अपनी मातृभूमि के लोगों के लिए धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने मुझे बरम्बार विश्वास की सुन्दरता का अनुभव कराया। मैं प्रार्थना करता हूँ कि हमारा देश हमेशा विश्वास का देश बना रहे और अपने देशवासियों से आग्रह करता हूँ कि आपका विश्वास कभी विचलित न हो।  

अंततः, मैं ईश्वर को उन सभी सुन्दर अनुभवों के लिए धन्यवाद देता हूँ जिनको मैंने अपनी यात्रा के विभिन्न चरणों में महसूस किया, लेकिन विशेषकर, रोम और इटली के लिए, जिसको मैंने अपने दूसरे घर के रूप में महसूस किया। मैं उन सभी से अपने दिल की गहराई से क्षमा मांगता हूँ जिनके प्रति किसी रूप में गलत किया है।

पहले मैंने अपने देशवासियों से जो कहा, अब मैं उन सभी से कहता हूँ जिनकी सेवा के लिए मैं कलीसिया में समर्पित हूँ : विश्वास मैं दृढ़ रहें, संदेह में न पड़ें, अक्सर ऐसा लगता है, जैसे विज्ञान - एक ओर, प्राकृतिक विज्ञान; दूसरी ओर, ऐतिहासिक शोध (विशेष रूप से पवित्र धर्मग्रंथों की व्याख्या) - काथलिक विश्वास के विपरीत पेशकश करने के लिए अखंडनीय अंतर्दृष्टि है। मैंने बहुत पहले से प्राकृतिक विज्ञान में परिवर्तनों को देखा है और अवलोकन किया है कि विश्वास के खिलाफ स्पष्ट निश्चितताएँ कैसे गायब हो गईं हैं, खुद को विज्ञान नहीं बल्कि दार्शनिक व्याख्याओं को केवल स्पष्ट रूप से विज्ञान से संबंधित साबित करते हुए - इसके अलावा, यह प्राकृतिक के साथ बातचीत में है विज्ञान कि आस्था ने अपनी पुष्टि के दायरे की सीमाओं को समझना सीख लिया है और इस प्रकार इसकी अपनी विशिष्टता है। अब 60 वर्षों से, मैं ईशशास्त्र के मार्ग पर चल रहा हूँ, विशेष रूप से बाइबिल के अध्ययन में, और मैंने बदलती पीढ़ियों के साथ अडिग सिद्धांतों को ढहते देखा है, जो केवल परिकल्पनाएँ बनकर रह गई हैं: उदारवादी पीढ़ी (हारनेक, जुलिकर आदि), अस्तित्ववादी पीढ़ी (बल्टमन आदि), मार्क्सवादी पीढ़ी। मैंने देखा है, और पाया है, कैसे, परिकल्पनाओं की उलझन से, विश्वास की तर्कसंगतता उभरी है और नए सिरे से उभर रही है। येसु ख्रीस्त वास्तव में मार्ग, सत्य और जीवन है - और कलीसिया, अपनी सभी कमियों में, वास्तव में उसका शरीर है।

अंत में, मैं विनम्रतापूर्वक याचना करता हूँ :  मेरे लिए प्रार्थना करें, ताकि प्रभु मुझे मेरे सभी पापों और कमियों के बावजूद अनंत निवास में प्रवेश पाने दें। उन सभी लोगों के लिए जो मुझे सौंपे गये हैं, मेरी हर दिन की प्रार्थना उनके लिए हैं।

बेनेडिक्ट पी पी १६वें

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03 January 2023, 15:35