खोज

वाटिकन की  प्रेरितिक अदालत रोता रोमाना के अंकेक्षक धर्माधिकारी ख्रीस्तयाग के अवसर पर, 27.01.2023 वाटिकन की प्रेरितिक अदालत रोता रोमाना के अंकेक्षक धर्माधिकारी ख्रीस्तयाग के अवसर पर, 27.01.2023   (Vatican Media)

रोता रोमाना के अंकेक्षक धर्माधिकारियों से सन्त पापा फ्राँसिस

वाटिकन स्थित प्रेरितिक अदालत रोता रोमान के धर्माधिकारियों से शुक्रवार को मुलाकात करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने अदालत के संकायाध्यक्ष को उनके विनम्र शब्दों के लिये धन्यवाद दिया तथा प्रेरितिक अदालत में कार्यरत समस्त प्रशासनाधिकारियों का सौहार्दपूर्वक अभिवादन किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 27 जनवरी 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन स्थित प्रेरितिक अदालत रोता रोमान के धर्माधिकारियों से शुक्रवार को मुलाकात करते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने अदालत के संकायाध्यक्ष को उनके विनम्र शब्दों के लिये धन्यवाद दिया तथा प्रेरितिक अदालत में कार्यरत समस्त प्रशासनाधिकारियों का  सौहार्दपूर्वक अभिवादन किया। विश्वासियों की सेवा में उनके काम, विशेष रूप से, विवाह प्रक्रियाओं के संदर्भ में  रोता रोमाना के धर्माधिकारियों के काम की उन्होंने सराहना की।

विवाह संस्कार का महत्व

सन्त पापा ने कहा कि आज कलीसिया तथा विश्व में एक पुरुष और एक महिला के बीच वैवाहिक मिलन के अर्थ और मूल्य को फिर से खोजने की सख्त ज़रूरत है, जिस पर परिवार की स्थापना होती है। वास्तव में, इतने सारे परिवारों को प्रभावित करने वाले संकट का, निश्चित रूप से, महत्वपूर्ण पहलू विवाह के बारे में व्यावहारिक, व्यक्तिगत और सामूहिक अज्ञानता है।

सन्त पापा ने कहा कि कलीसिया ने प्रभु येसु ख्रीस्त से सुसमाचार प्रचार का मिशन पाया है, जो वैवाहिक और पारिवारिक प्रेम के "महान रहस्य" को भी प्रकाशित करता है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि काथलिक कलीसिया परिवार की सेवा को अपने आवश्यक कार्यों में से एक मानती है। इस अर्थ में, व्यक्ति और परिवार दोनों "कलीसिया का मार्ग" प्रशस्त करते हैं।

ख्रीस्तीय रहस्योद्घाटन

सन्त पापा ने कहा कि परिवार का सुसमाचार पुरुष और स्त्री के निर्माण की दिव्य योजना को संदर्भित करता है, जो कि "आदिकाल" से है। सन्त मत्ती रचित सुसमाचार के अनुसार प्रभु येसु के शब्दों में, "क्या तुम लोगों ने यह नहीं पढ़ा कि सृष्टिकर्त्ता ने प्रारम्भ ही से उन्हें नर-नारी बनाया और कहा कि इस कारण पुरुष अपने माता पिता को छोड़ेगा और अपनी पत्नी के साथ रहेगा, और वे दोनों एर शरीर हो जायेंगे। ...इसलिये जिसे ईश्वर ने जोड़ा है, उसे मनुष्य अलग नहीं करे।"

सन्त जॉन पौल द्वितीय के प्रेरितिक उदबोधन फामिलियारिस कॉनसोरसियो के शब्दों का स्मरण दिलाते हुए सन्त पापा ने कहा, "मसीह उस आदि योजना को नवीनीकृत करते हैं जिसे निर्माता ने स्त्री और पुरुष के हृदय में अंकित किया है, और ऐसा कर वे विवाह के संस्कार के उत्सव में एक "नया हृदय" प्रदान करते हैं: इस प्रकार न केवल पति-पत्नी" हृदय की कठोरता दूर करते हैं, बल्कि साथ ही और, सबसे बढ़कर, वे मसीह की पूर्ण, नवीन और शाश्वत संधि से बने निश्चित प्रेम को साझा करने में सक्षम बनते हैं।"

विवाह संस्कार के महत्व को समझाते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि ख्रीस्तीय रहस्योद्घाटन के अनुसार विवाह कोई समारोह या सामाजिक घटना नहीं है, न ही यह एक औपचारिकता है; यह एक अमूर्त आदर्श भी नहीं है: यह अपनी सटीक स्थिरता के साथ एक वास्तविकता है, न कि "भावनात्मक संतुष्टि का एक रूप जिसे किसी भी तरह से गठित किया जा सके और हर किसी की संवेदनशीलता के अनुसार संशोधित किया जा सके।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

27 January 2023, 11:48