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संत पापा: ईश्वर का वचन मनपरिवर्तन के लिए बुलाता व चंगा करता है

ईश वचन रविवार को पवित्र मिस्सा के दौरान संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि ईश्वर का वचन सभी के लिए है, जो हमें मनपरिवर्तन की ओर ले जाता है और हमें सभी के लिए ईश्वर के असीम प्रेम के शुभ समाचार का अग्रदूत बनाता है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 23 जनवरी 2023 (वाटिकन न्यूज) : "हम आपको वह बताते हैं जो हमने देखा है।" (1योहन 1: 3) संत पापा फ्राँसिस ने इस वर्ष के ईश वचन रविवार के विषय को चिन्हित करते हुए संत पेत्रुस महागिरजाघर में पवित्र मिस्सा समारोह की अध्यक्षता की । पवित्र मिस्सा में इटली, कांगो, फिलीपींस, मेक्सिको और यूके के पुरुष और महिला प्रचारक और  लेक्टर (मिस्सा में पाठ पढ़ने वाले) शामिल थे। संत पापा फ्राँसिस ने 2019 में वार्षिक उत्सव की स्थापना की, जिसमें काथलिक पंचाग अनुसार वर्ष के सामान्य तीसरे रविवार को ईश वचन के उत्सव, अध्ययन और प्रसार के लिए समर्पित करने का आह्वान किया गया।

अपने उपदेश में, संत पापा ने कहा कि आज के सुसमाचार में हम पाते हैं कि येसु नीजरेथ में एक शांत जीवन जीने के बाद प्रेरितिक जीवन में प्रवेश किया: वे सभी को अपना हृदय परिवर्तन के लिए आमंत्रित करते हैं, अपने पहले शिष्यों को बुलाते हैं और सबों के लिए ईश्वर के असीम प्रेम का शुभ संदेश को फैलाने का मिशन देते हैं। ईश्वर का "वचन सबके लिए है, वचन हर किसी को मन परिवर्तन के लिए बुलाता है, वचन हमें संदेशवाहक बनाता है।"

सभी के लिए ईश्वर का वचन

संत पापा ने कहा, "येसु हमेशा दौरे पर रहते हैं, एक यात्रा करने वाले और तीर्थयात्री, कस्बों और गांवों का दौरा करते हैं, लोगों से मिलते हैं और चंगा करते हैं।" गलील के समुद्र के किनारे का क्षेत्र जहाँ उन्होंने अपना उपदेश शुरू किया, परंपरा के अनुसार यह लोगों का एक सांस्कृतिक चौराहा था। येसु ने इसपर गौर किया और ईश्वर के वचन की घोषणा को न केवल इस्राएल के धर्मी लोगों के लिए, बल्कि सभी लोगों को शामिल किया।

"येसु हाशिये के लोगों तक पहुंचना चाहते हैं, वे बीमारों को चंगा करना चाहते हैं, वे पापियों को बचाना चाहते हैं, वे खोई हुई भेड़ों को इकट्ठा करना चाहते हैं और उन लोगों को उठाना चाहते हैं जिनके हृदय थके और दबे हुए हैं। संक्षेप में, येसु हमें यह बताने के लिए आते हैं' कि ईश्वर की दया सभी के लिए है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए: ईश्वर की दया सभी के लिए है।”

उद्घोषणा की प्राथमिकता

संत पापा ने कहा कि यदि वचन "सभी को संबोधित एक उपहार है", तो यह विश्वासियों की "मुख्य प्राथमिकता" होनी चाहिए जैसा कि येसु के लिए था और हमारी उद्घोषणा सभी के लिए खुले और "विस्तृत हृदय" के साथ हो, न कि एक बंद दिल वाली कलीसिया के रूप में। "ऐसा कभी न हो।"

"आइए, हम येसु से वचन को केंद्र में रखना सीखें, अपनी सीमाओं का विस्तार करें, लोगों के लिए खुद को खोलें और प्रभु के साथ मुलाकात के लिए प्रयाप्त समय दे, यह महसूस करते हुए कि ईश्वर का वचन" अमूर्त या स्थिर सूत्र नहीं है, लेकिन इतिहास की एक गतिशील शक्ति है जो व्यक्तियों और घटनाओं, शब्दों और कार्यों, विकास और तनाव से बनी है।

दिलों को बदलना

संत पापा ने कहा कि ईश्वर का वचन तब सभी को परिवर्तन के लिए बुलाता है, हमारे जीवन को बदलने के लिए, क्योंकि हम जीवन देने वाले संदेश को सुनने के बाद पहले जैसे नहीं रह सकते। उन्होंने कहा कि वचन हमें संकट में भी डाल सकता है, क्योंकि यह हमें ईश्वर की अच्छाई के प्रकाश को देखने में मदद करता है और हमारे जीवन में जगह बना सकता है, जबकि दोषों और पापों का आंतरिक अंधकार इसके खिलाफ संघर्ष कर सकता है, जिसका हमें विरोध करना चाहिए।

“जब ईश्वर का वचन हमारे भीतर प्रवेश करता है, तो वचन हमारे हृदयों और मनों को परिवर्तित कर देता है; यह हमें बदलता है और हमारे जीवन को प्रभु की ओर निर्देशित करने के लिए हमारी अगुवाई करता है...यहाँ येसु का निमंत्रण है: ईश्वर आपके करीब आ गये है; उसकी उपस्थिति को पहचानें, उसके वचन के लिए जगह बनायें और जीवन के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलें।"

संत पापा ने कहा कि हम अपने जीवन को "ईश्वर के वचन के अधीन" रख सकते हैं, अपने स्वयं के स्वाद और वरीयताओं के तहत नहीं, बल्कि उस वचन के तहत जो हमें आकार देता है, हमारे जीवन को बदलता है और हमें एकता के लिए बुलाता है।

कथनी और करनी में साक्ष्य देना

संत पापा ने कहा कि हम सभी ईश्वर के वचन की गवाही देने के लिए बुलाये गये है यह हमें अग्रदूत बनाता है। येसु गलील के समुद्र के तट पर चलते हुए, सिमोन और अन्द्रेयास को अपने शिष्यों के रूप में अपना अनुसरण करने के लिए और "मनुष्यों के मछुआरे" बनने के लिए बुलाया। आज हम भी अपने भाइयों और बहनों के बीच खुशी के सुसमाचार की घोषणा करने के लिए बुलाये गये हैं।

"यह शब्द की गतिशीलता है: यह हमें पिता के प्रेम के "जाल" में खींचती है और हमें उन सभी को एक साथ लाने की एक अदम्य इच्छा से प्रेरित करती है जिनसे हम राज्य के बैरक में मिलते हैं।

संत पापा ने कहा कि वचन की घोषणा करने का अर्थ है कि हम अपने रोजमर्रा के जीवन में अपने बातों और व्यवहार द्वारा इसकी गवाही देते हैं। "यह हमारा मिशन है: खोए हुए, उत्पीड़ित और निराश लोगों की खोज करना। उन्हें अपनी ओर नहीं, बल्कि वचन की सांत्वना, ईश्वर की विघटनकारी घोषणा की ओर लाना, जो उनके जीवन को बदल देता है। यह जीनने की खुशी देना कि वह हम सब का पिता है और ईश्वर हमारे करीब हैं। उनके वचन को सुनें, उनका वचन एक अद्भुत उपहार है!"

शुक्रिया

अपने प्रवचन के समापन पर, संत पापा ने उन सभी को अपना गहरा आभार व्यक्त किया, जो ईश्वर के वचन का प्रचार करते हैं, इसे अपने जीवन के केंद्र में रखते हैं। उन्होंने उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की जो वचन के अपने ज्ञान को गहरा करते हैं, प्रेरितिक कार्यकर्ता जो वचन का प्रसार करते हैं - जिनमें लेक्टर और प्रचारक शामिल हैं और विशेष रूप से वे जिन्हें उन्होंने रविवार की धर्मविधि में इस मिशन को प्रदान किया। अंत में, उन्होंने उन सभी उपयाजकों और याजकों को धन्यवाद दिया जो अपनी सेवा और बलिदानों के माध्यम से "मनन करने, उसे जीने के लिए ईश्वर के पवित्र लोगों को मदद करते हैं।

"हर किसी के लिए, मुक्ति के वचन की घोषणा करने का मधुर आनंद एक सांत्वना और प्रतिफल हो।"

इटली, कांगो, फिलीपींस, मेक्सिको और यूके के पुरुष और महिला प्रचारक और  लेक्टर (
इटली, कांगो, फिलीपींस, मेक्सिको और यूके के पुरुष और महिला प्रचारक और लेक्टर (

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23 January 2023, 16:24