पोप फ्राँसिस : शांति के लिए विकास एवं शिक्षा जरूरी
उषा मनोरमा तिरकी -वाटिकन सिटी
विश्व में साक्षारता को बढ़ावा देने हेतु इताली उदारता संघ (ओपेरा दी प्रोमोत्सियोने देल अल्फाबेतात्सियोने नेल मोंदो- ओ पी ए एम) एक काथलिक गैर-लाभकारी संगठन है। स्वयंसेवकों से मुलाकात करते हुए संत पापा ने गरीबी दूर करने के लिए शिक्षा के अधिकार को बढ़ावा देने हेतु उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की।
संगठन स्कूलों का निर्माण एवं समर्थन करने, शिक्षक प्रशिक्षण आयोजित करने, वयस्कों के लिए साक्षारता एवं पेशेवर ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह विशेष रूप से महिलाओं की करीब 80 देशों में विकास एवं मानव प्रतिष्ठा को प्रोत्साहन देने हेतु मदद कर रहा है। संगठन ग्लोबल नॉर्थ और ग्लोबल साउथ में ट्विनिंग स्कूलों और अंतर सांस्कृतिक परियोजना के माध्यम से शांति की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
ओपीएएम की स्थापना 1972 में इताली पुरोहित डॉन कार्लो मुरातोरे ने की थी, जिन्होंने कई सालों तक वेनेजुएला में मिशनरी के रूप में कार्य करने के बाद, महसूस किया था कि निराक्षरता ही गरीबी का मुख्य कारण है।
शांति की राह पर शिक्षा
संत पापा ने गौर किया कि यह धारणा संत पौल छठवें के प्रेरितिक विश्व पत्र पोपुलोरूम प्रोग्रेसियो और 1960 के दशक में अन्य परमधर्मपीठीय दस्तावेजों के केंद्र में है, जो स्पष्ट दिखाता है “कि विकास शांति का रास्ता है और शिक्षा के बिना मानव का सर्वांगिण विकास संभव नहीं है।”
संत पापा ने कहा कि ये दस्तावेज जिनमें संत पापा जॉन २३वें के प्रेरितिक विश्व पत्र "पाचेम इन तेर्रीस" (1963) भी शामिल है, आज की दुनिया के लिए भी प्रासंगिक है। जहां पिछड़ेपन के मूल कारणों को समाप्त नहीं किया जा सका है क्योंकि "विकास मॉडल नहीं बदला है"।
उन्होंने कहा कि संगठन का महत्वपूर्ण कार्य यहीं आवश्यक है, "आपके काम का उद्देश्य अविकास के कारणों में से एक को दूर करना है, जो निरक्षरता है।"
भाईचारा के विश्व के लिए ईश्वर का सपना
संत पापा ने गौर किया कि विश्व पत्र पोपुलोरूम प्रोग्रेसियो का "सपना" विश्व पत्र फ्रतेल्ली तूती के समान है, जो ईश्वर के सपने को प्रस्तुत करता है, “जो एक ऐसी दुनिया चाहते हैं जिसमें हम पूर्ण प्रतिष्ठा के साथ भाई और बहन के रूप में जी सकें।”
उन्होंने कहा, “जब आप कई मिशनरियों के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे हैं एवं शैक्षणिक परियोजना को आगे बढ़ाने या स्कूल का समर्थन करने या दूर से गोद लेने के लिए काम कर रहे हैं, तब आप एक खुले विश्व को गारांटी दे रहे हैं जहाँ हर व्यक्ति को जीवन के हर स्टेज में मदद मिल सके, न केवल उनकी मौलिक आवश्यकताओं को पूरा करने के द्वारा बल्कि उन्हें अपनी ओर से अपना उत्तम दे पाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए।”
अपने कार्य में सुसमाचार का रस डालें
संत पापा ने अपने सम्बोधन के अंत में स्वयंसेवकों को प्रोत्साहन दिया कि वे साक्षारता को बढ़ावा देने के कार्य को बनाये रखें तथा इसे सुसमाचार के रस से लगातार भरते रहें ताकि पवित्र आत्मा उनके समर्पण को सजीव रखने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करता रहे।
उन्होंने प्रार्थना की कि हमारी माता मरियम उनके साथ रहें और उन्हें मदद की आवश्यकता वाली विभिन्न स्थितियों के लिए 'शीघ्रता से आगे बढ़ने' का आनंद दें।"
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