खोज

संत पापा फ्राँसिस, 'नया साल शुरू होते ही माता मरिया हमें आशा देती हैं'

ईश्वर की माता मरियम के महापर्व के दौरान अपने प्रवचन में संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों को "जाने के उत्साह" और "देखने के आश्चर्य" को फिर से खोजने के लिए आमंत्रित किया, जैसा कि चरवाहों ने किया, "वह रहस्य जो इस दुनिया को वास्तव में नया बना सकता है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 2 जनवरी 2023 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने कहा, माता मरियम का मातृत्व "विश्वास का मूलभूत आधार" है, लेकिन साथ ही "एक अद्भुत तथ्य" भी है: "ईश्वर के पास एक माँ है," और इस प्रकार हमारी मानवता के लिए हमेशा के लिए सीमा है, हमारी मानवता उनकी मानवता है। ।”

ईश्वर की माता मरियम के महापर्व पर संत पेत्रुस महागिरजाघर में पवित्र मिस्सा समारोह का अनुष्ठान किया। मिस्सा के दौरान अपने प्रवचन में, संत पापा ने कहा, यह सत्य है कि, ‘प्रणाम मरिया’ प्रार्थना का आह्वान "ईश्वर के पवित्र लोगों के दिल और दिमाग में प्रवेश कर गया है।" संत पापा ने कहा, "इस आह्वान के लिए, ईश्वर की माता हमेशा प्रतिक्रिया देती है।" “वे हमारी याचिकाएँ सुनती है; अपने पुत्र को अपनी गोद में लिए हुए, वे हमें आशीर्वाद देती हैं और हमारे लिए देहधारी ईश्वर का कोमल प्रेम लाती है।”

"एक शब्द में, मरिया हमें आशा देती है।"

संत पापा ने कहा, "यह वर्ष जो, ईश्वर की और हमारी माता के महोत्सव के साथ शुरू होता है, हमें बताता है कि आशा की कुंजी माता मरिया हैं और आशा की प्रतिध्वनि का आह्वान 'ईश्वर की पवित्र माता' है!" उन्होंने आगे कहा, "आज हम अपनी धन्य माँ मरियम के हाथों हमारे प्यारे सेवानिवृत संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें को सौंपते हैं ताकि वह इस दुनिया से ईश्वर तक उनके मार्ग में उनका साथ दे सकें।"

दुखियों के लिए प्रार्थना

संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों को "एक विशेष रुप से माता मरियम से उन सभी बेटे और बेटियों के लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया जो पीड़ित हैं और अब उनमें प्रार्थना करने की शक्ति नहीं है," साथ ही संघर्ष और युद्ध से पीड़ित हैं। "उन सभी के लिए जिनके पास शांति नहीं है, आइए, हम माँ मरियम का आह्वान करें, जिसने शांति के राजकुमार को दुनिया में लाई।"

संत पापा ने हमें विशेष रूप से, हमारे बीच ईश्वर को पहचानने वाले पहले बेथलहम के चरवाहों द्वारा निर्देशित होने के लिए आमंत्रित किया, "ईश्वर जो गरीब हो गए और गरीबों के साथ रहना पसंद करते हैं।"

चरवाहे शीघ्रता से चल पड़े

संत पापा ने कहा, "सुसमाचार दो बहुत ही सरल चीजों पर जोर देता है जो चरवाहों ने की थी। वे गए और उन्होंने देखा।"

चरवाहों ने संकोच नहीं किया और बालक येसु को देखने के लिए शीघ्रता से चले पड़े।  संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "अगर हमें ईश्वर और उनकी शांति का स्वागत करना है, तो हम चीजों के बेहतर होने की प्रतीक्षा में शालीनता से खड़े नहीं रह सकते।" इसके बजाय, संत पापा ने विश्वासियों को यह पूछने के लिए आमंत्रित किया कि वे "सेवा की विनम्रता में, साहस के साथ दूसरों की देखभाल करते हुए दूसरों की मदद कर सकते हैं।"

चरवाहों ने बालक मसीह को देखा

संत पापा ने तब ध्यान केंद्रित किया कि बेथलहम में चरवाहों ने क्या देखा। संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "महत्वपूर्ण बात यह थी कि उन्होंने उसे देखा था," महत्वपूर्ण बात यह है कि देखना, चारों ओर देखना और चरवाहों की तरह, अपनी माँ की गोद में आराम कर रहे बच्चे के सामने रुकना है।

उन्होंने कहा, "आइए, हम नए साल की शुरुआत में, देखने के लिए कुछ समय समर्पित करें, अपनी आँखें खोलें और जो वास्तव में मायने रखता है: ईश्वर और हमारे भाइयों और बहनों के सामने अपनी आँखें खुला रखें।"

चरवाहों की नकल करना

अपना प्रवचन समाप्त करते हुए संत पापा ने कहा, “आज प्रभु हमारे बीच विराजमान हैं, ईश्वर की माता ने हमारी आँखों के सामने उसे प्रस्तुत किया है।” उन्होंने हमें "जाने के उत्साह और देखने के आश्चर्य में फिर से खोजने के लिए आमंत्रित किया, वह रहस्य जो इस वर्ष को वास्तव में 'नया' बना सकता है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

02 January 2023, 16:13