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इताली रेडियोग्राफरों के एक प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस इताली रेडियोग्राफरों के एक प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस   (ANSA)

संत पापा फ्राँसिस : 'स्वास्थ्य कोई विलासिता नहीं'

इताली रेडियोग्राफरों के एक प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने स्वास्थ्य सेवा विभाग के पेशेवरों के कार्यों की सराहना की है तथा सरकार से अपील की है कि वह उचित स्वास्थ्य सेवा तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, १७ जनवरी २०२३ (रेई) : इताली रेडियोग्राफरों के एक प्रतिनिधि मंडल को सम्बोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने स्वास्थ्य सेवा विभाग के पेशेवरों के कार्यों की सराहना की है तथा सरकार से अपील की है कि वह उचित स्वास्थ्य सेवा तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करे।

संत पापा ने सोमवार को रेडियोग्राफर और तकनीकी चिकित्सा पुनर्वास और रोकथाम पेशे के इताली राष्ट्रीय संघ से कहा, “एक ऐसी दुनिया जो रोगियों को दरकिनार करती, जो उन लोगों की मदद नहीं करती जो इलाज का खर्च नहीं उठा सकते, निंदनीय है और उसका कोई भविष्य नहीं है।”

कोविड-१९ के दौरान समर्पण

अपने सम्बोधन में संत पापा ने स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकीविदों और अन्य स्वास्थ्य सेवा के कर्मचारियों को उनकी प्रतिबद्धता एवं समर्पण के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने गौर किया कि उनकी कड़ी मेहनत के बिना कोविड-१९ महामारी के दौरान, पिछले तीन सालों में, कई बीमार लोगों का इलाज नहीं किया जा सकता था।

देखभाल की संस्कृति और कचरे की संस्कृति

बीमार लोगों के लिए विश्व दिवस के पूर्व जिसको ११ फरवरी को मनाया जाता है संत पापा ने कहा कि यह एक अवसर प्रदान करता है ताकि बीमारी के अनुभव पर चिंतन किया जा सके, जिसपर चिंतन किया जाना आज अधिक उपयुक्त है, क्योंकि अक्सर प्रचुरता और कचरे की संस्कृति हमें इसे इंकार करने की ओर ढकेलती है।

उन्होंने टिप्पणी की कि देखभाल की संस्कृति विपरीत तरीके से संचालित होती है, जबकि हमें भले समारी के उदाहरण का अनुसरण करना चाहिए।

“दृष्टांत (भला समारी) दिखलाता है कि समुदाय का पुनःनिर्माण उन स्त्रियों एवं पुरूषों से किस तरह किया जा सकता है जो दूसरों को कमजोर समझते, जो बहिष्कार द्वारा समाज के निर्माण को अस्वीकार करते; इसके बदले जानता है कि पड़ोसियों से किस तररह समान व्यवहार किया जाता एवं सार्वजनिक भलाई के लिए गिरे हुओं को ऊपर उठाना और उनका पुनर्वास करना है।”

स्वास्थ्य सेवा का मानवीय आयाम

संत पापा ने स्वास्थ्य सेवा के मानवीय आयाम पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने काम केंद्र में मानव व्यक्ति और उसके सभी आयामों (शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक) को रखने के लिए इतालवी स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकीविदों की प्रशंसा की।

मानवीय आयाम केंद्र में

संत पापा ने कहा, “बीमार लोग वे लोग होते हैं जिन्हें इलाज और देखभाल की आवश्यकता होती है, और इस कारण उनके साथ मानवता और सहानुभूति से संबंध बनाना महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने यह भी याद किया कि स्वास्थ्य सेवा कर्मचारी भी ऐसे लोग हैं जिन्हें उनकी सेवा को पहचाने जाने, काम करने की उपयुक्त स्थिति की रक्षा करने और पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्यकर्मियों को नियुक्त करने के माध्यम से "उनकी चिंता किये जाने की" आवश्यकता होती है।

स्वास्थ्य कोई विलासिता नहीं

संत पापा ने राष्ट्रों से अपील की कि वे ऐसी रणनीतियों और संसाधनों की खोज करें ताकि हरेक व्यक्ति के लिए मौलिक मानव अधिकार की गारांटी एवं उचित स्वास्थ्य सेवा दी जा सके, जैसा कि उन्होंने रोगियों के लिए ३१वें विश्व दिवस के संदेश में कहा था। उन्होंने जोर देकर कहा, “स्वास्थ्य कोई विलासिता नहीं है।”  

अपने संबोधन को समाप्त करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने इतालवी स्वास्थ्य प्रौद्योगिकीविदों से उनके व्यवसायों के लिए "नैतिक मूल्यों को हमेशा एक अनिवार्य संदर्भ के रूप में देखने" का आग्रह किया।

 

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17 January 2023, 16:24