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दिवंगत सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के अन्तयेष्टि याग का एक दृश्य, 05.01.2023 दिवंगत सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के अन्तयेष्टि याग का एक दृश्य, 05.01.2023   (ANSA)

स्वर्गीय पापा बेनेडिक्ट सोलहवें का संलेख ताबूत में सुरक्षित

परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय ने स्वर्गीय सेवानिवृत्त सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की दफ़न क्रिया के उपरान्त ताबूत में सुरक्षित उनके संलेख के पाठ को प्रकाशित किया, जिसमें भावी पीढियों के लिये उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व का विवरण निहित है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 6 जनवरी 2023 (रेई, वाटिकन रेडियो): परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय ने स्वर्गीय सेवानिवृत्त सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की दफ़न क्रिया के उपरान्त ताबूत में सुरक्षित उनके संलेख के पाठ को प्रकाशित किया, जिसमें भावी पीढियों के लिये उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व का विवरण निहित है। लगभग दो लाख लोगों द्वारा श्रद्धार्पण के उपरान्त बुधवार को दिवंगत बेनेडिक्ट 16 वें के ताबूत को सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में सम्पन्न एक धर्मविधिक अनुष्ठान समारोह में सील कर दिया गया था।

परंपरा के अनुसार, सेवानिवृत्त सन्त पापा की अम्बरिका सहित उनके परमाध्यक्षीय काल के दौरान बनाए गए    सिक्के और पदक तथा साथ ही एक "रोजिटो" या उनके परमाध्यक्षीय काल के मुख्य आकर्षण को सारांशित करने वाले संलेख को भी उनकी शवपेटी के अंदर रखा गया। तदोपरान्त, उनके पार्थिव शव को ले जानेवाले ताबूत को सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के तलघर में उसी स्थल पर दफ़नाया गया जहाँ पहले सन्त जॉन पौल द्वितीय की समाधि थी। पूर्ववर्ती सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें को भी सरू के काठ, जस्ते और बलूत से निर्मित पारंपरिक त्रिपक्षीय ताबूत में दफनाया गया।

अन्तयेष्टि याग से पूर्व परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय ने लैटिन भाषा में लिखे संलेख का पूरा पाठ प्रकाशित किया, जिसे धातु के एक सिलेंडर के अंदर सील कर दिया गया है।

संलेख का सार

ससम्मान सेवानिवृत्त सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के पवित्र पारगमन के उपलक्ष्य में संलेखः

सार कुछ इस प्रकार हैः प्रभु येसु मसीह के पुनःरुत्थान के प्रकाश में, 31 दिसंबर को हमारे प्रभु के वर्ष 2022 में, सुबह 9.34 बजे, जैसे ही वर्ष समाप्त हुआ और हम प्रभु द्वारा प्रदत्त अनगिनत कृपाओं के ते देउम (धन्यवाद का गीत) गाने के लिए तैयार थे, काथलिक कलीसिया के प्रिय मेषपाल सेवानिवृत्त सन्त पापा बेनेडिक्ट सोलहवें, इस दुनिया से ईश पिता के धाम चले गए। संत पापा फ्राँसिस के साथ मिलकर सम्पूर्ण कलीसिया उनके निधन पर प्रार्थनाओं में एकजुट हुई।

बेनेडिक्ट सोलहवें 265 वें सन्त पापा थे। उनकी स्मृति कलीसिया और सम्पूर्ण मानवता के दिल में बनी रहेगी।

19 अप्रैल 2005 को कलीसिया के परमाध्यक्ष नियुक्त जोसेफ एलोइशियुस राटसिंगर का जन्म 16 अप्रैल 1927 को जर्मनी के पासाओ धर्मप्रान्त के मार्क्टल एम इन में हुआ था। जर्मनी के ट्राऊनस्टाइन में उन्होंने अपना बाल्यकाल एवं किशोरावस्था व्यतीत की, जहाँ उन्होंने ख्रीस्तीय, मानवीय एवं सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा प्राप्त की।   

प्रभु येसु ख्रीस्त में उनके अटल विश्वास और परिवार के पालन-पोषण ने उन्हें जर्मनी में नाज़ी शासन के चलते काथलिक कलीसिया के प्रति तीव्र शत्रुता के माहौल से जुड़ी समस्याओं के कठोर अनुभव के लिए तैयार किया। इस जटिल और कष्टकर परिस्थिति में उन्होंने येसु ख्रीस्त में विश्वास के सौन्दर्य और सच्चाई की खोज की।

समर्पित प्रेरिताई

1946 से 1951 तक उन्होंने फ्रायज़िंग और म्यूनिख के विश्वविद्यालयों में दर्शन एवं ईशशास्त्र का अध्ययन किया। 29 जून 1951 को वे पुरोहित अभिषिक्त किये गये तथा इसके एक वर्ष बाद ही वे फ्रायज़िंग के विश्वविद्यालय में प्राध्यपक नियुक्त किये गये। तदोपरान्त, बॉन, मुन्स्टर, ट्यूबिंगन, और रेगन्सबुर्ग में व्याख्याता रहे।

सन् 1962 में आप द्वितीय वाटिकन महासभा के आधिकारिक विशेषज्ञ रूप में विख्यात हुए तथा 24 मार्च 1977 को सन्त पापा पौल षष्टम ने आपको म्यूनिख फ्रायज़िंग का महाधर्माध्यक्ष नियुक्त कर दिया।  27 जून 1977 को आप कार्डिनल पद पर प्रतिष्ठापित किये गये थे।  25 नवम्बर 1981 को सन्त पापा जॉन पॉल द्वितीय ने आपको रोम आमंत्रित कर परमधर्मपीठीय विश्वास एवं धर्मसिद्धान्त परिषद का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था। 06 नवम्बर 1998 को आप काथलिक कलीसिया के कार्डिनलमण्डल के उप-संकायाध्यक्ष तथा 2002 में संकायाध्यक्ष नियुक्त किये गये थे।  

08 अप्रैल 2005 को आपने सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय के अन्तयेष्टि याग की अध्यक्षता की थी तथा 19 अफ्रैल 2005 को सम्पन्न कार्डिनल मण्डल की बैठक में आप बेनेडिक्ट 16 वें के नाम से काथलिक कलीसिया के 265 वें सन्त पापा नियुक्त किये गये थे। पहली बार सन्त पापा के रूप में सन्त पेत्रुस महागिरजाघर की बालकनी से आशीर्वाद देते हुए आपने स्वतः को "प्रभु की दाख की बारी में एक विनम्र मजदूर" के रूप में प्रस्तुत किया था तथा अपनी परमाध्यक्षीय प्रेरिताई गम्भीरतापूर्वक आरम्भ की थी। ईश्वर एवं विश्वास आपके परमाध्यक्षीय काल का केन्द्र रहा। प्रभु येसु मसीह की निरन्तर खोज तथा येसु के मुखमण्डल का ज्ञान समस्त विश्वासियों को कराने के लिये आपने "नाज़रेथ के येसु" नामक तीन-खंड़ों में लिखित अपनी कृति का प्रकाशन किया था।  

महान धरोहर

बाइबिल और धर्मशास्त्रीय सम्बन्धी विशाल और गहन ज्ञान से संपन्न, बेनेडिक्ट 16 वें, प्रमुख सैद्धांतिक और आध्यात्मिक विषयों के साथ-साथ कलीसिया और समकालीन संस्कृति के जीवन में महत्वपूर्ण मुद्दों पर उत्कृष्ट  संश्लेषण तैयार करने की असाधारण क्षमता रखते थे।

एंग्लिकन ख्रीस्तीयों, यहूदियों एवं अन्य धर्मों के प्रतिनिधियों के साथ उन्होंने सफलतापूर्वक सम्वाद को बढ़ावा दिया। इसके अलावा उन्होंने सन्त पियुस दसवें को समर्पित समाज के पुरोहितों के संग भी पुनः सम्पर्क साधने का अनुपम कार्य किया।   

11 फरवरी 2013 को तीन संत घोषणाओं के संबंध में सामान्य निर्णयों के लिए बुलाये गये कार्डिनलों की बैठक के दौरान उन्होंने लैटिन भाषा में एक घोषणा जारी कर स्वास्थ्य सम्बन्धित कारणों की वजह से कलीसिया के परमाध्यक्षीय पद का परित्याग कर दिया था।  सन्त पापा का पद त्यागने के बाद से बेनेडिक्ट 16 वें वाटिकन स्थित मातेर एकलेज़ेई मठ में प्रार्थना एवं मनन-चिन्तन में अपना जीवन व्यतीत करते रहे थे।

बेनेडिक्ट 16 वें की सैद्धान्तिक काथलिक धर्मशिक्षाओं को तीन विश्वपत्रों में पाया जा सकता है, जो हैं: देयुस कारितास एस्त (25 दिसंबर 2005), स्पे साल्वी (30 नवंबर 2007) और कारितास इन वेरीताते (29 जून 2009)। उन्होंने काथलिक कलीसिया को चार प्रेरितिक उदबोधन, कई प्रेरितिक संविधान एवं प्रेरितिक पत्र प्रदान किये।  साथ ही आम दर्शन समारोह के अवसरों दी गई धर्मशिक्षाओं, ख्रीस्तयागों के अवसर पर किये प्रवचनों तथा विश्वभर में उनके द्वारा सम्पन्न पर 24 प्रेरितिक यात्राओं के दौरान दिये गये उनके सन्देशों द्वारा बेनेडिक्ट 16 वें ने काथलिक कलीसिया के महान धरोहर छोड़ी है।

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06 January 2023, 11:51