खोज

Pope Francis Pope Francis 

सेमिनरी के छात्रों से संत पापा: प्रार्थना और धन्यवाद का जीवन जीयें

बार्सिलोना सेमिनरी के समुदाय के सदस्यों से संत पापा फ्राँसिस ने एक पुरोहित के जीवन में प्रार्थना के महत्व की पुष्टि की और वे ख्रीस्त को यूखारिस्त, संस्कारों और पवित्र वचन में उपस्थित करते हैं, जो पुरुषों और महिलाओं के दिलों को प्रेरित करते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 10 दिसंबर 2022 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को वाटिकन में बार्सिलोना के कॉन्सिलियर सेमिनरी छात्रों से मुलाकात की। संत पापा ने सेमिनरी के रेक्टर को परिचय भाषण के लिए धन्यवाद दिया। संत पापा ने कहा कि वे यहाँ आने के लिए अपने महाधर्माध्यक्ष से बारंबार अर्ज किया था और आखिरकार उनकी अर्जी सुनी गई। संत पापा ने कहा कि लगातार प्रार्थना करने से जरुर फल मिलता है। कलीसिया की मध्यस्थता का आह्वान करना भी महत्वपूर्ण है, इसलिए अपने पुरोहितों और विश्वासियों के लिए प्रार्थना करना बंद न करें, ताकि ईश्वर आपको अच्छे मार्ग पर दृढ़ता प्रदान करे।

प्रार्थना का जीवन

संत पापा ने कहा कि प्रशिक्षण के समय दो तरह के प्रलोभन हो सकते हैं जिनका सामना करने की आवश्यकता है: बुरी चीजों पर ध्यान केंद्रित करना, केवल नकारात्मक अनुभवों को ध्यान में रखना, और एक रमणीय और अवास्तविक दुनिया पेश करने की कोशिश करना। संत पापा ने धर्माध्यक्ष संत मानुएल गोंजालेज की एक पुस्तिका के बारे में कहा, जो एक पुरोहित रोजरी माला में अच्छी और बुरी चीजों को उजागर करती है। संत पापा ने कहा कि हम अपने अच्छे और बुरे चाजों को उजागर करने हेतु माता मरिया की मध्यस्ता से प्रार्थना करें।

संत पापा ने उनहें याद दिलाया कि एक पुरोहित के रुप में उनका पहला दायित्व कृतज्ञतापूर्ण प्रार्थनामय जीवन होगा, ईश्वर ने उन्हें अपनी सेवा में बुलाया है। प्रशिक्षण के दौरान वे माता मरियम के जीवन पर चिंतन करते हुए अपने आप से पूछें: वह कैसी थी जब परमेश्वर ने उसे बुलाया था? और मैं, मैं कैसा था? मैं किस जोश के साथ अपने भावी याजकीय जीवन की योजना बनाता हूँ?

संत पापा ने कहा कि एक पुरोहित "चांदी और सोने के माध्यम से आत्माओं को बचा नहीं सकता ... उसकी संपत्ति, उसकी शक्ति, केवल येसु में नीहित है", इसका अर्थ है उन्हें यूखारिस्त में, संस्कारों में, पवित्र वचन में उपस्थित करना। ताकि वे लोगों के दिलों में पैदा हो, हर चीज में हो और हमेशा इसका साधन हो। इसके लिए हम येसु के समान मंदिर में बलिदान के रूप में संसार की मुक्ति के लिए स्वयं को अर्पित करते हैं। संत पापा ने कहा कि वे येसु से मुलाकात करने के लिए गिरजाघऱ के पवित्र संदूक के सामने समय बितायें।

जीवन के सफर में साथ देने वाला

संत पापा ने यह भी याद किया कि प्रभु हमसे "हृदय के बलिदान" और अपनी इच्छा को त्यागने के लिए कहते हैं, जैसा कि प्रभु गेथसेमनी में करते हैं।

उन्होंने कहा, "क्रूस को देखते हुए, हम अपनी आँखों को स्वर्ग की ओर उठाते हैं और अपनी नियति को देखते हैं," उनकी सेवा में हम उनके जीवन यात्रा में बलिदान और निकटता से साथ देते हैं, दैनिक जीवन की ठोस और अक्सर कठिन वास्तविकता में दृढ़ता से निहित होते हैं।

प्रभु के पुरोहित

संत पापा ने कहा कि पवित्र आत्मा का उपहार पुरोहित की यात्रा और ख्रीस्त के पुरोहित होने की बुलाहट में साथ देता है। उन्होंने बार्सेलोना के सेमिनारियों को प्रोत्साहित किया कि वे हमेशा इस प्यार का आनंद लें और याद रखें कि प्रभु ने उन्हें बुलाकर उन पर अपना प्रेम बरसाया है। अपने प्यार को वह उनके दिलों में और उनके बाकी दिनों में बहुतायत से डालेगा।

संत पापा ने कहा, "उस प्रेम की आग को कभी न बुझाएं जो आपको सुसमाचार के निडर प्रचारक, दिव्य खजानों के वितरक बनाएगी। येसु के साथ एकजुट रहें, माता मरियम की तरह, यूखरिस्तीय बलिदान में खुद को उनके साथ समर्पित करने के लिए  और उनके विजय की महिमा में भी।"

अंत में, संत पापा ने सेमिनारियों से रोज़री करने, रानी और दया की माता से, "पुरोहिताई के रहस्यों की खोज करने" में मदद करने और अपने बेटे के रहस्यों पर विचार करने का आग्रह किया, "यह स्वीकार करते हुए कि मसीह का अनुसरण करना ही खुशी और क्रूस के साथ पूर्ण पहचान ही महिमा का एकमात्र मार्ग है।"   

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

10 December 2022, 15:48