खोज

संत पापा फ्रांसिस, राजदूतों के संग संत पापा फ्रांसिस, राजदूतों के संग  

संत पापाः आपके कार्य अंधेरे में ज्योति

संत पापा फ्रांसिस ने विभिन्न देशों के राजदूतों के संग मुलाकात करते हुए उनका प्रत्यय पत्र स्वीकार किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 15 दिसम्बर 2022 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने 15 दिसम्बर को सामूहिक रुप से बेलीज, बहामास, थाईलैंड, नॉर्वे, मंगोलिया, नाइजर, युगांडा और सूडान के राजदूतों का प्रत्यय पत्र स्वीकार किया।

संत पापा ने सभी देशों के राजदूतों को अपने नये उत्तरदायित्व को वहन करने हेतु शुभकामनाएं देते हुए उन्हें अपने संबोधन में कहा कि आप सभी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के निर्मण में अपना मूल्यवान सहयोग देते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय संगठनों और उनके संस्थान के कार्यक्रमों में आप की सहभागिता द्वारा व्यक्त होता है।

वर्तमान चुनौतियाँ

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में जब हम विश्व को युद्धों के अलावे कई समस्याओं में उलझा हुआ पाते हैं, राजनीतिक कार्य कुशलता के माध्यम सामूहिक कार्यों के फलस्वरूप पुरुषों और महिलाओं की सुरक्षा और उनके हितों का ध्यान रखना अपने में और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उनके बिना मानवीय सम्मान और उनके अधिकारों की सुरक्षा, न्याय, मेल-मिलाप और शांति के लिए वार्ता को बढ़ावा, सामान्य घर तथा आने वाली पीढ़ियों की देख-रेख करना जो हमारे लिए कीमती उपहार हैं, अपने में असंभव जान पड़ता है।

“आप उत्तरदायित्वों को ऐसे क्षण में अपने कंधों में ले रहे हैं जब राजनीति अंतरराष्ट्रीय नियमों का संदर्भ संवेदनशील है साथ ही तृतीय विश्व युद्ध टुकड़ों में लड़ी जा रही है।” संत पापा ने विश्व में युद्ध प्रभावित प्रांतों में शांति स्थापना और गरीबों के लिए बेहतर भविष्य की ओर राजदूतों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि हम सभों का बुलावा अधिक सतर्कता बरतने और शांतिदूत बनने के लिए हुआ है।

राष्ट्रीय संसाधनों का उपयोग

वर्तमान समय की चुनौतियों के प्रत्युत्तर में संत पापा ने इन सभी देशों की ऐतिहासिक, बौद्धिक, तकनीकी, कलात्मक और संस्कृति निधियों की प्रशंसा की जो हर राष्ट्र के नागिरकों के विकास हेतु सहायक सिद्ध होते हैं। “आप के राष्ट्रीय संसाधन क्षमताएं और प्रतिभा ऐसे उपहार हैं जिन्हें द्विपक्षीय और बहुपक्षीय दोनों संदर्भों में पूरे विश्व और मानवता की भलाई के लिए उपलब्ध किया जा सकता है।”

इस संदर्भ में संत पापा ने देशों के बीच उदारतापूर्वक अपने भौतिक, मानवीय, नौतिक और आध्यात्मिक साधनों को साझा करने का आह्वान किया। उन्होंने मूलभूत मानवाधिकारों को प्रभावित करने वाली अन्य स्थितियों की ओर भी ध्यान आकर्षित कराया जैसे पीने के पानी, भोजन या बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल की कमी, शिक्षा की व्यवस्था, गरिमापूर्ण कार्य करने के अवसर इत्यादि। उन्होंने कहा,“मैं बीमारों, विकलांगों और युवाओं के बारे में भी सोचता हूँ खास कर बालिकाओं के लिए जिन्हें अपनी क्षमताओं को निखारने हेतु कम अवसर प्राप्त होते हैं और वे जिनकी पृष्टभूमि अपने में कमजोर है जो हाशिए पर छोड़े दिये गये हैं।

कार्य, अंधरे में ज्योति बने

राजदूतों के कर्तव्य और अधिकारों की ओर उनका ध्यान आकर्षित करते हुए संत पापा ने कहा कि राजनायिकों के रुप में आप की भूमिका अंधेरे में ज्योति की तरह चमकेगी। “आप उन्हें केन्द्र में लायें जो परित्यक्त हैं, आवाजहीनों और उनकी आवाज बनें जो चुप करा दिये गये हैं। अपने उत्तरदायित्व के निर्वाहन में आप एकजुटता और सामाजिक मित्रता को रचनात्मक तरीके से बढ़ावा देते हुए सबसे कमजोर भाई-बहनों की मदद कर पायेंगे जो जरुरत की स्थिति में हैं। “आप के कार्यों में वाटिकन सचिवालय और रोमन कूरिया की ओर से मैं आप को हर संभव सहयोग देने का आश्वासन देता हूँ।” कई मौजूदा पहलों और जनसधारण क्षेत्रों पर कार्य करते हुए, मुझे विश्वास है कि आपके देशों और परमधर्मपीठ के बीच सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित होंगे जो हितकारी होंगे।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

15 December 2022, 15:47