खोज

2022.12.18 स्पानिश दैनिक एबीसी के साथ एक साक्षात्कार में संत पापा फ्राँसिस 2022.12.18 स्पानिश दैनिक एबीसी के साथ एक साक्षात्कार में संत पापा फ्राँसिस  

संत पापा : 'मेरी सेवा निवृति स्वास्थ्य समस्याओं पर आधारित'

स्पानिश दैनिक एबीसी के साथ एक साक्षात्कार में, संत पापा फ्राँसिस ने खुलासा किया कि अपने परमाध्यक्षीय कार्यकाल की शुरुआत में उन्होंने राज्य के तत्कालीन सचिव, कार्डिनल बेर्तोने को एक पत्र दिया था, जिसमें घोषणा की थी कि गंभीर और स्थायी स्वास्थ्य बाधाओं की स्थिति में जब उन्हें रोम के धर्माध्यक्ष और विश्वव्यापी कलीसिया के चरवाहे के रूप में अपनी भूमिका निभाना असंभव होगा तो वे पद छोड़ देंगे।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 19 दिसंबर 2022 (वाटिकन न्यूज) : 2013 में अपने परमाध्यक्षीय कार्यकाल की शुरुआत में जब कार्डिनल तर्सीसियो बेर्तोने राज्य के सचिव थे, उसी समय संत पापा फ्राँसिस ने "स्वास्थ्य समस्या संबंधी मामले में" त्याग पत्र सौंप दिया। इस फैसले का खुलासा करते हुए कहा कि संत पापा पॉल षष्टम ने भी अपने समय के दौरान किया था, संत पापा फ्राँसिस ने स्पानिश दैनिक एबीसी को दिए गए एक विस्तृत साक्षात्कार में इस मामले के बारे में बात की। एक दिन पहले पोस्ट किए गए प्रीव्यू के साथ पूरा साक्षात्कार रविवार को सामने आया।

संत पापा अखबार के संपादक, जूलियन क्विरोस और इसके वाटिकन संवाददाता, जेवियर मार्टिनेज-ब्रोकल से मिले, तब उन्होंने कलीसिया के जीवन और दुनिया की वर्तमान घटनाओं के कई विषयों को संबोधित किया।

बातचीत में यूक्रेन में युद्ध पर बात हुई, जहां संत पापा ने कहा कि वे "इसका एक अल्पकालिक अंत नहीं देखते हैं क्योंकि यह एक विश्व युद्ध है।" पुरोहितों द्वारा दुर्व्यवहार के मामले, रोमन कूरिया में महिलाओं की भूमिका (जहां वे कहते हैं, "दो साल के भीतर एक महिला एक विभाग का नेतृत्व करेगी"), संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें का 2013 का इस्तीफा और उनका खुद का संभावित इस्तीफा।

इस्तीफा पत्र

संत पापा ने अपने इस्तीफे के पत्र के अस्तित्व के बारे में बात करते हुए कहा, "मैंने पहले ही अपने इस्तीफे पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह तब था जब कार्डिनल तार्सीसियो बर्टोन राज्य के सचिव थे। मैंने इस्तीफे पर हस्ताक्षर किए और उनसे कहा: 'स्वास्थ्य बाधा या जो भी हो, यह मेरा इस्तीफा है और आपके पास है'। मैं नहीं जानता कि कार्डिनल बेर्तोने ने इसे किसे दिया था, लेकिन जब वह राज्य सचिव थे तब मैंने उन्हें दिया था।" एबीसी के दो साक्षात्कारकर्ताओं ने पूछा कि क्या वे चाहते हैं कि दूसरे को ज्ञात हो? इसपर संत पापा ने कहा, "इसीलिए मैं आपको बता रहा हूँ," यह याद करते हुए कि संत पापा पॉल षष्टम ने भी स्वास्थ्य समस्याओं की स्थिति में लिखित रूप में अपना इस्तीफा छोड़ दिया था और संत पापा पियुस बारहवें ने भी शायद ऐसा किया था। संत पापा कहा, "यह पहली बार है जब मैं यह कह रहा हूँ। अब शायद कोई जाकर कार्डिनल बेर्तोने को 'मुझे वह पत्र देने' के लिए कहेगा (संत पापा ने मजाक में कहा) ... निश्चित रूप से कार्डिनल बेर्तोने ने इसे नए राज्य सचिव को दिया होगा।"

यूक्रेन में युद्ध

साक्षात्कार यूक्रेन में चल रहे युद्ध पर भी केंद्रित थी जिसके खिलाफ पोप ने सौ से अधिक बार बात की है। वे स्पष्ट रूप से यह भी कहते हैं: "यूक्रेन में जो हो रहा है वह भयानक है। भारी क्रूरता है। यह बहुत गंभीर है ..."

संत पापा युद्ध का कोई अल्पकालिक अंत नहीं देखते हैं: "यह एक विश्व युद्ध है। आइए, हम इसे न भूलें। युद्ध में पहले से ही कई हाथ शामिल हैं। यह वैश्विक है। मुझे लगता है कि युद्ध तब लड़ा जाता है जब एक साम्राज्य कमजोर होने लगता है और जब उपयोग करने, बेचने और परीक्षण करने के लिए हथियार होते हैं। मुझे ऐसा लगता है कि इसमें कई हित शामिल हैं।" संत पापा ने युद्ध के खिलाफ सौ से अधिक बार कहा है, "जो मैं कर सकता हूँ, वह करता हूँ, वे सुनते नहीं हैं," "यूक्रेन में जो हो रहा है वह भयानक है। भारी क्रूरता है। यह बहुत गंभीर है और मैं लगातार इसकी निंदा करता हूँ। संत पापा ने सभी को स्वीकार करने और सुनने में अपने खुलेपन की पुष्टि की: "अब वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने मुझे तीसरी बार अपने धार्मिक सलाहकारों में से एक भेजा है। मैं संपर्क में हूँ, मुझसे लोग मिलते हैं और मैं उनकी मदद करता हूँ..."

स्पेनिश दैनिक एबीसी द्वारा  संत पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार
स्पेनिश दैनिक एबीसी द्वारा संत पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार

वाटिकन कूटनीति

संत पापा फ्राँसिस की पहुँच परमधर्मपीठ के कूटनीतिक प्रयासों के साथ-साथ चलती है। इस विषय पर, एबीसी साक्षात्कारकर्ताओं ने पूछा कि वाटिकन अधिनायकवादी शासनों के खिलाफ बोलने में इतना सतर्क क्यों है। संत पापा फ्राँसिस ने उत्तर दिया, "परमधर्मपीठ हमेशा संवाद और कूटनीति के माध्यम से लोगों की रक्षा करने की कोशिश करता है।" "परमधर्मपीठ कभी भी अकेले नहीं जाता... यह हमेशा कूटनीतिक संबंधों की रक्षा करने, धैर्य और संवाद से जो बचाया जा सकता है उसे बचाने की कोशिश करता है।"

दुर्व्यवहार के मामले

पुरोहितों द्वारा यौन शोषण के मामलों पर एक सवाल का जवाब देते हुए, संत पापा ने कहा, "यह बहुत दर्दनाक है, बहुत दर्दनाक है," पीड़ितों के साथ अपनी बैठकों का जिक्र करते हुए जो उनके परमाध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान हुई थी। "ये वे लोग हैं जिन्हें उनके द्वारा नष्ट कर दिया गया है जिन्हें उनके परिपक्व और विकसित होने में मदद करनी चाहिए थी। यह बहुत कठिन है। यहां तक कि अगर केवल एक ही मामला था, तो भी यह भयानक है और यह कि एक व्यक्ति जो आपको ईश्वर के पास ले जाए, वही आपको नष्ट कर देता है।"

महिलाओं की भूमिका

एबीसी साक्षात्कार रोमन कूरिया में महिलाओं के लिए संभावित नेतृत्व की भूमिका से शुरू होने के बाद, अधिक 'सांसद' प्रकृति के विषयों पर केंद्रित हुई। "वहाँ होगा,"संत पापा  फ्राँसिस आश्वस्त रूप से कहा। "मेरे पास ऐसे विभाग के लिए कोई है जहां दो साल में एक पद उपलब्ध होगा। एक महिला द्वारा एक विभाग का नेतृत्व करने में कोई बाधा नहीं है, यहाँ एक साधारण व्यक्ति प्रीफेक्ट है। यदि यह एक पवित्र संस्कार की प्रकृति का विभाग है, तो वह एक पुरोहित या एक धर्माध्यक्ष की अध्यक्षता में है।"

भविष्य कॉन्क्लेव

संत पापा से पूछा गया कि भविष्य के कॉन्क्लेव के काम को कैसे सरल बनाया जा सकता है, क्योंकि उनके द्वारा बनाए गए नए कार्डिनल एक-दूसरे को अच्छी तरह से नहीं जानते हैं और अलग-अलग और दूर के स्थानों से आते हैं। संत पापा ने कहा कि यह सच है कि "मानवीय दृष्टिकोण से" ये मुद्दे हो सकते हैं, लेकिन "यह पवित्र आत्मा है जो कॉन्क्लेव में काम कर रही है।" संत पापा ने अगस्त की बैठकों के दौरान ‘प्रेदिकाते इवांजेलुम’ पर एक जर्मन कार्डिनल के एक प्रस्ताव को याद किया कि एक नए संत पापा के चुनाव में, केवल रोम में रहने वाले कार्डिनलों को भाग लेना चाहिए।" संत पापा ने तब अलंकारिक रूप से पूछा, "क्या यह कलीसिया की सार्वभौमिकता है?"

संत पापा फ्राँसिस और संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें
संत पापा फ्राँसिस और संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें

संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें :  एक महान व्यक्ति

अपने पूर्ववर्ती संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें के साथ अपने संबंधों पर बोलते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें "एक संत" और "महान आध्यात्मिकता वाले व्यक्ति" के रूप में वर्णित किया। उन्होंने बताया कि वे उनके पास अक्सर जाते हैं और हमेशा उनकी मुलाकात लाभकारी होता है। "उनके पास हास्य की अच्छी भावना है, वे बहुत जीवंत और स्पष्टवादी हैं, वे धीरे बोलते हैं। मैं उनकी स्पष्टता की प्रशंसा करता हूँ। वे एक महान व्यक्ति हैं। दूसरी ओर,संत पापा फ्रांसिस का कहना है कि उनका कोई इरादा नहीं है कि सेवानिवृत संत पापा की न्यायिक स्थिति को परिभाषित करे: "मुझे लगता है कि पवित्र आत्मा में कोई दिलचस्पी नहीं है कि मैं इन मामलों से निपटूँ।"

जर्मनी में कलीसिया

जर्मनी में कलीसिया के बारे में, जो धर्मसभा प्रक्रिया से जूझ रही है और अभी भी विभिन्न प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न करती है, यहाँ तक कि नकारात्मक भी, संत पापा फ्राँसिस जून 2019 में लिखे गए पत्र को याद करते हैं: "मैंने इसे खुद लिखा था। इसे लिखने में मुझे करीब एक महिना लगा। यह एक पत्र था मानो कह रहा हो: 'भाइयो, इस पर विचार करो'।

मार्सिले की यात्रा

साक्षात्कार की बातचीत के दौरान, संत पापा ने उल्लेख किया कि उन्होंने 'भूमध्यसागरीय मुलाकात' के लिए मार्सिले की यात्रा की योजना बनाई है, यह फ्रांस की यात्रा नहीं है और यह कि उनकी प्रेरितिक यात्राओं में प्राथमिकता यूरोप के छोटे देशों की यात्रा करना है।

कातालोनिया के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर, संत पापा ने कहा कि "इन समस्याओं को हल करने के लिए प्रत्येक देश को अपना ऐतिहासिक रास्ता खोजना होगा। कोई एक समाधान नहीं है।" वे इटली में उत्तरी मसेदोनिया या दक्षिण टिरोल के मामले को अपनी स्थिति के साथ उद्धृत करते है। कलीसिया एक पक्ष या दूसरे के लिए प्रचार की आवाज नहीं बन सकती है, उसके बजाय कलीसिया को लोगों का साथ देना ताकि वे एक निश्चित समाधान पा सकें।  इसी तरह, संत पापा याद करते हैं कि: "जब एक पुरोहित राजनीति में दखल देता है, तो यह अच्छा नहीं है .... पुरोहित एक याजक है। उसे लोगों को अच्छे चुनाव करने में मदद करनी चाहिए। उनका साथ दें। लेकिन राजनेता नहीं बनें। यदि वे  राजनीति में नेता बनना चाहते हैं, तो पुरोहितवाद को छोड़ दें और एक राजनेता बनें।"

ओपुस देई पर मोतु प्रोप्रियो

अंत में, पिछले जुलाई के मोतु प्रोप्रियो ‘अद करिश्मा ट्यूएन्डुम ऑन ओपुस देई’ पर के बारे में पूछे जाने पर, संत पापा ने कहा कि दस्तावेज़ एक ऐसे मुद्दे को संबोधित करता है जिसे फिर से परिभाषित करने और हल करने की आवश्यकता है। जैसा कि कुछ लोगों ने दावा किया है, कि यह अनुशासनात्मक उपाय या अधिग्रहण नहीं था। "मैं ओपुस देई का बहुत अच्छा दोस्त हूँ, मैं ओपुस देई के लोगों से बहुत प्यार करता हूँ और वे कलीसिया में अच्छा काम करते हैं। वे जो अच्छा करते हैं वह बहुत महान है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

19 December 2022, 15:57