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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

देवदूत प्रार्थना में पोप : हम क्षमाशीलता के गुण में बढ़ सकें

संत स्तेफन के पर्व दिवस पर संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों से आग्रह किया कि वे शहीदों की याद करें, विशेषकर, संत स्तेफन की, जिनके द्वारा हम क्षमाशीलता का गुण सीख सकते हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 26 दिसंबर 2022 (रेई) – पोप फ्राँसिस ने क्रिसमस के दूसरे दिन, कलीसिया के पहले संत शहीद स्तेफन के पर्व दिवस पर वाटिकन के संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित विश्वासियों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। संत स्तेफन येसु का साक्ष्य देते हुए शहीद हो गये थे। संत पापा ने कहा कि हम अपने भाइयों और बहनों के प्रति उदारता, ईश वचन के प्रति वफादार और क्षमाशीलता के माध्यम से येसु की गवाही देने में बढ़ सकते हैं।  

देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा ने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, “प्यारे भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात, पर्व की शुभकामनाएँ। कल हमने प्रभु की जयन्ती और धर्मविधि समारोह मनाया।“ उन्होंने क्रिसमस अठवारे की याद दिलाते हुए कहा,  “उनका अच्छी तरह स्वागत करने के लिए महापर्व की अवधि को १ जनवरी तक बढ़ा दिया गया है, आठ दिनों तक, क्रिसमस अठवारा मनाया जाता है।“

शहीदों को याद करने का समय

हैरानी की बात है कि इन्ही दिनों शहीद संतों की एक बड़ी संख्या की याद की जाती है। उदाहरण के लिए, आज संत स्तेफन, जो प्रथम ख्रीस्तीय शहीद हैं और परसों को निर्दोष बच्चों का पर्व मनाया जाएगा, जो राजा हेरोद द्वारा येसु से राजगद्दी छिन जाने के डर से मार डाले गये थे। (मती. 2:1-18) संक्षेप में, धर्मविधि हमें दुनिया के चकाचौंध, भोज और उपहारों से दूर संकेत देती है जिनमें हम किसी न किसी रूप में इन दिनों व्यस्त हैं। पर क्यों?   

साक्ष्य देने का अर्थ

संत पापा ने कहा, “क्योंकि क्रिसमस किसी राजा के जन्म की काल्पनिक कहानी नहीं है, बल्कि मुक्तिदाता के आगमन की कहानी है, जो स्वार्थ, पाप एवं मृत्यु जैसी हमारी बुराईयों को अपने ऊपर लेकर हमें बुराई से मुक्त करते हैं। और शहीद उन्हीं के समान हैं। शहीद का अर्थ ही है साक्ष्य देना। शहीद साक्ष्य देते हैं, वे ऐसे भाई बहने हैं जो अपने जीवन से येसु को प्रकट करते हैं जिन्होंने करुणा द्वारा बुराई पर विजय पायी है।

संत पापा ने वर्तमान समय के शहीदों की याद करते हुए कहा, “हमारे समय में भी शहीदों की संख्या बड़ी है। आज हम प्रताड़ित भाई बहनों के लिए प्रार्थना करते हैं जो ख्रीस्त का साक्ष्य दे रहे हैं। किन्तु हम अपने आपसे पूछें : क्या हम साक्ष्य देते हैं? हम किस तरह इसमें बढ़ सकते हैं? हमें संत स्तेफन के उदाहरण से मदद मिल सकती है।“

उदारता

प्रेरित चरित हमें बतलाता है कि वे सात उपयाजकों में से एक थे जिनको येरूसालेम ख्रीस्तीय समुदाय ने भोजन परोसने एवं उदार कार्यों को सम्पन्न करने के लिए नियुक्त किया था। (प्रे.च.6:1-6) संत पापा ने कहा कि इसका अर्थ है, उन्होंने अपना पहला साक्ष्य शब्दों से नहीं बल्कि प्रेम से दिया, जिसके द्वारा उन्होंने सबसे जरूरतमंद लोगों की सेवा की। लेकिन स्तेफन ने खुद को सहायता करने के कार्यों तक सीमित नहीं रखा। वे जिनसे मिले उन्हें येसु के बारे बतलाया। वे ईश वचन एवं प्रेरितों की शिक्षा पर विश्वास करते थे। (प्रे. च. 7: 1-53, 56)

यह उनके साक्ष्य का दूसरा आयाम है : वचन का स्वागत करना एवं इसकी सुन्दरता को दूसरों को बतलाना। यह बतलाना कि येसु के साथ मुलाकात किस तरह हमारे जीवन को बदल देता है। यह बात स्तेफन के लिए इतनी महत्वपूर्ण थी कि वे अपने अत्याचारियों की धमकी से नहीं डरे, यहाँ तक कि चीजों को बिगड़ते देखते हुए भी। सेवा और घोषणा ही स्तेफन के लिए सबसे महत्वपूर्ण थे। वे जानते थे कि सेवा और घोषणा को किस तरह एक साथ लाया जा सकता है। उन्होंने मौत सहकर इसे हमारे लिए छोड़ दिया है, जबकि येसु का अनुसरण करते हुए उन्होंने अपने हत्यारों को क्षमा कर दिया। (प्रे.च. 60; लूक. 23, 34)

क्षमाशीलता

संत पापा ने संत स्तेफन की शहादत को उत्तम साक्ष्य बतलाते हुए एवं साक्ष्य देने के गुण में बढ़ने का प्रोत्साहन देते हुए कहा, “हमारे सवाल का उत्तर यहीं है, हम अपने भाई-बहनों के प्रति उदार होकर, ईश वचन के प्रति वफादार होकर एवं क्षमाशीलता के द्वारा साक्ष्य देने की शक्ति में बढ़ सकते हैं।“ क्षमाशीलता बतलाती है कि क्या हम दूसरों के प्रति सचमुच उदार हैं और क्या हम ईश वचन को जी रहे हैं। क्षमाशीलता का अर्थ है दान करना, एक उपहार है जिसको हम दूसरों के लिए अर्पित करते हैं क्योंकि हम येसु के हैं और उनके द्वारा क्षमा किये गये हैं। आइये, हम क्षमा करने की अपनी क्षमता पर चिंतन करें, इन दिनों हम बहुत सारे लोगों से मुलाकात करेंगे, जिनमें से कुछ लोगों के साथ हम सहमत नहीं होंगे, जिन्होंने हमें दुःख दिया है, जिनके साथ हम अपना संबंध कभी ठीक नहीं कर पाये। आइये, हम नवजात बालक येसु से प्रार्थना करें कि वे हमें एक नवीकृत हृदय प्रदान करें जो क्षमा कर सके, उन लोगों के लिए प्रार्थना कर सके जो दुःख देते हैं तथा खुलापन एवं मेल-मिलाप के लिए कदम उठा सके।

तब संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना करते हुए कहा, “शहीदों की रानी, हमें उदारता, ईश वचन के प्रति प्रेम और क्षमाशीलता में बढ़ने में मदद करे।“

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

शांति का अभिवादन एवं शुभकामनाओं के लिए आभार

देवदूत प्रार्थना के उपरांत उन्होंने सभी लोगों का अभिवादन किया एवं बालक येसु की शांति की कामना की। उन्होंने कहा, “प्यारे भाइयो एवं बहनो, पवित्र क्रिसमस के आनन्द एवं शांति के आध्यात्मिक माहौल में, मैं यहाँ उपस्थित एवं संचार माध्यमों से हमारे साथ जुड़े सभी लोगों का अभिवादन करता हूँ। मैं पुनः शांति की शुभकामनाएँ देता हूँ, परिवारों में शांति, पल्लियों एवं धर्मसमाजी समुदायों में शांति, संघों और संगठनों में शांति, युद्ध से त्रस्त लोगों को शांति, प्यारे और प्रताड़ित यूक्रेन को शांति मिले।“

तत्पश्चात् संत पापा ने उन सभी लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया जिन्होंने उन्हें क्रिसमस की शुभकामनाएँ अर्पित की हैं। उन्होंने कहा, “इस सप्ताह मैंने दुनिया भर से शुभकामनाओँ के कई संदेश प्राप्त किये हैं। किन्तु हरेक जन को उत्तर नहीं दे पाने के कारण, मैं आप सभी के प्रति अपना आभार प्रकट करता हूँ, विशेषकर, प्रार्थना के उपहार के लिए।“

अंत में, संत पापा ने पर्व की शुभकामनाएँ देते हुए अपने लिए प्रार्थना की कामना की एवं विश्वासियों से विदा लिया।

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26 December 2022, 16:46