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संत पापाः ईश्वर मुसीबतों को नई क्षितिज में बदलते हैं

संत पापा फ्रांसिस ने अपने देवदूत प्रार्थना में संत योसेफ के व्यक्तित्व का जिक्र करते हुए ईश्वर के आश्चर्य हेतु खुला रहने का आहृवान किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्रांसिस ने रविवारीय देवदूत प्रार्थना हेतु जमा हुए सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों को संबोधित करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनों सुप्रभात।

आज आगमन के चौथे और अंतिम सप्ताह की धर्मविधि का सुसमाचार हमारे लिए संत योसेफ के व्यक्तित्व को प्रस्तुत करता है। वे एक नेक व्यक्ति हैं जिनका विवाह होने वाला है। उस उनके भविष्य के सपनों के बारे में सोच सकते हैं-एक सुन्दर परिवार, एक प्यारी पत्नी और बहुत से सुन्दर बच्चे और एक सम्मानजनक कार्य- ये अपने में साधारण और सुन्दर सपने हैं। लेकिन अचानक एक चौंकाने वाली बात से उसके सारे सपने धूमिल हो जाते हैं। मरियम, उनकी मंगेतर अपने में गर्भवती है जो उसका अपना नहीं है। योसेफ ने कैसा अनुभव हुआ होगाॽ वह अपने में एक सदमे, दर्द, भ्रमित और शायद एक तरह से क्रोधित और निराशा का अनुभव कया। वह अपनी दुनिया को टूट कर बिखरते हुए देखता है, और अब उन्हें क्या करने की मांग की जाती हैॽ

दो विकल्प

संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि समाज के नियम दो विकल्प को प्रस्तुत करते हैं। पहला वह मरियम को दोषी ठहरा सकता था और उसकी बेवफाई की सजा दिला सकता था। दूसरा वह मरियम को बिना अपमानित किये और उन सारी बातों के लिए कठोर सजा दिलाये बिना, सारी चीजों को अपने ऊपर लेते हुए चुपके से अपनी मंगनी को तोड़ सकता था। उसने अपने लिए दूसरे विकल्प का चुनाव किया, जो करूणा का मार्ग था। समस्याओं के इस चरम में, जब वह इन सारी जटिल बातों पर विचार-विमार्श कर ही रहा होता, ईश्वर उनके हृदय को एक ज्योति से आलोकित करते हैं। उन्हें सपने में इस सत्यता से वाकिफ किया जाता है कि मरियम का मातृत्व बेवफाई के कारण नहीं लेकिन पवित्र आत्मा से है, और इसलिए जो बच्चे का जन्म होगा वह दुनिया का मुक्तिदाता होगा। मरियम मुक्तिदाता की मां होगी और वे उसके संरक्षक होंगे। अपनी नींद से जागने के उपरांत वह पूरे इसराएल के लिए उस सपने के रहस्य को समझते हैं, जो अप्रत्यशित ढ़ंग से पूरा होने वाला है, वे मुक्तिदाता के पिता बनेंगे।

ईश्वर के आश्चर्य

वास्तव में, इसे पूरा होने के लिए केवल दाऊद के घराने से संबंध रखना और नियमों को निष्ठापूर्वक पालन करना काफी नहीं है लेकिन उसे इसके लिए अपने को ईश्वर को देना और इन सारी बातों से परे जाना है, मरियम औऱ उसके बेटे का स्वागत एक अलग तरीके से करना है, जो आशा से एकदम परे है जो पहले कभी नहीं हुआ है। दूसरे शब्दों में, योसेफ को उन बातों का परित्याग करना होगा जिसे वह अपनी योजना के तहत निश्चित किया था, उन्हें अपने को भविष्य के लिए खुला रखते हुए सारी चीजों की खोज करना होगा। ईश्वर से सामने, जो उसकी सारी योजनाओं को उल्ट-पुल्ट कर देते वह उन पर विश्वास करते और उन्हें हाँ कहते हैं। हम उसमें एक बड़े साहस को देखते हैं जहाँ वे चुपचाप अपने कार्यों को करते हैं। वह विश्वास में सारी बातों का स्वागत करता और अपने में तैयार रखता है, वह किसी अन्य बातों की निश्चितता हेतु मांग नहीं करते हैं।

योसेफ हमारे मार्ग-दर्शक

प्रिय भाइयो एवं बहनों संत पापा ने कहा कि आज संत योसेफ हमारे लिए क्या कहते हैंॽ हमारे भी अपने कुछ सपने हैं और शायद हम उन सपनों के बहुत बार सोचते हैं, हम ख्रीस्त जयंती के काल में मिलकर उनके बारे में बातें करते हैं। शायद हम कुछ योजना के बारे में शिकायतें करते हैं जो टूट गये हैं और इस बात का अनुभव करते हैं कि हमारी बेहतर आशाओं को हमें बहुत बार अनचाही चीजों के साथ संयुक्त करना पड़ता है, जहाँ हम चौंकाने वाली स्थितियों को पाते हैं। जब हमारे जीवन में ऐसी बातें होती हैं तो संत योसेफ हमें मार्ग दिखलाते हैं। ऐसी स्थिति में हम अपने में नकारात्मक चीजों को हावी होने न दें जैसे की क्रोध या अकेले रहने की चाह, ये हमारे लिए गलत मार्ग बन जाते हैं। इसके बदले हमें चाहिए कि हम अपने जीवन में आश्चर्यचकित करने वाली बातों को सतर्कता पूर्ण ढ़ंग से स्वागत करें यहाँ तक की संकटों को भी। जब हम अपने को तकलीफों में पाते तो हम तुरंत या आवेश में आकर निर्णय न लें, लेकिन हम योसेफ की तरह सभी बातों में “चिंतन करें” और अपने को ईश्वर की निश्चित कृपा में आधारित रखें। संत पापा ने कहा कि जब कोई अपने जीवन में मुसीबतों का सामना करता है और बिना विचलित, कोधित और भयभीत हुए अपने द्वार को ईश्वर के लिए खुला रखता तो वे उसके जीवन में आते हैं। वे हमारी तकलीफों को सपनों में बदले वाले विशेषज्ञ हैं, हां ईश्वर हमारे मुसीबतों को नये क्षितिजों में परिणत कर देते हैं, शायद वैसे नहीं जैसे कि हम चाहते हैं लेकिन अपने रूप में जिसे वे बेहतर रूप में जानते हैं। वे हमारे लिए ईश्वर की क्षिजित होते हैं जो हमें आश्चर्यचकित करते हैं, वे हमारे लिए अनंत और अधिक विशाल, हमारी सोच-विचार से अधिक सुन्दर हैं। माता मरियम हमें ईश्वर के खुले आश्चर्य को जीने में मदद करें। 

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19 December 2022, 11:17