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संत पापाः सुन्दर बने रहने में मरियम हमारी मदद करें

संत पापा ने माता मरियम के निष्कलंक गर्भाधारण महापर्व के अवसर पर अपने देवदूत प्रार्थना के पूर्व दिये गये संदेश में बपतिस्मा में मिली वास्तविक कृपा को याद करने और सुन्दर बने रहने का आहृवान किया।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्रांसिस ने माता मरियम के निष्कलंक गर्भाधारण महापर्व के शुभावसर पर विश्वासियों और तीर्थयात्रियों के संग देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। उन्होंने संत पेत्रुस के प्रांगण में जमा हुए सभी विश्वासियों और तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनों, सुप्रभात और पर्व की शुभकामनाएं।

मरियम के निष्कलंक गर्भाधारण के त्योहार हेतु लिया गया सुसमाचार हमें उन्हें उनके घर में शुभ संदेश सुनाये जाने की बात प्रस्तुत करता है। स्वर्गदूत गब्रियेल कुंवारी को संबोधित करते हुए कहते हैं, “प्रणाम, प्रभु की कृपापात्री, प्रभु आप के साथ हैं”। संत पापा ने कहा कि वे उन्हें नाम ले कर नहीं पुकारते हैं बल्कि उन्हें एक नये नाम से संबोधित करते हैं, “कृपा से पूर्ण”। कृपा से पूर्ण और इसलिए पापों से मुक्त, यह नाम उन्हें ईश्वर की ओर से दिया जाता है जिसका त्योहार आज हम सभी मनाते हैं।

वास्तविक कृपा

संत पापा ने कहा कि हम मरियम के आश्चर्य के बारे में विचार करें, ऐसा करने के द्वारा ही वह अपनी सच्ची पहचान को जान पाती हैं। वास्तव में, उस नाम से पुकारते हुए ईश्वर उनके लिए एक बृहृद रहस्य को प्रकट करते हैं, जिसके बारे में वह पहले अनभिज्ञ थीं। हम सभों के साथ भी ऐसा ही हो सकता है। किस अर्थ मेंॽ इस अर्थ में कि पापियों के रुप में हम सबों ने भी ईश्वरीय उपहार को प्राप्त किया जो हमारे जीवन को भर देता है। हम बहुत बार अपने को आदि पाप के ग्रस्ति होने की बात कहते लेकिन हमें एक वास्तविक कृपा भी मिली है जिसके बारे में हम यद्यपि अपने को सचेत नहीं पाते हैं।

बपतिस्मा एक महत्वपूर्ण दिन

संत पापा ने कहा कि यह वास्तविक कृपा हमारे लिए क्या हैॽ इसे हमने अपने बपतिस्मा के दिन प्राप्त किया है जिसे हमें याद करते हुए त्योहार के रुप में मनाने की जरुरत है। उन्होंने अपने इस सावल को पुनः सभों के सामने रखते हुए कहा, “हममें से कितने हैं जो अपने बपतिस्मा की तारीख में जानते हैंॽ वह तारीक हमारे लिए महत्वपूर्ण है। यदि वह तरीक हमें पता नहीं तो हम घर जाकर उसका पता करें। आप उसे अपने नाना-नानी से से पूछें। क्योंकि वह दिन हमारे लिए कृपा का एक बड़ा दिन है उस दिन हमने एक नये जीवन की शुरूआत की है।” उस दिन ईश्वर हमारे जीवन में आये जिसके फलस्वरुप हम हमेशा के लिए ईश्वर की संतान बन गये जो हमें प्रेम करते हैं। यह हमारे लिए वह वास्ताविक सुन्दरता है जिसके लिए हमें आनंदित होने की जरुरत है। आज मरियम जो कृपा के कारण अपने में अच्चभित होती हैं वह उन्हें अपने जीवन के शुरूआती दिन से ही सुन्दर बनाता है जो हमें भी हमारी सुन्दरता पर विस्मित होने में मदद करता है। हम इसे एक चिन्ह के द्वारा समझ सकते हैं जिसे हम श्वेत वस्त्र को रुप में बपतिस्मा में पाते हैं जो हमें इस बातकी याद दिलाती है कि बुराई के कलंक से जिसके नीचे हम सालों दबे रहें, हमारे अंदर उस बुराई से बड़ी एक अच्छाई व्याप्त है। हम उसे अपने में गूंजित होते सुनें, जहाँ ईश्वर हमें कहते हैं,“पुत्र-पुत्री, मैं तुम्हें प्रेम करता हूँ, मैं सदैव तुम्हारे साथ हूँ, तुम मेरे लिए महत्वपूर्ण हो, तुम्हारा जीवन कीमती है।” संत पापा नेक हा कि जब चीजें ठीक नहीं होतीं और जब हम अपने में निराश हो जाते, जब हम अपनी हताशी में अपने को बेकार या गलत होने का अनुभव करते हैं, तो उन परिस्थितियों में हम इस वास्तविक कृपा के बारे में सोचें।

सुन्दरता हेतु कीमत की मांग

आज ईशवचन हमें और एक महत्वपूर्ण बात को बतलाता है कि अपनी सुन्दरता को बनाये रखने हेतु हमें एक कीमत चुकानी पड़ती है। वास्तव में, सुसमाचार हमें मरियम के साहस को दिलाता है जिसके फलस्वरुप उन्होंने ईश्वर को “हाँ” कहा, उन्होंने ईश्वर की जोखिम को चुना जिसकी चर्चा आज का पहला पाठ हमारे लिए आदि पाप के रुप में व्यक्त करता है जहाँ हम परीक्षा और परीक्षक को पाते हैं। हम इसे अपने अनुभव के अनुसार जानते हैं, हमारे लिए अच्छाई का चुनाव करना मुश्किल होता है जहाँ हम अपने में व्याप्त अच्छाई का आनंद उठाते हैं। हम उस बात पर विचार करें कि कितनी बार हमने उसे बुराई के संपर्क में आते हुए नष्ट कर दिया है, अपनी इच्छाओं के प्रति चतुराई में या उन चीजों को करने में जो हमारे हृदय को दूषित करता है या अपने समय को उन चीजों को करते हुए बर्बाद किया है जो हमें हानि पहुंचाते हैं, जहाँ हमें प्रार्थना को अपने से दूर रखते हुए उन लोगों की सेवा करने में आना-कानी की जिन्हें हमारी मदद की जरुरत थी जिन्हें हम अपनी सहायता दे सकते थे।

अपने को मरियम को सौंपें

इन सारी चीजों के सामने आज हम अपने लिए एक अच्छे संदेश को पाते हैं मरियम जो एकमात्र पापरहित मानव रहीं, हमारे संघर्ष में वे हमारे साथ रहती हैं, वे हमारी बहन की भांति हैं और उसके भी बढ़ कर वे हमारी माँ हैं। हम जो अपने लिए अच्छाई को चुनने में कठिनाई का अनुभव करते हैं हम उनमें निर्भर रहें। हम अपने को उन्हें सौंप देते हुए कहें, “हमें अपने हाथों से पकड़े रहिए, माँ- मेरा मार्गदर्शन कीजिए, आप के सानिध्य में बुराइयों से लड़ने हेतु मुझे अधिक शक्ति मिलेगी, आप के संग रहने में, मैं अपनी वास्तविक सुन्दरता को खोज पाऊं। हम आज अपने को मरियम के हाथों में समर्पित करें, हर रोज इसे यह कहते हुए करें, “मरियम मैं अपने को, अपने परिवार को, अपने कार्य, हृदय और संघर्षों को आपको अर्पित करता हूँ। मैं स्वयं को आप के लिए समर्पित करता हूँ।” निष्कलंक मरियम हमें अपने पापों से मुक्त रहने, अपनी सुन्दरता को बनाये रखने में मदद करें।

इतना कहने के बाद संत पापा ने सभों के संग देवदूत प्रार्थना का पाठ किया और सबों को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत संत पापा ने रोम और विभिन्न स्थानों से आये हुए तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए कहा कि आज दोपहर में, मैं संत मरिया मजोरे महागिरजाघर की तीर्थ करते हुए मरियम की प्रतिमा सालुस पोपोली रोमानी के समक्ष प्रार्थना करूँगा। उसके उपरांत परंपरा के अनुरूप मैं स्पानी प्रांगण में माता मरियम निष्कलंक गर्भाधारण के चरणों में पुष्प अर्पित करूंगा। आप इन क्षणों में मेरे संग प्रार्थना कीजिए जहाँ हम माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा विश्व शांति के लिए प्रार्थना करें विशेष कर यूक्रेन के लिए जो दुःखों से ग्रस्ति है। उन्होंने माता मरियम को स्वर्गदूत के द्वारा कहे गये वचनों को याद करते हुए कहा कि ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। उनकी सहायता से शांति स्थापित की जा सकती है। लेकिन ईश्वर हमसे नेक इच्छा की चाह रखते हैं। मरियम हमें उनकी इच्छा के अनुरूप कार्य करने में मदद करें। 

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08 December 2022, 15:52