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बहरीन के लोगों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस बहरीन के लोगों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

बहरीन में पोप - सभी के लिए शांतिपूर्ण सहअस्तित्व

मुस्लिम बहुल देश में संत पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा का मुख्य उद्देश्य है शांति को बढ़ावा देना।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

"शांति ... जब हम वाटिकन के पोप का स्वागत करते हैं।" अरबी भाषा में ये वाक्य बृहस्पतिवार सुबह एक बड़े अखबार की हेडलाइन के रूप में बहरीन की राजधानी मनामा में देखने को मिला।

इससे मालूम होता है कि इस खाड़ी देश में लोग संत पापा की प्रेरितिक यात्रा के केंद्रबिन्दु में शांति को देख रहे हैं।

बहरीन में संत पापा का पहला सार्वजनिक सम्बोधन वहाँ के नागर अधिकारियों एवं राजनयिकों के लिये था लेकिन उनके शब्दों में विश्व के लिए संदेश था।

संत पापा ने कहा, "हथियार शांत हों।" इस अपील को उन्होंने तीन बार दुहराया और जोर देकर कहा कि सभी जगह के लोगों को शांति के लिए प्रतिबद्ध होना जरूरी है।

एक साथ शांति एवं सम्मान से जीना

वाटिकन न्यूज के पत्रकार डेविन ने बतलाया कि बहरीन में हरेक व्यक्ति जिनसे उनकी मुलाकात हुई इस बात को पुष्ट किया कि वहाँ हर धर्म के लोगों का खुला स्वागत होता है एवं उन्हें अपने विश्वास को जीने के लिए स्थान प्राप्त होता है।

इसका एक ठोस उदाहरण है मनामा में अरेबिया की माता मरियम का महागिरजाघर।  

महागिरजाघर को राजा हमद बिन ईसा अल खलीफा द्वारा उत्तरी अरब के प्रेरितिक विकर को दान की गई 9 हेक्टेयर भूमि पर बनाया गया है। निर्माण का काम मई 2014 में शुरू हुआ था और दिसंबर 2021 में महागिरजाघर का उद्घाटन किया गया। संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को इसी नये महागिरजाघर में शांति के लिए प्रार्थना की।  

प्रेरितिक यात्रा के दूसरे दिन शुक्रवार को संत पापा फ्राँसिस ने सखीर राजदरबार के अल फिदा प्राँगण में विभिन्न धर्मों के लगभग 200 धर्मगुरूओं के साथ "संवाद के लिए बहरीन मंच: मानवीय सहअस्तित्व हेतु पूर्व-पश्चिम वार्ता" के समापन सत्र में भाग लिया।

बहरीन मंच में संत पापा ने युद्ध के विरूद्ध आवाज उठायी, सच्ची धार्मिक स्वतंत्रता, महिलाओं की पहचान, बच्चों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा और नागरिकों की अवधारणा आदि मुद्दों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने बहरीन के तत्वधान में आयोजित सम्मेलन के लिए इसके आयोजकों को धन्यवाद ज्ञापित किया।  

शांति की ओर मानवता की यात्रा

बहरीन में करीब 4,500 से अधिक वर्षों से निरंतर मानव उपस्थिति रही है, जो मूर्तिपूजकों के मंदिरों के प्राचीन खंडहरों से प्रमाणित होता है।

संवाद के लिए बहरीन मंच के उपशीर्षक "मानव सहअस्तित्व हेतु पूर्व – पश्चिम" से पता चलता है कि उन शताब्दियों में इस भूमि को लोगों के बीच मिलन स्थल के रूप में प्रयोग किया जाता था।

अपनी यात्रा शुरू करते हुए संत पापा को उम्मीद है कि इस यात्रा के द्वारा शांति की दिशा में मानवता की लम्बी और कठिन यात्रा की ओर महत्वपूर्ण कदम लिया जा सकेगा।

शुक्रवार को अपने दूसरे कार्यक्रम के रूप में संत पापा फ्राँसिस ने बुजूर्गों की मुस्लिम समिति के सदस्यों से मुलाकात की। सखीर राजदरबार के मस्जिद में आयोजित इस मुलाकात की विषयवस्तु थी, "अंतरधार्मिक संवाद और 21वीं सदी की चुनौतियाँ।"

बुजुर्गों की मुस्लिम समिति

बुजुर्गों की मुस्लिम समिति एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसका मुख्यालय अबूधाबी में है। इसकी स्थापना 18 जुलाई 2014 को मुस्लिम समुदाय में शांति को बढ़ावा देने के लिए हुई है।

अल अजहर के ग्रैंड इमाम और बुजुर्गों की मुस्लिम समिति के अध्यक्ष अहमद अल तायेब ने वार्ता के लिए बहरीन मंच को सम्बोधित कर कहा, "आज हमारी मुलाकात  अंतरधार्मिक यात्रा में एक सकारात्मक कदम है जिसको हमने एक साथ शुरू किया है, जिसने पहले ही एकीकृत चुनौतियों के प्रति बढ़ती सामूहिक जागरूकता का फल लाया है तथा इन चुनौतियों का जवाब देने के लिए वैश्विक अंतरात्मा का आह्वान करने की आशा जगाई है।"

बुजुर्गों की मुस्लिम समिति के प्रतिनिधि के अनुसार 21वीं सदी में मानवता के सामने प्रमुख चुनौतियों के बारे में सहमति होना, इस बात का प्रमाण है कि दो प्रमुख धर्मों के नेताओं के बीच संवाद सफल हुआ है।

वहीं संत पापा ने अपने सम्बोधन में शांति के मुद्दे पर बात करते हुए इसका स्रोत ईश्वर बतलाया। उन्होंने कहा, "ईश्वर ही शांति के स्रोत हैं। वे हमें हर जगह शांति के माध्यम बनायें।" उन्होंने कहा, "मैं पुनः कहना चाहता हूँ कि शांति के ईश्वर युद्ध कभी नहीं ला सकते, घृणा कभी नहीं भड़का सकते, न ही कभी हिंसा का समर्थन कर सकते हैं।"

तब उन्होंने बुजुर्गों की मुस्लिम समिति और बहरीन में काथलिक कलीसिया के संचालकों को शांति के प्रचार में एक-दूसरे का समर्थन करने का प्रोत्साहन देते हुए कहा, "आइये हम इस संबंध में एक-दूसरे का समर्थन करें, हम एक साथ यात्रा करें।"

शुक्रवार को संत पापा की प्रेरितिक यात्रा का अंतिम कार्यक्रम है अरेबिया की माता मरियम के महागिरजाघर में ख्रीस्तीय एकता मुलाकात एवं शांति के लिए प्रार्थना।

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04 November 2022, 16:15