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फार्मासिस्टों के एक इतालवी नेटवर्क अपोटेका नतुरा के सदस्यों के साथ संत पापा फ्राँसिस फार्मासिस्टों के एक इतालवी नेटवर्क अपोटेका नतुरा के सदस्यों के साथ संत पापा फ्राँसिस 

'देखभाल की संस्कृति के साथ फेंकी हुई संस्कृति का मुकाबला करें,' संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने फार्मासिस्टों के एक इतालवी नेटवर्क अपोटेका नतुरा के सदस्यों से मुलाकात की और देखभाल की संस्कृति का आह्वान किया जो लोगों और प्रकृति के बीच सामंजस्य को बढ़ावा देती है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 14 नवम्बर 2022 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 14 नवम्बर को वाटिकन के संत क्लेमेंटीन सभागार में एपोटेका नतुरा फार्मेसी नेटवर्क के करीब 400 फार्मासिस्टों से मुलाकात की। संत पापा ने डॉक्टर मास्सिमो मेरकाती को उनके परिचय भाषण के लिए और अपने समय में भेजे गए प्रकाशनों के लिए धन्यवाद दिया।

संत पापा ने कहा कि प्रकृति में स्वास्थ्य समस्याओं के उत्तर खोजने के उनके अनुभव ने उसे अमेज़ॅन के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया। आप विचारों के इस जुड़ाव को अच्छी तरह समझ सकते हैं। मूलवासी अमेज़ॅन में और दुनिया के अन्य हिस्सों में - प्राकृतिक उपचारों की समृद्ध विरासत के भंडार हैं; लेकिन ये भी, दुर्भाग्य से, अगर मूल संस्कृतियों को समाप्त कर दिया जाता है, तो इसके खो जाने का जोखिम है। और मूल संस्कृतियों में हमेशा सृष्टि के साथ, पर्यावरण के साथ, अच्छी तरह से जीने का मनोभाव होता है। यह व्यक्ति, परिवार और सृष्टि के जीवन का सामंजस्य है।

अभिन्न परिस्थितिकी

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि फार्मासिस्ट का काम "समय का सकारात्मक संकेत" प्रदान करता है क्योंकि वे इसे एक अभिन्न पारिस्थितिक अंतर्ज्ञान पर आधारित करते हैं जो लोगों और प्रकृति के बीच सामंजस्य बनाने में मदद कर सकता है।

उन्होंने कहा कि फार्मासिस्ट राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रणाली को स्थानीय लोगों से अपने व्यक्तिगत संबंध के माध्यम से जोड़ने में भी मदद करते हैं।

उन्होंने कहा, फार्मासिस्ट, "राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा की जगह नहीं ले सकते, लेकिन वे निश्चित रूप से कुछ कमियों की भरपाई करके लोगों की वास्तविक जरूरत को पूरा कर सकते हैं।"

सृष्टि का सामंजस्य

संत पापा ने "सद्भाव" शब्द पर चिंतन करते हुए कहा कि इसका धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों मूल्य हैं।

उन्होंने कहा, सद्भाव को ईश्वर का नाम दिया जा सकता है, क्योंकि "पवित्र आत्मा स्वयं सद्भाव है।"

उन्होंने आगे कहा कि सृष्टि भी अच्छाई और सद्भाव की ओर प्रवृत्त होती है, भले ही वह उस बुराई से आहत हुई हो जो उसे प्रदूषित करती है।

विरोधी संस्कृतियों के बीच चुनाव

संत पापा फ्राँसिस ने यह भी कहा कि हमारी वैश्वीकृत दुनिया ने संस्कृतियों में टकराव पैदा कर दिया है, जिसमें उपभोक्तावाद की फेंकी हुई संस्कृति देखभाल की संस्कृति के खिलाफ है।

“आज हम तटस्थ नहीं रह सकते, चुनाव तो करना ही होगा, क्योंकि धरती का रोना और गरीबों का रोना जिम्मेदारी की मांग करता है। हम में से प्रत्येक को अपने सरल, दैनिक कार्यों में दोनों में से किसी एक को चुनना चाहिए।"

संत पापा ने देखभाल की संस्कृति को अपनाने और मानव व्यक्ति और सामान्य भलाई पर केंद्रित अर्थव्यवस्था बनाने के निमंत्रण के साथ अपोटेका नतुरा नेटवर्क के फार्मासिस्टों को अपना संबोधन समाप्त किया।

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14 November 2022, 15:48