खोज

परमधर्मपीठीय लैटिन अमेरिकन कॉलेज के छात्रों और कर्मचारियों को संदेश देते हुए संत पापा फ्राँसिस परमधर्मपीठीय लैटिन अमेरिकन कॉलेज के छात्रों और कर्मचारियों को संदेश देते हुए संत पापा फ्राँसिस 

संत पापा ने लैटिन अमेरिका के पुरोहितों के प्रेरितिक पहुंच को प्रोत्साहित किया

संत पापा फ्राँसिस ने रोम के परमधर्मपीठीय लैटिन अमेरिकन कॉलेज के सदस्यों से मुलाकात की और उन्हें मसीह के "शिष्यों और मिशनरियों" के रूप में उनके प्रेरितिक कार्यों में प्रोत्साहित किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार 29 नवम्बर 2022 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार की सुबह रोम में अध्ययन कर रहे और परमधर्मपीठीय लैटिन अमेरिकन कॉलेज के छात्रों और कर्मचारियों के साथ मुलाकात की।

अपने संबोधन में उन्होंने उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे ग्वाडालूपे की माता मरियम से प्रेरिताई के मार्ग में हमारी मदद करने के लिए कहें, जिसके लिए प्रभु हमें बुलाते हैं, और 'जाने एवं लौटने' की महत्वपूर्ण यात्रा कार्यक्रम में हमारा साथ दें, जो येसु से शुरू होकर भाइयों तक जाता है और फिर येसु से मिलने के लिए हम भाइयों के साथ वापस लौटते हैं।

विविधता की समृद्धि

कॉलेज समुदाय में रहने के दौरान रोम में बिताए गए प्रशिक्षण व अध्ययन के वर्षों के बारे में बात करते हुए, संत पापा ने कहा कि यह अनुभव "अनुग्रह के समय" को चिह्नित करता है कि ईश्वर "न केवल बौद्धिक और शैक्षणिक स्तर पर, बल्कि प्रशिक्षण को पक्का करने के लिए" अवसर देते हैं। विश्वव्यापी कलीसिया की समृद्धि और विविधता का अनुभव करने का अवसर देते हैं।" उन्होंने यह भी याद किया कि कैसे यह समृद्धि और विविधता लैटिन अमेरिका के लोगों की विशेषता है, वे सौंपे गए झुंड की देखभाल करने के लिए वापस लौटेंगे। संत पापा ने उनकी प्रेरितिक संवेदनशीलता और आउटरीच कार्यों को भी रेखांकित किया और उन्हें "लोगों के पुरोहित" कहा।

प्रारंभिक ख्रीस्तियों का उदाहरण

संत पापा ने इस बात पर बल देते हुए कहा, कि पहले ख्रीस्तीय भी विभिन्न लोगों और संस्कृतियों से आए थे। पवित्र आत्मा उन पर उतरा और उन्हें "एक दिल और एक आत्मा" बनाया (प्रेरित-चरित 4:32), एक ही भाषा बोलने लगे - प्रेम की भाषा - और पृथ्वी के छोर तक येसु के चेले और मिशनरी बने। (सीएफ. मत्ती 28:19)।

प्रेरित अंद्रेयस को याद करते हुए, जिनका पर्व 30 नवंबर को मनाया जाता है,संत पापा ने फिर प्रभु के शिष्य और मिशनरी होने के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया।

उन्होंने शिष्यों के रूप में हमारी भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि हमारे हर निर्णय में येसु की सक्रिय आवाज़ है, क्योंकि हम उनके सेवक हैं और "उनके साथ रहने" के लिए बुलाए गए हैं। संत पापा ने उन्हें याद दिलाया कि वे थके होने पर भी हमेशा प्रार्थना करें और मोबाइल फोन को बंद कर दें, विशेष रूप से यह एक लत बन सकता है या हम प्रभु के साथ रहने के अवसरों को खो सकते हैं और उस अवसर को खो सकते हैं जब प्रभु हमसे बातें करना चाहते हों।

आध्यात्मिक दुनियादारी से बचें

संत पापा फ्राँसिस ने फिर से सभी से ईश्वर के लोगों के लिए अपनी प्ररितिक सेवा के महत्व को याद रखने और किसी भी प्रकार के याजकीयवाद से बचने, अपनी जड़ों को याद रखने और हमेशा अपने लोगों की अगुवाई और उनके साथ रहने के लिए प्रभु से कृपा मांगने का आग्रह किया। वे उन लोगों के बीच अपनी सेवा प्रदान करें जिन समुदायों से वे आते हैं।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

29 November 2022, 15:32