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संत पापा फ्रांसिस संत पापा फ्रांसिस  

संत पापा फांसिस का दोमेनिको अगास्सो को साक्षात्कार

दोमेनिको अगास्सो का संत पापा फ्रांसिस से लिया गया साक्ष्कार।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

अति मान्यवर, संत पापा के रुप में कल आप अस्ती की यात्रा पहली बार करेंगे। आप अपनी चचेरी बहन कारला राबेज्जाना के 90वीं सालगिराह में सहभागी होंगे। आप द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान औ शीतयुद्ध के समय एक बालक की तरह थे- जैसे कि आप ने कहा है कि हम तृतीय विश्व युद्ध का सामना कर रहे हैं, संत पापा के रुप में आप इसके कैसे देखते हैंॽ

संत पापाः यह अपने में बेतुका लगता है। इस सारी त्रासदियों के पीछे हम शक्ति और शास्त्र की भूखा को देखते हैं जो हमें विशेषकर क्रोध और दुःख से भर देता है। उन्होंने मुझे बतलाया कि यदि विगत सालों में हथियारों का उत्पादन और बिक्री नहीं की गई होती तो विश्व को इस भूख से बचाया जा सकता था। इसके बदले विध्वंसक हथियार हमारे सदैव युद्ध की ओर अग्रसर करते हैं। जब सम्राट कमजोर होता पाता तो वह अपने को शक्तिशाली घोषित करने हेतु युद्ध का ऐलान करता है साथ ही हथियारों की बिक्री करता है। हम एक सदी में तीन विश्व युद्धों को देखते हैं। हमने युद्धों से नहीं सीखा  है। आंजियो की कब्र जाकर देना और वहाँ दफाने गये लोगों की उम्र को देखना हमारे लिए काफी होगा- मैं वहाँ अमेरिकी लड़कों की कब्रों के सामने था, वे अपनी बीसवीं वर्षों में थे, जो आंजियो में दफनाये गये। मैं रो पड़ा...रेदिपुलिया में मेरा हृदय रो पड़ा। जैसे कि मैंने एक बार कहा कि नोरमैडी में जाते हुए जहाँ हम नासीवाद की शुरूआत को  पाते है, यह सत्य है...कितनी ही युवाओं को मारे गये। उनकी संख्या करीबन 30 हजार के करीब होगी... हमने कुछ नहीं सीखा  है।

वाटिकन और क्रेमलिन के बीच क्या कोई राजनयिक समाचार है ॽ

“हम स्थिति में सुधार के लिए लगातार आशावान हैं। जैसा कि मैंने बहरीन से लौटते वक्त विमान में कहा था, राज्य सचिवालय हर दिन अच्छी तरह से काम करता और काम कर रहा है। हम परिस्थिति का मूल्यांकन कर रहे हैं और किसी भी बात के लिए तैयार है जो युद्ध विराम  और  समझौता की बात को उत्पन्न कर सकती है। इस बीच, हम पीड़ित यूक्रेन के लोगों के लिए मानवीय सहायता के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिन्हें मैं उनके कष्टों में अपने हृदय के निकट रखता हूँ। हम संबंधों सुधार हेतु प्रयास कर रहे हैं जो पक्षों के बीच मेल-मिलाप का समर्थन करता है, जिससे समाधान खोजे जा सकें।  इसके अलावा, परमधर्मपीठ उस सारी चीजों को कर रहा है जिससे  कैदियों को मदद मिल सकें।

क्या वाटिकन शांति स्थापना हेतु किसी तरह की मध्यस्थता, समझौता हेतु कोई भी भूमिका अदा करने को तैयार है ॽ

“जैसा कि हम महीनों से इस बात पर जोर दे रहे हैं, और जैसा कि वाटिकन राज्य के सचिव कार्डिनल पारोलिन ने कई बार कहा है, परमधर्मपीठ मध्यस्थता करने और यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार है।”

क्या आपको कोई उम्मीद है कि मास्को और कीव के बीच सुलह हो सकती है ॽ

“हाँ, मुझे आशा है। हम इसका परित्याग न करें, शांति संभव है। लेकिन हर किसी को चाहिए कि वह अपने दिलों को हथियारविहीन करे, इसे हमें अपने दिल से शुरू करना है और फिर हिंसा को रोकना, शस्त्रहीन होना है। हम सभी को शांतिवादी होने की जरुरत है। शांति चाहते हैं, न कि केवल एक संघर्ष विराम जो शायद केवल पीछे हटने का काम करता है। सच्ची शांति, जो संवाद से उत्पन्न होती है। यह शस्त्रों से प्राप्त नहीं होती, क्योंकि वे द्वेष और प्रभुत्व की प्यास को खत्म नहीं करते है, जो फिर से उभरेगा, शायद अन्य तरीकों से, लेकिन फिर से उठ कर आयेगा।”

क्या आप जल्द ही इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी से मिलेंगे- वह आपको क्या बताएगी?

मैं विशिष्ट इतालवी राजनीतिक मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता हूँ। यह एक वैध सरकार है, जिसे लोगों ने वोट दिया है। यह अपनी शुरूआती राह में है, और मैं उन लोगों के लिए शुभकामनाएं देता हूं जो इसका नेतृत्व करते हैं उनके सहयोगियों को और विपक्ष को भी, ताकि वे एक-दूसरे का सहयोग कर सकें हो, क्योंकि सरकार सभी के लिए है। इसके कार्य और उद्देश्य  सामान्य जन-भलाई हेतु है, जो इटली के बेहतर भविष्य के लिए एकमात्र क्षितिज स्वरुप है। रविवार को हमने विश्व गरीब दिवस मनाया- सभी देश के सभी शासकों की तरह, मैं आपसे निवेदन करता हूँ कि आप हाशिए के लोगों को न भूलें।

आप ने बहुधा यूरोप राष्ट्रवादियों और प्रसिद्धवादों को सचेत कराया है। इस समय हम फैसिज्म के बारे में बातों और लेखों को देखते हैं जो विभिन्न रुपों में बहुत से देशों में लौट रहा है। इसके बारे में आप क्या सोचते हैंॽ

“हमें सभी “वादों” से सदैव सतर्क रहने की जरुरत है”, क्योंकि वे पंखड़ता बोते हुए समाज और  राजनीति को कमजोर कर देते हैं”।

रविवार को आप अस्ती के गिरजाघर में यूखारिस्तीय बलिदान अर्पित करेंगे, जहाँ आप धर्मप्रांतीय समुदाय से भेंट करेंगे, वहाँ से आप के माता-पिता अर्जेंटीना के लिए प्रलायन किये। कलीसियाई अधिकारी के रुप में अपनी मातृभूमि को लौटना कैसा अनुभव लाता हैॽ

“कुछ समय से मैंने अपने परिवारों के सदस्यों के संग, मातृभूमि में समय व्यतीत करने की बात सोची। संत पापा चुने जाने के पहले मैं कई बार अस्ती का दौरा किया, यह एक आदत के समान थी। जब मैं अर्जेंटीना के प्रांतीय येसु समाजी अधिकारी स्वरुप रोम आया या महाधर्माध्य के रुप में धर्मसभा में सहभागी होने हेतु रोम आया तो मैंने अस्ती की भेंट की जहाँ मैं अपने पिता के चचेरे भाइयों से मिला। हम रिस्ता बहुत करीबी का है। मैं अपनी बड़ी चेचेरी बहन कारला के संग बहुधा फोन में बात करता हूँ। कल मैं अपनी और पांच चेचेरी बहनों से साथ  होऊंगा, और यह मुझे खुशी से भर देता है।

आपके लिए पियामोंते क्या है, यह क्या दर्शाता हैॽ

यह मेरी भाषा है, क्योंकि जब मैं 13 महीने का था, तब मेरी माँ को एक दूसरा बच्चा हुआ और मेरे दादा-दादी हमारे घर से 30 मीटर दूर रहते थे: मेरी दादी मुझे लेने आती थीं, मैं उनके साथ रहता था, जो पियेमोतेसे बोलते थे। आप कहा सकते हैं कि  पियेमोंतेसे के प्रति “जीवन में मेरी रुचि जगी।”

कलीसियाई अधिकारी के रुप में क्या आप कभी-कभी “अपने” पियामोंते में सोचते हैंॽ

“हाँ बहुत अधिक। और मैं अक्सर मानसिक रूप से नीनो कोस्टा की दो कविताओं को दोहराता हूं। और यह मुझे अभिभूत करता है।

वे कौन से हैंॽ

रास्सा नोस्त्राना, जिसे मैंने अपनी नानी रोसा से सीखा था।

(संत पापा ने इतालवी में कुछ छंदों का पाठ करता है)। “सीधे और ईमानदार, वे क्या हैं, वे ऐसे दिखाई देते हैं- गोल सिर, दृढ़ कलाई और स्वस्थ हृदय, वे कम बोलते हैं लेकिन जानते हैं कि वे क्या कह रहे हैं, भले ही वे धीरे-धीरे चलते हैं, और दूर तक जाते हैं। वे लोग जो समय और पसीना नहीं बहाते - अपनी स्वतंत्रता और जिद्द में पड़े रहते है। पूरी दुनिया जानती है कि वो कौन हैं और जब वो गुजर जाते हैं तो पूरी दुनिया उन्हें देखती है.” यह उन लोगों के बारे में कहती है जो समय बर्बाद नहीं करते हैं और थकान से नहीं डरते हैं जो दुनिया के अन्य देशों अर्जेंटीना, ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी में रोटी खोजने में जाते हैं। यह “रस्सा नोस्त्राना” की एक कहानी है, जो एक दृढ़ महिला, दादी रोजा के जीवन को प्रतिनिधित्व करती है। और मैं इस यात्रा का हिस्सा महसूस करता हूं।

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18 November 2022, 16:58