नवम्बर की प्रार्थना की प्रेरिताई में पीड़ित बच्चों के लिए प्रार्थना
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
"लाखों बच्चे और बच्चियाँ हैं जो पीड़ित हैं और गुलामी के समान स्थिति में जीते हैं।
वे आंकड़े नहीं हैं ˸ वे नाम के साथ मानव व्यक्ति हैं, उनके अपने चेहरे हैं, उस पहचान के साथ जिसको ईश्वर ने उन्हें प्रदान किया है।
बहुधा हम अपनी जिम्मेदारियों को भूल जाते हैं और बच्चों के शोषण से अपनी आँखें बंद कर लेते हैं, जिन्हें खेलने, पढ़ने, सपने देखने का भी अधिकार नहीं है। यहाँ तक कि वे परिवार की गर्मजोशी को भी महसूस नहीं कर पाते।
हाशिये पर जीवनयापन करनेवाला हर बच्चा, अपने परिवार से परित्यक्त, बिना स्कूल, बिना स्वास्थ्य सुविधा, एक पुकार है! एक पुकार जो ईश्वर तक उठती है एवं उस प्रणाली को शर्मिंदा करती है जिसको वयस्कों ने बनायी है।
एक परित्यक्त बच्चा हमारी गलती है।
हम उन्हें अकेला और परित्यक्त महसूस होने नहीं दे सकते – वे शिक्षा और एक परिवार में प्रेम का एहसास करने के हकदार हैं, ताकि वे जान सकें कि ईश्वर उन्हें नहीं भूलते हैं।
आइये, हम बच्चों के लिए प्रार्थना करें, जो पीड़ित हैं, विशेषकर, उनके लिए जो बेघर हैं, अनाथ हैं और युद्ध के शिकार हैं। वे शिक्षा प्राप्त करने एवं परिवार में स्नेह महसूस करने के अवसर की गारांटी पा सकें।"
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