खोज

संत पापा फ्राँसिस के स्वागत में वाटिकन और बहरीन के झंडे लहराते लोग संत पापा फ्राँसिस के स्वागत में वाटिकन और बहरीन के झंडे लहराते लोग 

खाड़ी क्षेत्र में पोप फ्राँसिस की ऐतिहासिक वापसी

संत पापा फ्राँसिस जब खाड़ी देश में ऐतिहासिक यात्रा कर रहे हैं, बहरीन में संत पापा फ्राँसिस का स्वागत ख्रीस्तीय एवं मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग कर रहे हैं। उक्त बात बहरीन की संचार विशेषज्ञ नवेदिता धडफले ने कही।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा फ्राँसिस 3 नवम्बर को बहरीन पहुँचे ताकि अंतरधार्मिक वार्ता को मजबूत कर सकें एवं वहाँ के ख्रीस्तीय समुदाय के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त कर सकें।

नवेदिता ने कहा, "बहरीन के लिए यह यात्रा अत्यन्त ऐतिहासिक है, क्योंकि हमने यहाँ अब तक पोप के समान किसी दूसरे व्यक्ति का स्वागत नहीं किया है जो संवाद को बढ़ावा देने के लिए यहाँ आया हो।"

बहरीन के राष्ट्रीय संचार केंद्र की सलाहकार निवेदिता धडफले ने 3-6 नवंबर को पोप की 39वीं प्रेरितिक विदेश यात्रा का विवरण प्रस्तुत किया।

वाटिकन रेडियो के पत्रकार डेविन से बातें करते हुए नवेदिता ने कहा कि "देश में कलीसिया एवं विभिन्न धर्मों के पूजा स्थलों का लम्बा इतिहास रहा है।"

नवेदिता धडफले के साथ बात करते वाटिकन न्यूज के पत्रकार डेविन
नवेदिता धडफले के साथ बात करते वाटिकन न्यूज के पत्रकार डेविन

ब्रिटिश-बहरीनी संचार विशेषज्ञ ने पिछले 30 साल बहरीन में बिताए हैं, लेकिन उन्हें अब भी याद है जब उन्होंने देखा कि दीवाली, रोशनी का हिंदू त्योहार, खुले तौर पर मनाया जाता है, साथ ही साथ क्रिसमस की सजावट के सार्वजनिक प्रदर्शन भी किए जाते रहे हैं।

उन्होंने कहा, "मैंने यहाँ करीब तीन दशक गुजारे हैं और मैं यह कह सकती हूँ कि यह एक बहुत ही खुला समाज है और लोग खुले और स्वागत करनेवाले हैं।"

नवेदिता जो भारतीय मूल की हैं एवं हिन्दूत्व के प्रोफेसर हैं, विभिन्न धर्मों के बीच आपसी संबंधों के बारे बतलाया कि उनके बीच आपस में सहिष्णुता की भावना है।  

उन्होंने कहा, "यह एक विस्तृत परिवार की तरह है जिसका एक अलग विश्वास या एक अलग आस्था है।"

अपनी यात्रा के हिस्से के रूप में, पोप फ्राँसिस शुक्रवार को विभिन्न धर्मों के लगभग 200 नेताओं के साथ "बहरीन के लिए संवाद मंच: मानवीय सहअस्तित्व के लिए पूर्व-पश्चिम वार्ता" के समापन सत्र में भाग लेंगे।

"बाबा पोप"

बहरीन जहाँ ख्रीस्तीय और मुस्लिम दोनों धर्मों के लोग रहते हैं संत पापा को एक विशेष नाम से पुकारते हैं। नवेदिता ने बतलाया कि वे पोप फ्राँसिस को "बाबा पोप" पुकारते हैं जहाँ अरबी में पिताजी के लिए "बाबा" शब्द का प्रयोग किया जाता है। बतलाया कि उन्होंने उनके लिए कभी भी सिर्फ "पोप" नहीं कहा है।

उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह बहुत प्यारा है, और बहुत सम्मानजनक भी है। यह उसे ऐसा सम्मान देने का एहसास कराता है जिसके वे हकदार हैं। इसलिए "स्थानीय बहरीन के लोग उन्हें बाबा पोप कहते हैं।"

बहरीन में गुरुवार को स्थानीय अखबारों में राजा हमद बिन ईसा अल खलीफा के साथ पोप फ्रांसिस की तस्वीरें भरी हुई हैं। उनकी यात्रा का अंतरधार्मिक संवाद पहलू सुर्खियों के केंद्र में है।

सुश्री नवेदिता ने कहा, "वे उसके आने को लेकर बहुत उत्साहित हैं, क्योंकि वे बहुत महत्वपूर्ण चीज का प्रतिनिधित्व करते हैं।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

03 November 2022, 16:06