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विश्व खाद्य मंच से पोप ˸ भाईचारे की भावना से भुखमरी दूर करें

संत पापा फ्राँसिस ने रोम में आयोजित विश्व खाद्य मंच को एक संदेश भेजा है और प्रतिभागियों को याद दिलाया है कि एक-दूसरे से जुड़े संकटों से प्रभावित दुनिया में, मानव व्यक्ति को केंद्र में रखे जाने को कभी नहीं भूलना चाहिए।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

विश्व खाद्य मंच (डब्ल्यू एफ एफ) की दूसरी सभा के प्रतिभागियों को प्रेषित के संदेश में संत पापा ने, न केवल दूसरों को खिलाने के लिए, बल्कि दूसरों की सेवा भाईचारा एवं एकात्मता की भावना से करने का भी आह्वान किया, जो व्यक्तियों और लोगों के बीच संबंधों को प्रेरित करे।

संयुक्त राष्ट्र के रोम स्थित खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) का मंच 17 से 21 अक्टूबर 2022 तक "युवा कार्रवाई", "विज्ञान और नवाचार" एवं "निवेश" आदि विषयों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

2022 अत्यधिक भूख का साल

मंच को अत्यधिक भूख के वर्ष में आयोजित किया गया है। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े बताते हैं कि संघर्ष, कोविड, जलवायु संकट और बढ़ती लागत ने मिलकर दुनिया भर में 828 मिलियन भूखे लोगों के लिए संकट पैदा कर दी है।

पोप ने डब्ल्यूएफएफ के उद्घाटन समारोह के प्रतिभागियों को सम्बोधित अपने संदेश में कहा, एक दूसरे से जुड़े संकटों की इस दुनिया में, ख्रीस्त का संदेश हमें निर्णय लेने और सभी मनुष्यों के लिए अच्छी और भावी पहल को बढ़ावा देने की चुनौती देता है।

रोटी की पवित्रता

भुखमरी दूर करने हेतु प्रतिबद्ध लोगों का अभिवादन करते हुए संत पापा ने दुनिया में भूखमरी और गरीबी दूर करने हेतु सभी लोगों का आह्वान करते हुए कहा, "भोजन मानव जीवन के लिए मौलिक आवश्यकता है, वास्तव में, इसे इसकी पवित्रता के साथ बांटा जाना चाहिए एवं इसके साथ दूसरी साधारण वस्तुओं की तरह व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए।"   

"भोजन सृष्टिकर्ता की अच्छाई का एक ठोस चिन्ह एवं पृथ्वी का फल है।"

संत पापा ने याद किया कि दादा-दादी किस तरह रोटी की इज्जत करते थे ˸ "जब वे उसे खाने की मेज पर रखते थे तो उसका चुम्बन करते थे और किसी चीज को बर्बाद होने नहीं देते थे।"  

संत पापा ने कहा, "येसु स्वयं यूखरिस्त में रोटी बन गये, दुनिया के जीवन के लिए वे जीवन रोटी बन गये।"

संत पापा ने कहा कि भोजन का सम्मान करने और इसे मानव जीवन में प्रमुख स्थान देने के लिए, "इसके उत्पादन, उपलब्धता और पहुंच की चिंता के अलावा," हमें इस बात से अवगत होना चाहिए कि यह "ईश्वर का उपहार है" जिसके हम केवल प्रबंधक हैं।”

मानव व्यक्ति को केंद्र में रखा जाना

संत पापा ने कहा कि हमारी पहली चिंता होनी चाहिए, व्यक्ति पर ध्यान देना, उसकी पवित्रता और उसकी सच्ची आवश्यकता को प्राथमिकता देना, विशेष रूप से, उन्हें जिनके पास जीवित रहने के लिए बुनियादी जीविका की कमी है।”

एक-दूसरे से जुड़े संकटों के इस समय में ख्रीस्त का संदेश, "हम सभी को सिर्फ खिलाने के लिए चुनौती नहीं देता बल्कि दूसरों की सेवा में अपने आपको अर्पित करना भी है, मानव व्यक्ति की केन्द्रीयता को स्वीकार करना एवं गारांटी देना भी है।"

"इस प्राथमिकता की रक्षा तभी की जा सकती है, जब हम फिर से भाईचारा एवं एकात्मता पर विश्वास करने लगें जो व्यक्तियों और लोगों के बीच संबंधों को प्रेरित करें।"

संत पापा ने यह कहते हुए अपना संदेश समाप्त किया कि वे इस सभा के फल को ईश्वर को सौंपते हैं, "ताकि मानवता के सभी अच्छी और भविष्य में योगदान देनेवाली पहलें और निर्णय आगे बढ़ सकें।"

 

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18 October 2022, 16:23