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क्रिसमस प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस क्रिसमस प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

क्रिसमस प्रतियोगिता प्रतिभागियों से पोप ˸ अपनी क्षमता का प्रयोग शांते लाने के लिए करें

पोप फ्राँसिस ने आगामी क्रिसमस प्रतियोगिता के प्रतिभागियों से मुलाकात की। जिसमें संगीतकार और गायक, मूल क्रिसमस संगीत के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगे। संत पापा ने प्रतिभागियों को बताया कि यह कार्यक्रम जीवन, प्रेम और शांति के मूल्यों को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2022 (रेई) ˸ संत पापा फ्राँसिस ने क्रिसमस प्रतियोगिता में भाग लेनेवाले 70 युवाओं से वाटिकन में मुलाकात की।

प्रतियोगिता का आयोजन ग्राभीसिमुम एदूकासियोमिस फाऊँडेशन एवं औसिलिया संगठन ने मिलकर किया है।

संत पापा ने युवाओं को सम्बोधित कर कहा, "मैं इस साल, उन युवा गायकों और संगीतकारों से मिलकर खुश हूँ जिन्होंने प्रतियोगिता में भाग लेने का निश्चय किया है। ख्रीस्त जयन्ती के अवसर से प्रेरित होकर यह जीवन, प्रेम और शांति के मूल्यों को बढ़ावा देना चाहता है।"

वास्तविक एवं रचनात्मक बनें

संत पापा ने प्रतियोगिता में भाग लेनेवाले युवाओं को सलाह देते हुए कहा, "प्रदर्शनी के बड़े सितरों की नकल करने की कोशिश न करें। सफलता के फैशन एवं विधि का अनुसरण न करें। गलत तरीके से ख्रीस्त जयन्ती मनानेवाले ख्रीस्तीय समुदाय की देखादेखी नहीं करें, जिन्हें बेतलेहेम में येसु के जन्म एवं आज की मानवता के लिए इसके अर्थ से कोई मतलब नहीं होता। इसके विपरीत, अपने आप से नहीं डरें, आपको आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है लेकिन आप वास्तविक एवं रचनात्मक बने रहें। अपनी कला में सबसे बढ़कर यह सुनिश्चित करें कि आपके कार्य का आधार विस्मय हो। हमने विस्मय के भाव को खो दिया है जिसको वापस अपनाना है, कल्पनीय बात के सामने विस्मय ˸ कि ईश्वर ने शरीर धारण किया, जो एक दुर्बल बालक बने, एक कुँवारी से, एक गुफा में जन्म लिया और जानवरों की चरनी को पालना बनाया।" संत पापा ने याद दिलाया कि यदि वे आश्चर्य महसूस नहीं करते हैं तो संगीत दिल से नहीं निकलेगा।

सरलता और साधारण

आश्चर्य के अतिरिक्त दूसरी बात पर ध्यान दिया जाना है और वह है सरलता। संत पापा ने सरलता एवं मामूली के बीच अंतर स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, "सरलता बिलकुल अलग है। ख्रीस्त जयन्ती के दृश्य में सरलता है किन्तु यह मामूली नहीं है। संत अल्फोंसियुस का गाना "तू शेंदी दाल्ले स्तेल्ले" (तू तारों से नीचे उतरा) सरल है लेकिन सुन्दर और अर्थपूर्ण भी है। जो हमें प्रेरित करता एवं लोगों के विश्वास को बढ़ाता है। यह सिर्फ भावना नहीं है बल्कि अंदर से आता है, एक वास्तविक भाव को व्यक्त करता।"

संत पापा ने युवाओं से कहा कि इसी आश्चर्य एवं सरलता के रचनात्मक तरीके द्वारा वे शांति लाने में अपना योगदान दे सकते हैं जो ईश्वर का महान वरदान है जिसको ईश्वर अपने पुत्र के जन्म द्वारा दुनिया को देना चाहते हैं।

शांति के लिए योगदान देना

दुनिया में फैली अशांति की ओर ध्यान खींचते हुए संत पापा ने कहा कि पिछले महीनों में युद्ध की गर्जन यूरोप एवं विश्व में बढ़ी है। आइये, हम इस धोखे में न पड़ें, हम शांति के लिए सपने देखें और काम करते रहें, भाईचारा एवं सामाजिक मित्रता के बीज बोयें। हमेशा अपने हाथ बढ़ायें। आप संगीत के साथ ऐसा करते हैं जो बहुमूल्य है, क्योंकि संगीत एक विश्वव्यापी भाषा है। जो किसी भी घेरे एवं सीमा से परे जाता।

संत पापा ने युवाओं को अवगत कराया कि संगीत में अमूल्य शैक्षिक मूल्य होता है। उन्होंने कहा, "संगीत मानवीय बनाता एवं मानवीय बनने की शिक्षा देता है। आज अधिक मानवीय बनने की कितनी आवश्यकता है। सबसे बढ़कर ईश्वर इसी के लिए मानव बने कि वे हमारे बीच आकर इस रास्ता को बतला सकें।"

संत पापा ने सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दीं तथा उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।   

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14 October 2022, 16:42