यूक्रेन में बुनियादी ढांचों पर रूसी हमलों के बीच पोप ने यूक्रेन के लिए प्रार्थना की
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
जैसा कि संत पापा ने हाल के दिनों में बार-बार किया है, बुधवार के आमदर्शन समारोह के दौरान एक बार फिर यूक्रेन के लिए अपनी अपील दोहराई।
उन्होंने कहा, "हम शहीद यूक्रेन की याद करते हैं।" उन्होंने “वहाँ हो रही भयानक घटनाओं, यातनाओं, मृत्यु [और] विनाश” के अंत के लिए प्रार्थना करने हेतु आमंत्रित किया।
जारी संघर्ष
यूक्रेन से नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, रूस द्वारा हालिया हमले के बाद, एक हजार से अधिक शहर और गाँव बिना बिजली के हो गये हैं।
रूसी मिसाइलों ने यूक्रेनी ऊर्जा सुविधाओं को क्षतिग्रस्त कर दिया है, क्योंकि उत्तरी कीएव में कई विस्फोटों की आवाज सुनी गई, जहां एक थर्मल पावर स्टेशन मौजूद है।
कीएव का कहना है कि हाल के दिनों में रूस ने यूक्रेन के लगभग 30 प्रतिशत बिजलीघरों को नष्ट कर दिया है।
निप्रो, मिकोलाईव और जेतोमार आदि शहरों को भी निशाना बनाया गया है। घातक ड्रोन और मिसाइल हमले जिन्होंने सोमवार से अब तक कई लोगों की जान ली है, चिंता बढ़ा दिया है।
यूरोपीय आयोग ने हमले की निंदा की है
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वोन देर लाएन ने यूक्रेन की बुनियादी ढांचों पर रूसी हमले की निंदा की है।
यूरोपीय संसद में बोलते हुए उन्होंने कहा, "रूस के नागरिक बुनियादी ढांचों पर लक्षित हमले, पहले से ही क्रूर युद्ध में एक नये अध्याय को चिह्नित कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय आदेश स्पष्ट हैं। ये युद्ध अपराध हैं।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि "सर्दियों के आते ही पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को पानी, बिजली और हीटिंग से वंचित करने के उद्देश्य के साथ" हमले, "पूरी तरह आतंक के कार्य हैं और हमें इसे ऐसा ही कहना होगा।"
स्वतंत्र आयोग की रिपोर्ट
यूक्रेन पर जाँच के स्वतंत्र आयोग ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र की सभा के सामने अपनी पहली रिपोर्ट पेश की और संकेत दिया कि "यह निष्कर्ष निकालने का आधार है कि देश में युद्ध अपराधों की एक श्रृंखला, मानवाधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन किया गया है।"
एक बयान में आयोग ने जोर दिया है कि जवाबदेही की एक निर्विवाद आवश्यकता है क्योंकि "यूक्रेन में नागरिकों पर इन उल्लंघनों का प्रभाव बहुत अधिक है।" आयोग ने फरवरी के अंत और मार्च में कीएव, चेर्निहिव, खार्किव और सुमी क्षेत्रों की घटनाओं को अपनी जाँच का आधार बनाया है। इसने 27 कस्बों और बस्तियों का दौरा किया है एवं 191 पीड़ितों और गवाहों का साक्षात्कार किया है।
रिपोर्ट में उन हमलों का दस्तावेजीकरण किया गया है जहाँ रूसी सेना द्वारा विस्फोटकों का अंधाधुंध इस्तेमाल अधिक आबादीवाले क्षेत्रों में किया गया था। आयोग ने यह भी उल्लेख किया है कि घनी आबादीवाले क्षेत्रों में या उसके पास, सैन्य बलों द्वारा, हमलों के प्रभाव से नागरिकों या नागरिकों की वस्तुओं की रक्षा करने में, अलग-अलग डिग्री में दोनों पक्ष विफल रहे हैं।
अन्य मुद्दे जिनपर आयोग ने ध्यान केंद्रित किया है वे हैं उन चार प्रांतों में गैरकानूनी कैद, यातना, दुर्व्यवहार, बलात्कार, और रूसी बलों द्वारा की गई यौन हिंसा।
रिपोर्ट में गौर किया गया है कि "पीड़ितों ने न्याय और जवाबदेही की आवश्यक भूमिका पर जोर दिया है" तथा परिवार के सदस्य जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है उन्होंने न्याय किये जाने की अति आवश्यकता व्यक्त की है।"
इस आलोक में, आयोग ने "प्रभाव में सुधार और पीड़ितों एवं गवाहों के नुकसान को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय जवाबदेही प्रयासों के समन्वय को बढ़ाने की सिफारिश की है।"
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