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खेल पर तरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के प्रतिभागियों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस खेल पर तरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के प्रतिभागियों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस 

पोप ˸ खेल सभी के लिए खुला और स्वागत करनेवाला घर हो

संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन में आयोजित सम्मेलन "खेल सभी के लिए, एकजुट, सुलभ और प्रत्येक व्यक्ति के अनुरूप” के प्रतिभागियों से मुलाकात की तथा उन्हें प्रोत्साहन दिया कि वे खेल को सभी का घर, सभी के लिए खुला और स्वागत करनेवाला स्थान बनायें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 1 अक्तूबर 2022 (रेई) ˸ संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन में आयोजित सम्मेलन "खेल सभी के लिए, एकजुट, सुलभ और प्रत्येक व्यक्ति के अनुरूप” के प्रतिभागियों से मुलाकात की तथा उन्हें प्रोत्साहन दिया कि वे खेल को सभी का घर, सभी के लिए खुला और स्वागत करनेवाला स्थान बनायें।

खेल पर शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे खिलाड़ियों, प्रबंधकों और अधिकारियों को सम्बोधित कर संत पापा ने उस महान लक्ष्य की सराहना की, जिसने "खेल के इरादे को सभी के लिए प्रोत्साहित किया; एक ऐसा खेल जो "सामंजस्यपूर्ण", "सुलभ" और "हर व्यक्ति के लिए उपयुक्त" हो।

संत पापा ने सभा के अंत में सभी प्रतिभागियों से वाटिकन के पौल षष्ठम सभागार में मुलाकात की। सभा का आयोजन वाटिकन के लोकधर्मी, परिवार एवं जीवन विभाग, संस्कृति एवं शिक्षा विभाग एवं संत जॉन पौल द्वितीय फाऊँडेशन के सहयोग किया गया था।

40 देशों से विभिन्न धर्मों के खेल संस्थानों, संगठनों और खेल प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने बृहस्पतिवार और शुक्रवार को वाटिकन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सभा में भाग लिया।

शरणार्थियों, पूर्व कैदियों, शारीरिक एवं बौद्धिक रूप से दिव्यांग लोगों से बने दल ने सभा में भाग लेकर, व्यक्तिगत चरित्र निर्माण और परिपक्वता, लोगों को एकजुट करने और शांति स्थापित करने के लिए खेल के महत्व पर जोर दिया।

अंतिम घोषणा

संत पापा ने प्रतिभागियों के एक प्रतिनिधिमंडल को खेल पर अंतिम घोषणा सौंप दी जिसपर सभा के दौरान हस्ताक्षर किया गया जो उन सामान्य लक्ष्यों को रेखांकित करता है जिन्हें वे प्राप्त करना चाहते हैं और इस कार्य में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक कार्यों और जिम्मेदारियों को रेखांकित करते हैं।

संत पापा ने कहा कि इस "महान" लक्ष्य को प्राप्त करने कि लिए हमें एक टीम के रूप में खेलना है, एकता में एक साथ काम करना है। कलीसिया इसमें बहुत रूची ले रही है क्योंकि इसका उद्देश्य है ऐसा वातावरण एवं गतिविधियाँ उत्पन्न करना जिससे कि यह लोगों के लिए आपसी मिलन का स्थान बने तथा लोगों को मूल्य और भाईचारा में बढ़ने का अवसर प्रदान करे। कलीसिया के स्कूल, पल्ली और युवा केंद्र खेल में भाग लेकर इसका प्रशिक्षण देना चाहते हैं।    

सहभागिता की भावना

पोप ने कहा कि मानव व्यक्ति को केंद्र में रखते हुए खेल एक कुँजी है यदि खेलों के द्वारा सहभागिता, बांटने, आत्मीयता और समुदाय की भावना उत्पन्न की जाती है। खेल आनन्द प्रदान करता, मिलनसारिता बढ़ाता एवं मित्रता उत्पन्न करता है, साथ ही विकास में भी मददगार है।

"खेल समाज में एकता का प्रतीक हो सकता है, एकीकरण, एकता का उदाहरण और शांति का संदेश होने ...का अनुभव दे सकता है। अगर खेल जगत एकता और एकजुटता का संदेश देता है, तो यह शांति के निर्माण में एक मजबूत सहयोगी बन सकता है।"

रोल मॉडल के रूप में एथलीट

खिलाडियों को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने याद किया कि वे किस तरह युवाओं के लिए सकारात्मक रोल मॉडल बन सकते हैं, खासकर, हाशिये पर जीवनयापन करनेवालों के उत्थान, व्यक्तिगत एवं सामाजिक मुक्ति और अपनी प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त करने का साधन बन सकते हैं।     

"खेल को जीवनदायी गतिविधि के रूप में माना जाना और प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। वास्तव में, यदि इसे अच्छी तरह आयोजित किया जाए जो यह प्रौढ़ और सफल व्यक्तित्व का निर्माण करता और इस तरह यह शिक्षा एवं सामाजीकरण का एक महत्वपूर्ण आयाम बन जाता है।"   

प्रत्येक भाग ले सकते हैं

संत पापा ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि खेल सभी के लिए सुलभ हो, लोगों को उन शारीरिक, सामाजिक या आर्थिक घेरों से बाहर निकलने में मदद दे जो उन्हें प्राप्त करने से रोक देते हैं।   

उन्होंने कहा, "सभी लोगों को खेलने का अवसर मिले इसके लिए हमें प्रतिबद्ध होना चाहिए - कहा जा सकता है कि प्रशिक्षित होना चाहिए – खेल के मूल्यों में और उन्हें सदगुणों में बदलाव लाने के लिए।"

संत पापा ने कहा कि सरल प्रयोग स्वीकृति के द्वारा संभव है, जो लोगों के लिए महत्वपूर्ण है उसका स्वागत किया जाना, मदद एवं खुलापन होना है ताकि खेल के द्वारा सभी लोगों को अपने आप में बदलाव लाने का अवसर दिया जा सके, अपनी कमजोरियों को जानने एवं क्षमताओं का अच्छा प्रयोग करने के लिए।

क्षमताओं का विकास

सही खेल मिलने पर लोग अपनी क्षमताओं का विकास कर सकते हैं चाहे कुछ भी परिस्थिति अथवा शारीरिक एवं मनोवैज्ञानिक चुनौतियाँ हों। खिलाड़ी इसे अच्छी तरह जानते हैं क्योंकि कोई भी सुपर मैन या सुपर व्यूमन नहीं है। हम सभी में कमजोरियाँ हैं लेकिन हम जितना संभव को अच्छा करने की कोशिश करते हैं। चरित्र एवं क्षमताओं के विकास के लिए व्यक्तिगत तप और अनुशासन की आवश्यकता होती है। उन्होंने आगे कहा, "इस खोज के मूल में उस सुंदरता और जीवन की परिपूर्णता की लालसा है जो ईश्वर अपने प्रत्येक प्राणी के लिए सपने देखता है।"  

एक घर सभी के लिए

संत पापा ने सभी लोगों को प्रोत्साहन दिया कि वे खेल को सभी लोगों का घर बनाने का प्रयत्न करें, जो खुला और स्वागत करनेवाला हो। उन्होंने अपना सामीप्य व्यक्त करते हुए इस मिशन के लिए कलीसिया का समर्थन व्यक्ति किया।  

अंत में, संत पापा ने कहा, "इस घर में, पारिवारिक भावना कभी समाप्त न हो, इस तरह खेल जगत में हम भाइयों, बहनों एवं मित्रों को पा सकेंगे।"

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01 October 2022, 16:16