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संत पापा: युद्ध का अंत नहीं तो परमाणु युद्ध का खतरा

संत पापा फ्राँसिस अपनी नई पुस्तक “आई आस्क यू इन द नेम ऑफ गॉड, एक आशा पूर्ण भविष्य के लिए दस प्रार्थनाएँ” का विमोचन करते हुए, राष्ट्रों को युद्ध और परमाणु विनाश के खतरे से अलग रहने की विनयपूर्ण याचना की।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 17 अक्टूबर 2022 (रेई) इतालवी अखबार “ला स्ताम्पा” ने रविवार को संत फ्रांसिस की नई किताब का एक अंश प्रकाशित किया, जो मंगलवार, 18 अक्टूबर को इतालवी भाषा में उपलब्ध होगा।  

शीर्षक “मैं आपसे भगवान के नाम पर आग्रह करता हूँ। एक आशापूर्ण भविष्य के लिए दस प्रार्थनाएँ”, संत पापा की नई पुस्तक,  हर्नान रेयेस अल्केड द्वारा संपादित की गई है और इसका प्रकाशन एडिज़ियोनी पिएमे द्वारा किया गया है। यह 13 मार्च 2023 को संत पापा के परमधर्मपीठ की 10वीं वर्षगांठ की तैयारी के मद्देनजर किया गया है।

इस, पुस्तक में, संत पापा ने राष्ट्रों और लोगों से एक सार्वभौमिक अपील की है कि वे एक बेहतर दुनिया के निर्माण हेतु लिए एक साथ काम करें जहाँ शांति विराजती हो।

युद्ध की स्पष्ट निंदा

रविवार को संत पापा फ्राँसिस कलीसियाई शिक्षा की ओर ध्याय आकर्षित करते हुए इस बात को नकारा कि युद्ध राष्ट्रों के बीच समस्याओं को हल कर सकता है, उन्होंने कहा कि युद्ध “हमेशा मानवता की हार है।”

संत पापा ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध, जो 24 फरवरी को रूस के आक्रमण के साथ शुरू हुआ है युद्ध के भयावहता का खुलासा करता है। उन्होंने पिछली शताब्दी के दो विश्व युद्धों के परिणामों को भी याद किया, और कहा कि हम वर्तमान समय में “हम तीसरे विश्व युद्ध को टुकड़ों में लड़ने” का अनुभव कर रहे हैं, जो एक वैश्विक रुप में विस्तरित होने की जोखिम उत्पन्न करता है।

संवाद और आशा संभव रास्ते

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि युद्ध कभी भी न्यायोचित नहीं है और इसके द्वारा कोई भी समाधान स्थापित नहीं किया जा सकता है। इसके बजाय, उन्होंने कहा, राष्ट्रों को “संवाद, वार्ता, सुनना, रचनात्मक कूटनीति और दूरदर्शी राजनीति में संलग्न होना चाहिए जो एक ऐसी प्रणाली का निर्माण कर सकता है जो हथियारों या प्रतिरोध की शक्ति पर आधारित न हो।”

उन्होंने कहा कि शांति हमेशा अच्छी राजनीति का लक्ष्य होना चाहिए और अच्छे ईसाइयों को हमेशा दूसरों के साथ संवाद करना चाहिए। “हम सभी को एक आशा का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। हम शांति निर्माण की इस सामाजिक प्रक्रिया में भाग ले सकते हैं और अवश्य ही इसमें सहभागी होना चाहिए।”

हथियारों और व्यक्तिगत आग्नेयास्त्रों का खतरा

हथियारों के प्रसार पर विचार करते हुए, संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि हथियारों का व्यापार हमारे युग के सबसे खराब नैतिक घोटालों में से एक है, साथ ही यह बेहतर जीवन की तलाश करने वालों के लिए राष्ट्रीय सीमाओं को बंद करता है। उन्होंने राष्ट्रों के नेताओं से हथियारों के व्यापार को समाप्त करने और हथियार व्यपारियों को ऐसे उद्यमों से परविर्तन का साहस और रचनात्मकता का अनुरोध किया जो सामान्य अच्छे, बंधुत्व और समग्र मानवता के विकास को बढ़ावा देते हैं।

संत पापा ने व्यक्तिगत आग्नेयास्त्रों के प्रसार पर भी चिंता व्यक्त की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि बंदूकों का अनुचित संग्रहन बड़े पैमाने पर गोलीबारी और छोटे बच्चों की मृत्यु का कारण बनी है। 

जीने का विकल्प हमारे पास

संत पापा फ्राँसिस ने यूक्रेन युद्ध में परमाणु विनाश के खतरे पर अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों को होना अपने में अनौतिक है, परमाणु हथियारों ने पृथ्वी पर मानवता के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है। 

"आज यह अस्वीकार्य और विचारहीन तथ्य लगता है कि हम इस प्रकार के हथियारों का उत्पादन करने के लिए संसाधनों को बर्बाद करना जारी रखते हैं, जबकि हम एक अपने बीच गंभीर संकट को देखते हैं जो अपने में स्वास्थ्य, भोजन और जलवायु परिवर्तन को समाहित करता है जिसके बारे में कोई भी निवेश कभी भी पर्याप्त नहीं होगा।"  संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि अहिंसा और निरंतर अस्तित्व के मार्ग पर चलने का विकल्प हमारे पास है।

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17 October 2022, 17:36