संत पापा ने स्टेला मारिस की प्रेरिताई को प्रोत्साहित किया
माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, सोमवार 3 अक्टूबर 2022 (रेई) : संत पापा फ्राँसिस ने 2 से 5 अक्टूबर तक स्कॉटलैंड के ग्लासगो में होने वाली स्टेला मारिस (समुद्र की प्रेरिताई) की 25वीं विश्व कांग्रेस में भाग लेने वालों को एक संदेश भेजा।
अपने संबोधन में, संत पापा ने उल्लेख किया कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद से वे पहली, व्यक्तिगत रुप से सभा में उपस्थित हुए हैं और समुद्र की प्रेरिताई की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ (ग्लासगो में 4 अक्टूबर 1920) को पूरी तरह से मना पा रहे हैं। संत पापा ने कहा कि संत पापा जॉन पॉल द्वितीय के मोतु प्रोप्रियो 'स्टेला मारिस' की 25 वीं वर्षगांठ जिसमें प्रेरिताई के मानदंडों को आज के समुद्री समुदाय की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए अद्यतन किया गया था।
"इस खुशी के अवसर पर," संत पापा ने कहा, "मैं आपके साथ और स्टेला मारिस से जुड़े सभी लोगों के साथ, विश्वास की गवाही और पिछली सदी के सभी लोगों, इतने सारे पुरोहितों और स्वयंसेवकों द्वारा दिखाई गई दयालुता और उदारता के अनगिनत कार्यों के लिए ईश्वर को धन्यवाद देता हूँ, जो हम सभी के लाभ के लिए हमारे समुद्रों और जलमार्गों पर काम करते हैं।”
विनम्र शुरुआत से विकास
संत पापा फ्राँसिस ने सन् 1922 में संत पापा पियुस ग्यारहवें की प्रार्थनापूर्ण शुभकामनाओं और उनकी इच्छा को याद किया कि यह "अच्छे फल की एक समृद्ध फसल" काटेगा। संत पापा फ्राँसिस ने कहा, "हम सभी आभारी हैं कि इस तरह के फल प्रचुर मात्रा में हैं।"
उन्होंने कहा कि "छोटी और विनम्र शुरुआत" से, स्टेला मारिस एक व्यापक संगठन के रूप में विकसित हुई है, जो "जहाजों और तटों पर, असंख्य नाविकों और विविध राष्ट्रीयताओं और धार्मिक परंपराओं के समुद्री कर्मियों के लिए आध्यात्मिक, मनोवैज्ञानिक और भौतिक सहायता" प्रदान करती है।
इस तरह की वैश्विक उपस्थिति "सारी दुनिया में बाहर जाने और पूरी सृष्टि को खुशखबरी सुनाने" की प्रभु की आज्ञा के प्रति विशेष प्रतिक्रिया को दर्शाती है। संत पापा ने कहा, कि येसु का अधिकांश मिशन कार्य गलील के समुद्र के आसपास हुआ था और उनके कुछ शिष्य मछुआरे थे जो बाद में मनुष्यों के मछुआरे बन गए।
आप अकेले नहीं हैं और न ही भुलाए गए हैं
संत पापा फ्राँसिस ने पानी के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सृष्टि और हमारा आम घर पानी के विशाल विस्तार से बना है जो जीवन, मानव वाणिज्य और पर्यटन के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा, वास्तव में, दुनिया का लगभग 90 प्रतिशत माल जहाजों द्वारा ले जाया जाता है, जो कि 1.5 मिलियन लोगों के दैनिक कार्य से संभव होता है - जिनमें से कई लोगों को महीनों अपने परिवारों, सामाजिक और धार्मिक समुदाय से दूर रहना पड़ता है।
स्टेला मारिस के मिशन के महत्व को कायम रखते हुए, संत पापा ने इस तरह के अलगाव से जुड़ी कठिनाइयों पर महामारी के प्रभाव को स्वीकार किया और पीड़ित नाविकों को अपना संदेश दोहराया, उन्हें याद दिलाया कि "यह जान लें कि आप अकेले नहीं हैं और आप भुलाए नहीं गये हैं," लेकिन संत पापा के विचारों और प्रार्थनाओं के साथ-साथ स्टेला मारिस के पुरोहितों और स्वयंसेवकों के करीब हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नाविकों को उनके समृद्ध इतिहास से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करती है कि वे उन लोगों की सेवा कैसे जारी रख सकते हैं जिनका जीवन और आजीविका समुद्र से जुड़ी है।
नाविकों की चुनौतियां
संत पापा ने आगे उल्लेख किया कि कई समुद्री श्रमिक विभिन्न प्रकार की अन्यायपूर्ण कार्य स्थितियों और अन्य अभावों से पीड़ित हैं।
इसके अलावा, समुद्री पर्यावरण का नुकसान "हमारे सबसे गरीब और सबसे कमजोर भाइयों और बहनों को असमान रूप से प्रभावित करता है, जिनकी आजीविका को विलुप्त होने का भी खतरा है।"
इस संबंध में, उन्होंने आशा व्यक्त की कि स्टेला मारिस "उन मुद्दों की ओर ध्यान आकर्षित करने में पीछे नहीं हटेंगे जो समुद्री समुदाय के भीतर कई लोगों को उनकी ईश्वर प्रदत्त मानवीय गरिमा से वंचित करते हैं," और इस तरह, येशु के शब्द: "मैं एक अजनबी था और तुमने मेरा स्वागत किया," को व्यवहार में लाने की अपनी महान सेवा को जारी रखेंगे।
संत पापा फ्राँसिस ने कांग्रेस के लिए अपनी प्रार्थनापूर्ण शुभकामनाएँ व्यक्त करते हुए और समुद्र की माता मरिया ‘सागर का तारा’ की सुरक्षा में पुरोहितों, स्वयंसेवकों और स्टेला मारिस से जुड़े सभी लोगों को सौंपते हुए समाप्त किया।
Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here