मरियानहिल मिशनरियों को पोप ने पवित्रता के लिए प्रोत्साहित किया
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 20 अकटूबर 2022 (रेई) ˸ मरियानहिल मिशनरियों के समृद्ध इतिहास को याद करते हुए संत पापा ने भविष्य में उनके मिशन के लिए प्रोत्साहन दिया है कि वे हमेशा पवित्र आत्मा की नवीनता के लिए खुले और तत्पर रहें।
संत पापा ने मरियानहिल मिशन सोसाईटी की महासभा के प्रतिभागियों से बृहस्पतिवार को वाटिकन में मुलाकात की। धर्मसमाज विदेशी मिशन के लिए समर्पित है।
उन्होंने गौर किया कि महासभा, धर्मसमाज की स्थापना के 100 साल पूरा होने पर आयोजित किया गया है ताकि वर्तमान की चुनौतियों के बीच इसे आगे लिया जा सके।
संत पापा ने प्रतिभागियों को सम्बोधित कर कहा, "यह मेरी आशा है कि आपके विचार-विमर्श धर्मसंघ को, इसके संस्थापक के कारिज्म के अनुसार सुदृढ़ करेंगे, जो सुसमाचारी सलाहों द्वारा सुसमाचार के प्रचार उत्साह और न्याय एवं शांति के साथ ख्रीस्त के राज्य की पवित्रता को फैलाने के प्रति निष्ठा को जोड़ती है।"
एकात्मता ˸ एक मन और एक उद्देश्य के होने के लिए बुलाये गये
महासभा की विषयवस्तु, 'एकात्मता ˸ एक मन और एक उद्देश्य के होने लिए बुलाये गये', पर संत पापा ने कहा कि यह खास रूप से अगले वर्ष धर्माध्यक्षीय धर्मसभा की तैयारी के लिए विश्वव्यापी कलीसिया द्वारा इन महीनों में की गई व्यापक सिनॉडल यात्रा के आलोक में विशेष रूप से सामयिक है।
संत पापा ने कहा, "यह कलीसियाई यात्रा मुलाकात, सुनने और चिंतन पर केन्द्रित आध्यात्मिक आत्मपरख की प्रक्रिया के माध्यम से सभी बपतिस्मा प्राप्त लोगों की सहभागिता, भागीदारी और मिशनरी प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने के लिए है, और इस प्रकार आत्मा के नयापन और उसकी प्रेरणा द्वारा, एक और अधिक खुलेपन पर पहुंचना जा सकता है।"
उन्होंने कहा कि सिनॉडल रास्ते पर एक आवश्यक तत्व है, कलीसिया के जीवन एवं भविष्य में लोकधर्मियों की ओर से सह-जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाना।
संत पापा ने कहा कि यह बात आपकी महासभा के संदर्भ में स्पष्ट दिखाई पड़ती है जिसकी अपील संत पौलुस ने कोरिंथ के ख्रीस्तीय समुदाय से की थी, 'एक मन और एक ही उद्देश्य से एकजुट।'
अपने प्रयास में दृढ़ बने रहना
संत पापा ने गौर किया कि उनके धर्मसमाज का इतिहास दिखलाता है कि शुरू से ही सुसमाचार प्रचार के लिए स्थानीय बुलाहट को प्रोत्साहन दिया गया है, स्थानीय समुदाय में समग्र मानव विकास को बढ़ावा दिया गया है तथा सार्वजनिक हित के लिए एक साझा जिम्मेदारी की भावना का विकास किया गया है।
"यदि हमारे समय में कलीसिया को जिस धर्मसभा के लिए बुलाया गया है, उसमें एक साथ चलना और सुनना शामिल है, तो निश्चित रूप से पहली आवाज जिसे हमें सुनना है, वह पवित्र आत्मा की होनी चाहिए।"
सिनॉडालिटी जिसके लिए कलीसिया बुलायी गई है
संत पापा ने कहा, आज, हमेशा की तरह, पवित्र आत्मा के जल की आवश्यकता है, न केवल हमारे हाथों के काम को समृद्ध करने के लिए, बल्कि सबसे बढ़कर हमारे दिलों की कठोर मिट्टी को नरम करने के लिए।
संत पापा ने महासभा की सफलता के लिए अपनी प्रार्थनाओं का आश्वासन दिया ताकि सुसमाचार की यह सेवा पवित्रता एवं निष्ठापूर्वक करने हेतु मरियानहिल के मिशनरियों के विकास में पवित्र आत्मा का प्रचुर फल ला सके।
संत पापा ने उन्हें कलीसिया की माता कुँवारी मरियम की ममतामय मध्यस्थता को समर्पित किया तथा उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
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