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विश्व संगठन (यूनियापाक) के सदस्यों से संत पापा की भेंट विश्व संगठन (यूनियापाक) के सदस्यों से संत पापा की भेंट 

सामान्य हित के लिये नई अर्थव्यवस्था का सन्त पापा ने किया आह्वान

वाटिकन में शुक्रवार को ख्रीस्तीय उद्योगकर्त्ताओं एवं व्यापारियों के विश्व संगठन (यूनियापाक) के 27 वें विश्व सम्मेलन में भाग ले रहे उद्योगकर्त्ताओं ने सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 21 अक्तूबर 2022 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन में शुक्रवार को ख्रीस्तीय उद्योगकर्त्ताओं एवं व्यापारियों के विश्व संगठन (यूनियापाक) के 27 वें विश्व सम्मेलन में भाग ले रहे उद्योगकर्त्ताओं ने सन्त पापा फ्राँसिस का साक्षात्कार कर उनका सन्देश सुना।   

क्षमताएँ ईश प्रदत्त वरदान

सन्त पापा फ्राँसिस ने इस अवसर पर उद्योगकर्त्ताओं एवं व्यापार में संलग्न नेताओं से कहा कि यह कदापि न भुलाया जाये कि व्यवसाय में सफलता सहित हमारी सभी क्षमताएं ईश्वर की ओर से मिले वरदान हैं और "हमेशा स्पष्ट रूप से दूसरों के विकास और ग़रीबी को दूर करने के लिए निर्देशित किये जाने चाहिये, विशेष रूप से, विविध कार्य अवसरों के निर्माण के माध्यम से।"

सन्त पापा ने कहा कि उद्योगकर्त्ताओं एवं व्यापार में संलग्न लोग सदैव इस बात का विचार करें कि उन पर ईश कृपा बनी रही है तथा उन्हें मिला विवेक भी ईश्वर द्वारा दिया गया है, इसलिये वे अपना हर काम और अपने सहयोगियों के साथ व्यहवार को ईश्वरीय प्रज्ञा से निर्देशित होने दें।   

सन्त पापा ने कहा, "हमें भले कर्मों के लिये रचनात्मक होने के लिए बुलाया गया है, अस्तु, हम इस दुनिया के सामानों का उपयोग भलाई के लिये करें, न केवल भौतिक चीज़ों का उपयोग बल्कि सभी उपहारों का सदुपयोग करें  जो हमें प्रभु से प्राप्त हुए हैं, उनका उपयोग हम ख़ुद को समृद्ध करने के लिए नहीं, बल्कि भाईचारे को बढ़ावा देने तथा प्रेम एवं मैत्री के साथ सामाजिक सहभागिता उत्पन्न करने के लिए करें।"

"सामान्य भलाई के लिए एक नई अर्थव्यवस्था"

27 वें विश्व सम्मेलन के विषय "सामान्य भलाई के लिए एक नई अर्थव्यवस्था" पर चिन्तन करते हुए सन्त पापा ने कहा, "इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारी दुनिया को तत्काल "एक अलग तरह की अर्थव्यवस्था की आवश्यकता है: ऐसी अर्थव्यवस्था जो जीवन लाती है मृत्यु नहीं, जौ समावेशी है, अनन्य नहीं, ऐसी अर्थव्यवस्था जो मानवीय है, अमानवीय नहीं, जो पर्यावरण की परवाह करती और उसका कभी ह्रास नहीं होने देती है।"

सन्त पापा ने कहा कि न्याय पर आधारित अर्थव्यवस्था के लिये उद्योगकर्त्ताओं एवं व्यापारियों को यह ध्यान रखना होगा कि आर्थिक गतिविधि सभी स्त्री-पुरुषों के प्रति निर्देशित होनी चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति को आर्थिक जीवन में भाग लेने का अधिकार है और प्रत्येक को अपनी क्षमता के अनुसार, अपने देश और पूरे मानव परिवार की प्रगति में योगदान देने का अधिकार है ... यह एकजुटता और न्याय में एक कर्तव्य है, लेकिन यही सम्पूर्ण मानवता के लिए आर्थिक प्रगति लाने का सर्वोत्तम तरीका भी है।"

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21 October 2022, 12:37