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"सीमांत समुदाय" के 250 सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस "सीमांत समुदाय" के 250 सदस्यों से मुलाकात करते संत पापा फ्रांँसिस 

पोप ˸ संत फ्राँसिस एवं फादर पुलीसी के समान ख्रीस्त के प्रेम का साक्ष्य दें

संत पापा फ्राँसिस ने 22 अक्टूबर को इटली के "सीमांत समुदाय" के 250 सदस्यों से वाटिकन में मुलाकात की तथा उन्हें सुसमाचार को जीने एवं पुनर्जीवित ख्रीस्त पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व को रेखांकित किया ताकि वे वंचित युवाओं को अंधकार से प्रकाश में आने हेतु मदद कर सकें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 22 अक्तूबर 2022 (रेई) ˸ संत पापा फ्राँसिस ने सीमांत समुदाय के 250 सदस्यों से वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में मुलाकात करते हुए उन्हें येसु के समान सीमा के परे जाकर लोगों की मदद करने का प्रोत्साहन दिया।

सीमांत समुदाय सेवा संत फ्राँसिस असीसी एवं धन्य जुसेप्पे पुलिसी के आदर्शों पर चलकर मानव प्रतिष्ठा, सम्मान एवं स्वतंत्रता के मूल्यों को बढ़ावा देते हैं, जिन्होंने ईश्वर के लोगों के प्रति प्रेम के कारण अपना जीवन अर्पित कर दिया।

जीवन जीने का तरीका

संत पापा ने कहा, "संत फ्राँसिस एवं फादर पुलिसी दोनों ने सुसमाचार को 'सीमांत' में जीया।" उन्होंने सीमांत शब्द को एक नारा के रूप में नहीं लेने बल्कि येसु ख्रीस्त के उस तरीके के रूप में अपनाने की सलाह दी, जो ईश्वर होते हुए भी, हम "खोई हुई" आशाहीन भेड़ों की मुलाकात करने आये।

सीमांत के बारे बोलते हुए संत पापा ने कहा कि यह संत फ्राँसिस का तरीका है जो निर्धन और भिखारी बन गये ताकि अपने आपको पूरी तरह स्वर्गीय पिता की दया के भरोसे छोड़ सकें और इसके द्वारा वे दीन दुःखी लोगों के समान बन सकें। जिन्होंने लोगों के साथ रोटी बांटी और सबसे बढ़कर प्रेम बांटा।  

सीमांत, फादर पुलिसी का अंदाज है जो अपनी पल्ली ब्रांकाचा में उन लड़कों के पिता बन गये, जिनसे वे सकड़ों पर मुलाकात करने थे एवं उन्हें सड़कों से हटाकर माफिया की नहीं बल्कि ईश्वर एवं पड़ोसियों की सेवा करना सिखाया।  

संत पापा ने कहा कि सीमांत कोई नारा नहीं बल्कि जीवन जीने का तरीका है। यह प्रेम की डोर है जो बुराई से ऊपर उठती एवं जीवन उत्पन्न करती है। प्रेम जो स्वागत करता एवं सुनता है, जो सामीप्य, कोमलता, सहानुभूति, सम्मान, प्रतिष्ठा एवं बढ़ावा है।  

केंद्र में येसु

संत पापा ने सीमांत समुदाय सेवा के सदस्यों को संत डॉन बोस्को का उदाहरण देते हुए बच्चों एवं युवाओं के प्रति प्रतिबद्ध होने के लिए प्रोत्साहित किया। ताकि आज के बच्चे और युवा अच्छे ख्रीस्तीय एवं देश के ईमानदार नागरिक बन सकें।

संत पापा ने समुदाय के प्रतीक पुनर्जीवित ख्रीस्त की याद करते हुए जिन्हें अपने जीवन के केंद्र में रखने पर जोर दिया ताकि वे पुनर्जीवित ख्रीस्त की ज्योति उन लड़के- लड़कियों को दे सकेंगे जो अंधकार में हैं कि वे प्रकाश में आ सकें, और एक नया जीवन पा सकें।

उन्होंने सभी सदस्यों को प्रभु और पवित्र आत्मा से बल पाकर, ख्रीस्त के अंदाज ˸ सामीप्य, कोमलता एवं सहानुभूति के साथ आगे बढ़ने का प्रोत्साहन दिया। उन्होंने कहा, "इस तरह आप दुनिया की सच्ची सीमा "मानव हृदय में" सुसमाचार के बीज बोयेंगे।"

अंत में, संत पापा ने उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया एवं माता मरियम से उनके लिए प्रार्थना की।  

सीमांत समुदाय

कोमुनिता फोंतिएरा या सीमांत समुदाय दक्षिणी इटली के ईन्ना प्रांत में सेवारत है जहाँ दिन में नाबालिग बच्चों की मदद के लिए एक केंद्र खोला गया है। केंद्र में 100 युवा हैं। समुदाय ने बारी प्रांत में "चित्ता देई रागात्सी" (युवा लोगों का शहर) का पहला आवासीय और अर्ध-आवासीय केंद्र बनाया, जिसे इटली के आंतरिक मंत्रालय ने किशोर अपराध की रोकथाम के लिए दक्षिणी इटली के एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में मान्यता दी है।

पियात्सा अर्मेनिया धर्मप्रांत में स्थापित यह समुदाय फ्रायर माईनर मठवासी के ऑर्डर से जुड़ा एक लोकधर्मी सार्वजनिक संघ है।   

एक वास्तविक "स्थानीय अस्पताल" के रूप में चित्ता देई रागात्सी का उद्घाटन 15 सितम्बर 2011 को फादर जोसेफ पुलीसी की शहादत की यादगारी में किया गया था। केंद्र का उद्देश्य है अपराध और अपनी शैक्षणिक भूमिका को पूरा नहीं करने के कारण  आंतरिक रूप से घायल युवाओं को चंगाई पाने में मदद देना। समुदाय का आदर्श वाक्य हैं, "कोई बदमाश लड़के नहीं हैं बल्कि कुछ लोग ऐसे हैं जिन्हें अच्छाई को जानने का अवसर नहीं मिला है।"

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22 October 2022, 16:32