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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

देवदूत प्रार्थना में पोप : प्रार्थना विश्वास की दवाई है, आत्मा बचाने के लिए

देवदूत प्रार्थना के पूर्व अपने संदेश में संत पापा फ्राँसिस ने सबसे महत्वपूर्ण बात, ईश्वर के प्रति प्रेम एवं पड़ोससियों के प्रति प्रेम पर ध्यान देने का प्रोत्साहन दिया, तथा निरंतर प्रार्थना करने की सलाह दी ताकि हमारा विश्वास मजबूत बना रहे।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार, 16 अक्टूबर 2022 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 16 अक्टूबर को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

एक गंभीर सवाल

आज की धर्मविधि का सुसमाचार पाठ येसु द्वारा किये गये एक परेशान करनेवाले सवाल के साथ समाप्त होता है: "परन्तु जब मानव पुत्र आयेगा जो क्या वह पृथ्वी पर विश्वास बचा हुआ पायेगा?" (लूक 18:8)

संत पापा ने कहा कि यह इस प्रकार कहने के समान है, "जब मैं दुनिया के अंत में फिर आऊँगा" - या हम भी जीवन के इस पड़ाव में सोच सकते हैं, "क्या मैं आपमें, आपकी दुनिया में थोड़ा विश्वास पा सकता हूँ?" संत पापा ने कहा कि यह एक गंभीर सवाल है।

मेरे जीवन और मेरे हृदय में प्रभु क्या पाते

आइये, हम कल्पना करें कि यदि प्रभु आज पृथ्वी पर होते। तो दुर्भाग्य से, वे बहुत सारे युद्धों, गरीबी और असमानता को देखते। साथ ही वे अत्याधिक तकनीकी प्रगति, आधुनिक उपकरणों और हमेशा दौड़ते हुए लोगों को देखते जो कभी नहीं रूकते हैं। लेकिन क्या वे किसी ऐसे व्यक्ति को पाते जो अपना समय और स्नेह उनके लिए समर्पित कर सकता है, जो उन्हें पहले स्थान पर रख सकता है? सबसे बढ़कर हम अपने आप से पूछें, वे मुझमें क्या पाते, मेरे जीवन और मेरे हृदय में? किन प्राथमिकताओं को वे देखते?"

हम महत्वपूर्ण चीजों को दरकिनार कर देते हैं

हम बहुधा कई महत्वपूर्ण किन्तु अनावश्यक चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हम अपने आपको कई दूसरी चीजों में व्यस्त और चिंतित रखते हैं। और शायद अनजाने में उस चीज को दरकिनार कर देते हैं जो सबसे महत्वपूर्ण है और ईश्वर के प्रति हमारे प्रेम को हम ठंढा पड़ने देते हैं। आज येसु हमें अपने विश्वास को पुनः जागृत करने का उपाय बतलाते हैं। वह कौन सा उपाय है? संत पापा ने कहा, प्रार्थना। जी हाँ, प्रार्थना विश्वास की औषधि है, यह आत्मा को बचाती है। इसके लिए लगातार प्रार्थना करना है। उसी तरह, जिस तरह यदि पूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करना हो तो महत्वपूर्ण होता है कि इलाज की सलाहों का सही तरीके से पालन किया जाए। ईमानदारी से और प्रतिदिन सही तरीके से एवं सही समय पर दवाई ली जाए। यह सभी के जीवन के लिए आवश्यक है।

निरंतर प्रार्थना करनी चाहिए

हम एक पौधे को लें : हमें इसे लगातार पानी देना पड़ता है। एक बार अच्छी तरह पानी देकर हम उसे सप्ताह भर के लिए नहीं छोड़ सकते। प्रार्थना के साथ भी ऐसा ही होता है। एक बार बड़ी भक्ति से प्रार्थना करना या मुलाकात करना, उसके बाद सीतनिद्रा में चले जाना, इससे हमारा विश्वास सूख जायेगा।

संत पापा ने कहा कि हमें प्रतिदिन विश्वास रूपी जल की आवश्यकता है, ईश्वर को समय देना है, ताकि वे हमारे समय में प्रवेश कर सकें। हम निरंतर उनके लिए अपना हृदय खोलें, ताकि वे हमें अपना प्रेम, शांति, आनन्द, शक्ति, आशा से भर सकें, इस प्रकार वे हमारे विश्वास को पोषित करेंगे।    

यही कारण है कि येसु अपने सभी शिष्यों से कहते हैं - "नित्य प्रार्थना करनी चाहिए और कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।"(पद.1) अब कोई कह सकता है : "मैं यह कैसे कर सकता हूँ? मैं कॉन्वेंट में नहीं रहता। मेरे पास अधिक समय नहीं है प्रार्थना करने के लिए!”

तीर विन्ती

संत पापा ने तीर विन्ती करने की सलाह देते हुए कहा कि एक आध्यात्मिक अभ्यास जिसके बारे आज थोड़ा भुला दिया गया है, इसके बारे खासकर, हमारे दादा-दादी बतला सकते हैं और हमारी मदद कर सकते हैं।

संत पापा ने कहा कि नाम सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन यह अच्छी प्रार्थना है। "ये छोटी प्रार्थनाएँ हैं, जिन्हें सहज ही याद किया जा सकता है, जिसे बार-बार और दिनभर दुहराया जा सकता है। विभिन्न कामों को करते हुए भी किया जा सकता है ताकि हम प्रभु से जुड़े रहें। आइये, हम एक उदाहरण ले, हम जैसे ही उठते हैं, कह सकते हैं, "प्रभु मैं आपको धन्यवाद देता हूँ और इस पूरे दिन को तूझे चढ़ाता हूँ। उसके बाद किसी काम करने के पहले हम कह सकते हैं, "हे पवित्र आत्मा आ।" एक काम से दूसरे काम को करते हुए कह सकते हैं, "प्रभु मैं आप पर भरोसा रखता और आपको प्यार करता हूँ।"

जीवन के वचन को ग्रहण करना

हम जिन्हें प्यार करते, उनके लिए कितनी बार मेसेज भेजते हैं। आइये हम प्रभु के लिए भी ऐसा ही करें ताकि हमारा हृदय उनसे जुड़ा रहे। और आइये हम उनके जवाब को पढ़ना न भूलें। हम उन्हें सुसमाचार में पायेंगे, जिसको हमेशा अपने हाथ में रखना है और हर दिन खोलना है, ताकि हम हमारे लिए प्रदान किये गये जीवन के वचन को ग्रहण कर सकें।

तब संत पापा ने कुँवारी मरियम से प्रार्थना करते हुए कहा, "कुँवारी मरियम, विश्वासी स्रोता, हमें बिना थके, निरंतर प्रार्थना करने की कला सिखा दें।" इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना में संत पापा का संदेश

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16 October 2022, 15:29