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संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

देवदूत प्रार्थना में पोप : 'येसु हमारी प्रतिष्ठा को बचाने हेतु हम पर नजर डालते है'

रविवार को देवदूत प्रार्थना के पूर्व संत पापा फ्राँसिस ने चुंगी जमा करनेवाले नाकेदार जकेयुस के साथ येसु की मुलाकात की कहानी पर चिंतन किया और कहा कि प्रभु हमेशा हमारी टूटी मानवता पर नजर डालते हैं ताकि वे हमारी प्रतिष्ठा को पुनःस्थापित कर सकें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रविवार, 30 अकटूबर 2022 (रेई) : वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 30 अक्टूबर को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया, जिसके पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

आज, धर्मविधि में, सुसमाचार येसु और जकेयुस के बीच मुलाकात का वर्णन करता है, जो येरीखो शहर के नाकेदारों का प्रमुख था। (लूक.19,1-10) इस घटना के केंद्र में खोजना क्रिया है। जाकेयुस देखना चाहता था कि येसु कैसे हैं (3) येसु उससे मिलने के बाद कहते हैं, मानव पुत्र खोजने और बचाने आया है (पद.10) संत पापा ने कहा, "आइये हम इन दो नजरों पर प्रकाश डालें जो खोजते हैं। जाकेयुस की नजर जो येसु की खोज करती है और येसु की नजर जो जकेयुस की खोज करती है।

पुनः शुरू करने का हमेशा एक अवसर होता है

संत पापा ने गौर किया कि जकेयुस एक नाकेदार था, उन यहूदियों में से एक जो रोमी सम्राठ की ओर से चुंगी जमा करता था और अपने पद का फायदा उठा रहा था। इसीलिए वह धनी था, सबके द्वारा घृणित और पापी समझा जाता था। पाठ बतलाता है कि वह छोटे कद का था (पद.3) और यह शायद उसकी आंतरिक नीचता, उसके औसत, बेईमान जीवन की ओर भी इशारा करता है, जिसकी निगाह हमेशा नीचे की ओर झुकी होती थी। फिर भी जाकेयुस येसु को देखना चाहता है। सुसमाचार बतलाता है कि वह दौड़कर आगे जाता और एक गूलर के पेड़ पर चढ़ जाता है ताकि वह येसु को देख सके, जो वहाँ से पार होनेवाले थे। (पद.4) 

जाकेयुस अपने अकेलेपन के बावजूद, येसु को देखने के दूसरे रास्ते की आवश्यकता महसूस करता है। वह उन्हें नहीं जानता था लेकिन ऐसे व्यक्ति का इंतजार करता है जो उसकी स्थिति से मुक्त करेगा। उस दलदल से बाहर निकालेगा जिसमें वह खुद को पाता है। यह आधारभूत है जिसको जाकेयुस हमें सिखलाता है कि जीवन में सब कुछ समाप्त कभी नहीं होता। हम हमेशा पुनः शुरू करने, बदलने की इच्छा रखने के लिए स्थान पा सकते हैं।

येसु विनम्र बनते हैं ताकि हमें उठा सकें

इसपर दूसरा आयाम निर्णायक है : येसु की नजर। वे पिता के द्वारा उन लोगों को खोजने के लिए भेजे गये हैं जो खो गये हैं। और जब वे येरीखो पहुँचते हैं, पेड़ के नीचे से गुजरते हैं, जहाँ जाकेयुस चढ़ा था। सुसमाचार बतलाता है कि येसु ने ऊपर देखा और उनसे कहा, "जाकेयुस जल्दी नीचे आओ, क्योंकि आज मुझे तुम्हारे यहाँ ठहरना है। (पद.5)

संत पापा ने कहा कि यह सुन्दर छवि है क्योंकि यदि येसु को ऊपर देखना था तो इसका अर्थ है कि वे नीचे से जाकेयुस को देख रहे थे। यह मुक्ति इतिहास है : येसु हमें कभी भी नीच के रूप में नहीं देखते और न ही न्याय करते हैं, इसके विपरीत, वे खुद को विनम्र बनाते और इतना झुकाते हैं कि हमारे पैर धोते हैं, नीचे से हमें देखकर हमारी प्रतिष्ठा की रक्षा करते हैं। इस तरह जाकेयुस और येसु की नजरों का मिलना, पूरे मुक्ति इतिहास के सार के समान लगता है। मानव अपनी दयनीय स्थिति से मुक्ति की खोज करता है लेकिन पहले ईश्वर अपनी दया से अपनी सृष्टि को बचाना चाहते हैं।

कलीसिया की दयापूर्ण नजर

संत पापा ने विश्वासियों को जोर देकर कहा, "भाइयो एवं बहनो, हम याद रखें : ईश्वर की नजर हमारे गलतियों से भरे अतीत पर नहीं रूकती बल्कि उसपर असीम दृढ़ता से पड़ती है कि हम क्या बन सकते हैं। यदि हम कभी महसूस करते हैं कि हम छोटे कद के व्यक्ति हैं, जीवन की चुनौतियों से उलझे हैं, सुसमाचार से दूर, समस्याओं और पापों से घिरे, येसु हमेशा हमें प्यार से देखते हैं, जैसा कि उन्होंने जकेयुस को देखा। वे हमारी ओर आते हमें नाम से बुलाते और यदि हम उनका स्वागत करते तो वे हमारे घर आते हैं। हम अपने आप से पूछें कि हम किस तरह अपने आपको देखते हैं? क्या हम अपर्याप्त महसूस करते और छोड़ देते हैं या जब हम निराशा महसूस करते हैं तो क्या हम येसु के मुलाकात करने की कोशिश करते हैं? और हम उन लोगों के प्रति क्या दृष्टिकोण रखते हैं जिन्होंने गलती की है और जो अपनी गलतियों के धूल से ऊपर उठने हेतु संघर्ष करते हैं? क्या यह ऊपर से देखनेवाली नजर होती है जो न्याय करती, तिरस्कार और बहिष्कृत करती है?

संत पापा ने कहा "किन्तु हम ख्रीस्तीयों को ख्रीस्त की नजर रखनी चाहिए जो नीचे से आलिंगन करते, जो खोये हुओं को दया से खोजते हैं। यही दृष्टि कलीसिया की हमेशा होनी चाहिए।"

तब संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा, "आइये हम माता मरियम से प्रार्थना करें, जिसकी दीनता को प्रभु ने देखा और उनकी मध्यस्थता द्वारा खुद को और दूसरों को एक नये नजरिये से देखने के लिए प्रार्थना करें।"

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30 October 2022, 12:44