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मिशनरी ओब्लेट्स ऑफ मेरी इम्माकुलेट (ओएमआई) धर्मसंघ के सदस्यों को संबोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस मिशनरी ओब्लेट्स ऑफ मेरी इम्माकुलेट (ओएमआई) धर्मसंघ के सदस्यों को संबोधित करते हुए संत पापा फ्राँसिस 

'आशा के सुसमाचार की घोषणा करें', ओएमआई से संत पापा फ्राँसिस

संत पापा फ्राँसिस ने अपने 37वें महासभा के मिशनरी ओब्लेट्स ऑफ मेरी इम्माकुलेट पुरोहितों से मुलाकात की और उनसे पूरे विश्व में आशा, आनंद और शांति के सुसमाचार को प्रसारित करने का आग्रह किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 3 अक्टूबर 2022 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को मिशनरी ओब्लेट्स ऑफ मेरी इम्माकुलेट (ओएमआई) धर्मसंघ के 37वें महासभा के सदस्यों से मुलाकात की। मिशनरी धर्मसंघ की स्थापना 1816 में फ्रांस के दक्षिण में संत यूजीन डी माजेनॉड द्वारा की गई थी।

धर्मसंघ के सदस्यों को अपने संबोधन में, संत पापा ने फादर लुइस इग्नासियो रोइस अलोंसो को अपनी शुभकामनाएं दीं, जिन्हें पिछले गुरुवार को 6 साल के कार्यकाल के लिए नए ओएमआई सुपीरियर जनरल के रूप में चुना गया। उन्होंने पिछले सुपीरियर जनरल, फादर लुई लुगेन को पिछले 12 वर्षों की सेवा के लिए भी धन्यवाद दिया।

"आशा के तीर्थयात्री"

अपने 37वें महासभा के लिए, ओब्लेट्स ने विषय चुना है: "एकता में आशा के तीर्थयात्री।"

संत पापा फ्राँसिस ने उल्लेख किया कि यह विषय येसु के शिष्यों के रूप में उनकी पहचान का प्रतीक है, जिन्हें "आशा, आनंद और शांति का सुसमाचार का प्रचार करने के लिए बुलाया जाता है" एक ऐसे समय में जहां युद्ध और संघर्ष, प्रवासियों और शरणार्थियों के संघर्ष और अमीरों पर केंद्रित एक अर्थव्यवस्था दुनिया को अंधेरे में घेर लेती है।

संत पापा ने कहा, "केवल सुसमाचार ही आशा की ज्योति जलाए रख सकता है।"

उन्होंने यह भी कहा कि ओब्लेट्स का मुख्य मिशन तीर्थयात्री बनना है जो 70 देशों में कलीसिया की सेवा करते हुए दुनिया की यात्रा करते हैं, "हमेशा येसु की तरह अपने शिष्यों के साथ जाने के लिए तैयार रहते हैं।"

"आशा के तीर्थयात्रियों, आप ईश्वर के लोगों के साथ चलते हैं, अपने मिशनरी बुलाहट के प्रति निष्ठा में रहते हैं, साथ ही उन सामान्य लोगों और युवाओं के साथ जो कलीसिया में आपके पवित्र संस्थापक के करिश्मे को साझा करते हैं और जो आपके मिशन का सक्रिय हिस्सा बनना चाहते हैं।"

संत पापा ने आगे कहा, "आशा के मिशनरी" होने के नाते, गरीबों के सद्गुण को पहचानना, कम भाग्यशाली लोगों द्वारा सुसमाचार प्रचार करने की अनुमति देने की हिम्मत करना, ताकि वे आपको "कलीसिया के लिए और दुनिया के लिए आशा का मार्ग सिखा सकें।”

एकता में रहने का महत्व

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि आज एकता में रहना वह नींव है जिस पर "दुनिया का भविष्य, कलीसिया और धार्मिक जीवन निर्भर हो सकता है।"

यह भविष्य सबसे पहले आपस में एकता में निहित होना चाहिए, इसे "बिना किसी अपवाद के सभी" के साथ विकसित करना चाहिए।

"मैं आपसे एकजुटता, निकटता, सिनॉडालिटी और सभी के साथ बंधुत्व की अभिव्यक्ति के माध्यम से एकता के प्रवर्तक बनने का आग्रह करता हूँ।"

स्रोत की ओर लौटना

संत पापा फ्राँसिस ने कहा, हमारी "धरती माता" की देखभाल करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारी धरती वह स्रोत है जो हमें "बदले में कुछ भी मांगे बिना" खिलाती रहती है।

इसी तरह, संत पापा ने कहा कि, जीवन और मिशन के स्रोत के रूप में पिता ईश्वर के पास लौटना आवश्यक है, "पहला प्यार जिसने आपको येसु का अनुसरण करने के लिए सब कुछ छोड़ने हेतु प्रेरित किया।"

संस्थापक, संत यूजीन का करिश्मा "मिशनरी बुलाहट में निहित" दूसरे के लिए आपसी प्रेम और "आत्माओं के उद्धार के लिए उत्साह" ओब्लेट जीवन में एक संदर्भ बिंदु के रूप में रहना चाहिए, ।

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि संत यूजीन का गरीबों के लिए महान प्रेम और मिशन, विश्वास के माध्यम से ईश्वर के प्रेम को फैलाना, ओब्लेट्स के लिए एक प्रेरणा है।

"आपके मिशन के विशाल क्षेत्र जो पूरी दुनिया को कवर करता है, येसु हमेशा आपका आदर्श हो, जैसा कि वह संत यूजीन के लिए था। क्रूसित प्रभु के सामने, उसने एक दिन अपने जीवन को समर्पित करने का फैसला किया ताकि हर कोई, विशेष रूप से गरीब, ईश्वर के उसी प्रेम का अनुभव कर सके जो उसे विश्वास के मार्ग पर वापस लाया था।"

ओब्लेट के जीवन में माता मरिया एक आदर्श

ऐक्स-एन-प्रोवेंस में निष्कलंक माता की प्रतिमा के सामने धर्मसंघ के एक कठिन क्षण में संत यूजीन को प्राप्त विशेष कृपा पर ध्यान केंद्रित करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि माता मरिया तीर्थयात्रा पथ पर "आपकी सहयात्री के रूप में" एक विशेष भूमिका निभा सकती हैं।

संत पापा ने कहा, मरिया ने ईश्वर को "हां" कहा और जल्दबाजी में "ईश्वर के उपहार को साझा करने और सेवा करने के लिए निकल पड़ी।" इसलिए, हमारी माता मरिया मिशन और ईश्वर के लोगों की सेवा में कैसे रहना है, इस बारे में हमारी आदर्श हैं।

अंत में, संत पापा फ्राँसिस ने  महासभा जारी रखने की शुभकामना दी। ओब्लेट्स ओएमआई और उनसे जुड़े लोगों को आशीर्वाद देते हुए अपना संबोधन समाप्त किया।

 

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03 October 2022, 15:56