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स्कालाब्रिनी प्रेरितों से भेंट करते संत पापा फ्रांसिस स्कालाब्रिनी प्रेरितों से भेंट करते संत पापा फ्रांसिस  

संत पापाः प्रवासन एक महत्वपूर्ण चुनौती है

संत पापा फ्रांसिस ने वाटिकन में स्कालाब्रिनी समुदाय के सभी लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि आप सुन्दर “फलों के सलाद” स्वरुप हैं।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 10 अक्तूबर 2022 (रेई) संत पापा फ्रांसिस ने जोवन्नी बत्तिस्ता स्कालाबिनी की संत घोषणा धर्मविधि में सहभागी होने आये तीर्थयात्रियों से भेंट की और उन्हें अपने संदेश दिया।

संत पापा फ्रांसिस से स्कालाब्रिनी समुदाय के सभी लोगों का स्वागत करते हुए कहा कि आप सुन्दर “फलों के सलाद” स्वरुप हैं। यह अपने में कितना मनोरम है जो संत धर्माध्यक्ष स्कालाब्रिनी की साँसों, खुले हृदय से उनके कार्यों को व्यक्त करता है।

संत पापा के नव घोषित संत का, इतालवी प्रवासियों के लिए किये गये कार्यों की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा,“उस समय हजारों की संख्या में इतालवी आमेरिका की ओर प्रलायन कर रहे थे। धर्माध्यक्ष स्कालाब्रिनी ने उन्हें ख्रीस्त की निगाहों से देखा, जिसके बारे में संत मत्ती का सुसमाचार कहता है,“लोगों को देखकर ईसा को उन पर तरस आया, क्योंकि वे बिना चरवाहे की भेड़ों की तरह थके-माँदे पड़े हुए थे।” इस भांति वे अति करूणा, और पर्याप्त सामग्री तथा आध्यात्मिक सहायता में उनकी देख-रेख करने लगे।

प्रवासन बड़ी चुनौती

उन्होंने कहा कि प्रवासन आज भी एक बहुत महत्वपूर्ण चुनौती है। आज हर बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति को अपने प्रवासी और शरणार्थी भाई-बहनों को ईश्वर की निगाहों से देखने हेतु बुलाया जाता है जैसे कि धर्माध्यक्ष स्कालाब्रिनी ने किया।

संत पापा ने कहा कि आज हम मिलन की संस्कृति को जीने और उसे प्रसारित करने हेतु बुलाये जाते हैं। यह अपने में एक समृद्ध अनुभूति है क्योंकि यह विविधता की सुंदरता को प्रकट करता है। यह उनके लिए फलदायी भी है, जो विश्वास, आशा में सभी के लिए शांति और कल्याण की दुनिया स्थापित करने हेतु अपने को प्रतिबद्ध पाते हैं। “हमें हाशिये में पड़े लोगों से शुरूआत करने की जरुरत है, और यदि ऐसा नहीं होता तो हम अपने में सभों को सम्माहित नहीं करते हैं।” प्रज्ञा का एक नियम है जब हम चलते तो हमें सबसे पीछे रहने वाले के संग कदम मिला कर चलने की जरुरत है।

सृजनात्मक सोचें

संत पापा ने कहा कि भ्रातृत्व और सामाजिक मित्रता को बढ़वा देने हेतु हमें सृजनात्मक रूप में सोचने की जरुरत है। हमें चाहिए कि हम नये स्थानों का निर्माण करें जहाँ कला, संगीत और एक साथ रहना हमारे लिए अंतरसांस्कृतिक गतिशीलता के उपकरण बनें, जहां हम विविधता के मिलन की समृद्धि का स्वाद ले सकते हैं।

संत पापा स्कालाब्रिनी प्रेरितों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे सदैव अपने को अपने संस्थापक से प्रोत्साहित होता पायें जो प्रवासियों के पिता हैं। “उनका आदर्श हमें प्रवासियों की खुशी में शामिल होने में मदद करें, हम पवित्र आत्मा की प्रेरणा से उनकी सेवा कर सकें, क्योंकि हर व्यक्ति में हम येसु ख्रीस्त से मिलते हैं।”

संत जोवन्नी बत्तिस्ता स्कालाब्रिनी हमें अपनी तरह संत बनने की चाह से प्रेरित करें। हममें हर कोई एक मूल रूप में, अद्वितीय तरीके से, जैसा कि ईश्वर की अनंत कल्पना ने हमें बनाया है इस कार्य में आगे बढ़ें। यह हमें खुशी से भर देता और हमें नए येरुसालेम की ओर एक साथ चलने की आशा देता है जहाँ हम न्याय, बंधुत्व और शांति के राज्य को स्थापित करते हैं।  

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10 October 2022, 16:08