"पारिस्थितिक आध्यात्मिकता" को जीने का अर्थ
संत पापा फ्राँसिस ने सृष्टि काल में जिसको 1 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक मनाया जाता है, "पारिस्थितिक आध्यात्मिकता" का आह्वान किया है। "पारिस्थितिक आध्यात्मिकता" को जीने का अर्थ है सारी सृष्टि में सृष्टिकर्ता ईश्वर की उपस्थिति देखना।
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, मंगलवार, 6 सितम्बर 2022 (रेई) ˸ संत पापा फ्राँसिस ने सृष्टि काल में जिसको 1 सितम्बर से 4 अक्टूबर तक मनाया जाता है, "पारिस्थितिक आध्यात्मिकता" का आह्वान किया है। "पारिस्थितिक आध्यात्मिकता" को जीने का अर्थ है सारी सृष्टि में सृष्टिकर्ता ईश्वर की उपस्थिति देखना।
उन्होंने 6 सितम्बर के ट्वीट संदेश में लिखा, "सृष्टि का मधुर संगीत हमें "पारिस्थितिक आध्यात्मिकता" को जीने का आह्वान करता है जो प्राकृतिक जगत में ईश्वर की उपस्थिति पर ध्यान देता, सचेत कराता है कि सब कुछ की सृष्टि ख्रीस्त ने की है और कि "उनके बिना कुछ भी उत्पन्न नहीं हुआ है।" (यो.1:3) #SeasonofCreation
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06 September 2022, 17:01